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चोरों से करोड़ों मिले,साधु को पता नहीं घर से कितने की चोरी

पटना: घर से चोरी होने से लेकर नकद व जेवरात की बरामदगी तक पूर्व सांसद साधु यादव को पता ही नहीं है कि उनके घर से कितने की चोरी हुई है. चोरी 12 जून की रात में हुई थी. उसके बाद उन्होंने फुलवारीशरीफ थाने में जो प्राथमिकी दर्ज करायी थी, उसमें भी उन्होंने नकद व […]

पटना: घर से चोरी होने से लेकर नकद व जेवरात की बरामदगी तक पूर्व सांसद साधु यादव को पता ही नहीं है कि उनके घर से कितने की चोरी हुई है. चोरी 12 जून की रात में हुई थी.

उसके बाद उन्होंने फुलवारीशरीफ थाने में जो प्राथमिकी दर्ज करायी थी, उसमें भी उन्होंने नकद व जेवरात की वास्तविक तसवीर नहीं दिखायी थी. उन्होंने केवल यह जानकारी दी थी कि घर के रसोइया ने मुङो फोन कर बताया था कि घर में चोरी हो गयी है और अलमारी से जेवरात व नकद चोर ले गये हैं.

38 दिन बाद भी उन्हें यह जानकारी नहीं है कि कितने की चोरी हुई थी. इधर, पकड़े गये चोरों ने बताया है कि उनके पास से जो नकद व जेवरात बरामद हुए हैं, वे सभी साधु यादव के घर से चोरी किये गये है. चोरों से पूछताछ में पता चला है कि 80 लाख नकद की चोरी हुई थी. पकड़े गये कुंदन ने बताया कि चोरी के बंटवारे में मुङो 25 लाख, संतोष को 28 लाख व विकास को 27 लाख मिले थे.

पटना पुलिस आयकर विभाग को देगी जानकारी
पटना. भाजपा सांसद गिरिराज सिंह की तरह पूर्व सांसद साधु यादव को भी नकद व जेवरात का हिसाब देना पड़ सकता है. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि नियमानुसार आयकर विभाग को जानकारी अवश्य दी जायेगी. सारे पैसे व जेवरात कोर्ट से आदेश प्राप्त करने के बाद ट्रेजरी में जमा करा दिये जायेंगे. जो भी इन पर दावा करेगा, उसे पूरा हिसाब देना होगा.

हमारे घर से चोरी हुए, तो हमारे ही हैं : साधु

बरामद नकदी व जेवरात आपके है?

हमारे घर से चोरी हुई है, तो हमारे ही है.

घर में इतने नकदी व जेवरात रखते है?

यह सारा नकदी व जेवरात मेरा थोड़े ही है. इनमें से कुछ पुश्तैनी जेवरात हैं, जबकि कुछ रिश्तेदार व जान-पहचानवाले ने उनके घर में रख दिये थे. क्योंकि सभी को सुरक्षा की आवश्यकता होती है.

कितने नकद व जेवरात की चोरी हुई थी.

आकलन करने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकती है, क्योंकि नकद व जेवरात कई लोगों के हैं.

प्राथमिकी के लिए दिये आवेदन में आपने रकम की जानकारी नहीं दी थी. ऐसा क्यों?

इसका आकलन नहीं किया जा सका है.

