पटना : प्रधान महालेखाकार, बिहार ने राज्य के स्थानीय निकायों के कामकाज पर तल्ख टिप्पणी की है. 31 मार्च, 2013 के लिए गुरुवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया कि पंचायती राज विभाग 2008-09 से 2012-13 के बीच तीन हजार करोड़ रुपये खर्च नहीं कर पाया.
विभाग को इस अवधि में 11859.60 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गये, जिनमें मात्र 8392.24 करोड़ रुपये खर्च किये गये. सोलर लाइट खरीद में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी उजागर हुई है.उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं देने के कारण पंचायतों को पेयजलापूर्ति के लिए आवंटित 31.06 करोड़ से वंचित रह जाना पड़ा.