पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने पश्चिमी देशों के आगे झुकने से इनकार कर दिया है. यहां जारी बयान में श्री मोदी ने कहा कि पश्चिमी देश चाहते थे कि भारत किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं दे और सब्सिडी में कटौती करे. इस मसले पर नरेंद्र मोदी सरकार ने पश्चिमी देशों के आगे झुकने से इनकार कर दिया है.
विश्व व्यापार संगठन के कड़े रुख और अमेरिका तथा यूरोपीय देशों के दबाव के बावजूद भारत सरकार ने व्यापार सुगमीकरण करार से इनकार कर यह साबित कर दिया कि वह किसी भी कीमत पर भारतीय किसानों के हितों की अनदेखी नहीं कर सकती. यूपीए सरकार किसान हित की बलि चढ़ा कर यह क रार करने को तैयार थी.
अमेरिका और यूरोपीयन देश हर वर्ष अपने किसानों को 400 बिलियन डॉलर यानी 24 हजार करोड़ की सब्सिडी देते हैं, जबकि विश्व व्यापार संगठन के जरिये वे किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य बंद करने का दबाव बना रहे हैं. यही नहीं, कुल उत्पादन के मूल्य का 10 प्रतिशत से अधिक सब्सिडी भी नहीं देने का केंद्र सरकार पर दबाव था. किसानों की उपज का मूल्य निर्धारण भी वर्ष 1986-87 की कीमत के आधार पर ही कराना चाहते थे. विश्व व्यापार संगठन का प्रस्ताव भारतीय किसानों के हित में कहीं से भी नहीं था.
वरदान साबित हुआ नमो का राजनीतिक कौशल : भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह ने बुधवार को कहा कि कोसी को बिहार का शोक बनने और सूबे को भयानक बाढ़ से बचाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राजनीतिक कौशल सफल रहा. इसी का परिणाम है कि बिहार 2008 जैसी महा त्रसदी से बच गया. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी का ही प्रभाव था कि नेपाल में सप्तकोसी पर बने कृत्रिम जलाशय के अवरोध में बड़े विस्फोट के बजाय नियंत्रित ब्लास्ट का तरीका अपनाया गया. इस तरीके से छोटे-छोटे सूराख कर जल के वेग थामे रखा गया.