गमछा बन गया चोरों के लिए फंदा
फुलवारीशरीफ थाने के साके त बिहार मित्र मंडल कॉलोनी स्थित पूर्व सांसद साधु यादव के आवास में 12 जून की देर रात चोरी गये लाखों नकद व जेवरात में से 39 लाख नकद, एक करोड़ से अधिक के जेवरात, नेपाली मुद्रा, लैपटॉप, प्रोजेक्टर आदि को पुलिस ने बरामद कर लिया. इस घटना को अंजाम देने वाले तीन चोर कुंदन कुमार साह (रामजीचक बाटा, दीघा), संतोष कुमार (गुड़ की मंडी, आलमगंज) व विकास कुमार (राजीव नगर रोड नंबर 21 वर्तमान गोसाईं टोला, पाटलिपुत्र) को पकड़ लिया गया है. पुलिस के समक्ष कुंदन ने बताया कि सारे नकद व जेवरात पूर्व सांसद साधु यादव के आवास से उन लोगों ने चुराये थे. पूर्व सांसद साधु यादव ने स्वीकार किया है कि उनके आवास से चोरी किये गये गहने व नकदी ही हैं. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि पूछताछ के बाद तीनों चोरों ने इस बात की जानकारी दी है कि उन लोगों ने पूर्व सांसद के आवास से चोरी की थी.
जेवरात की कीमत का हो रहा आकलन : अनुमान के तहत सारे गहने का वजन लगभग ढाई किलो है. हालांकि इसकी जांच के लिए वैल्यूअर को लगाया गया था. जांच के बाद ही कीमत स्पष्ट होगी. क्योंकि कई नेकलेस में हीरे भी जड़े थे. हीरा होने के कारण उस एक नेकलेस की कीमत लाखों में हो सकती है. इसी प्रकार सोने का बाला, सोने की अंगूठी, स्वर्ण लॉकेट, सफेद धातु का हार व कनबाली, स्वर्ण ब्रेसलेट भी है. फिलहाल यह संभावना जतायी जा रही है कि बरामद जेवरात एक करोड़ से अधिक के भी हो सकते है.
पहले रेकी की और फिर चोरी
कुंदन से जो जानकारी मिली उसके अनुसार उन्होंने रेकी कर घटना को अंजाम दिया. 12 जून की सुबह रेकी करने के लिए निकले और साधु यादव के आवास के समीप पहुंच गये. गेट पर चेन लटका कर केवल ताला देख इन लोगों की बांछे खिल गयी और उसी घर में चोरी करने का निर्णय सुबह में ही ले लिया. इसके बाद ये तीनों फिर वहां शाम पांच बजे पहुंचे तो उसी तरह ताला बंद था. रात में 11 बजे भी ताला लटका देखा और किसी को नहीं पाया तो बगल में स्थित एक खंडहर मकान में छुप गये. वहां एक बजे रात तक बैठने के बाद तीनों निकले और गेट में लगे ताला को तोड़ कर घुस गये. इसके बाद घर में रखे अलमरी को तोड़ दिया. इसके बाद सारे माल को गमछा में बांधा और कं धे पर लाद कर निकल गये. लेकिन एक गमछा वहीं छूट गया. वहां से निकलने के बाद ये लोग फुलवारीशरीफ मेन रोड पर पहुंचे. वहां एक रिक्शा चालक को किसी तरह से कुंदन ने अपने दीघा के रामजी चक बाटा स्थित आवास पर जाने को राजी कर लिया. कुंदन ने चोरी किये गये नकद से दो हजार रुपया निकाल कर रिक्शा चालक को दिया. इसके बाद उन लोगों ने आपस में पैसों व गहनों का बंटवारा कर लिया. कुंदन के अनुसार उसे 25 लाख, विकास को 27 लाख और संतोष को 28 लाख नकद मिला था. इसके बाद उन लोगों ने अंदाज के अनुसार जेवरात को भी आपस में बांट लिया था.
रिक्शाचालक ने पहुंचाया चोर तक
चोरों ने जो एक गमछा घटनास्थल पर छोड़ा था, उसी की मदद से पुलिस उन चोरों तक पहुंच गयी और नकद व जेवरात को बरामद करने में सफलता प्राप्त की. जिस दिन घटना हुई थी, उस दिन डॉग स्क्वायड की भी मदद ली गयी थी. डॉग स्क्वायड ने पुलिस को उस जगह तक पुलिस को पहुंचा दिया था, जहां से उन लोगों ने रिक्शा लिया था. काफी दिनों की मशक्कत के बाद वह रिक्शाचालक पुलिस को मिला और फिर रिक्शाचालक की मदद से दो-तीन दिन की कड़ी मेहनत के बाद पुलिस की टीम कुंदन के आवास तक पहुंच गयी और वहां से नकदी व जेवरात को बरामद किया. इसके बाद आलमगंज के गुड़ की मंडी स्थित आवास से संतोष कुमार को पकड़ा गया. लेकिन, विकास फरार था. उसने अपने राजीव नगर स्थित मकान को छोड़ दिया और पूरे परिवार के साथ आशियाना नगर में किराया के मकान में चला गया. यहां भी उसने मात्र 15 दिन में ही मकान को खाली कर दिया और पाटलिपुत्र थाने के गोसाईं टोला में किराये का मकान लेकर रहने लगा. इसके बाद वह वहां से भाग कर अपने कोईलवर स्थित ससुराल चला गया. जहां से पुलिस टीम ने उसे पकड़ा.
चोरी के पैसे से खरीदी जमीन व बाइक
इन चोरों ने चोरी के पैसे से कोइलवर, बलिया व मनेर में जमीन खरीदी थी. इन जमीनों के कागजात भी पुलिस ने बरामद किया है. कुंदन ने मनेर में एक जमीन के लिए दस लाख देकर एग्रीमेंट कराया था. जबकि विकास ने कोइलवर 14 लाख में जमीन ली थी और एक लाख रजिस्ट्री कराने में दिया था. इसके अलावा संतोष ने भी 60 हजार में एक बाइक खरीदी थी और उसने दस लाख में बलिया में एक जमीन भी खरीदी. इसके अलावा कुंदन ने तीन लाख ऐसे ही खर्च कर दिये थे. जबकि उन दोनों ने लगभग डेढ़-डेढ़ लाख खर्च कर दिया था.
जूस वाले का दे दिये 50 हजार नकद
पैसा मिलने के बाद तीनों समझ नहीं पा रहे थे कि वे इसे कैसे खर्च करें. उन लोगों ने एक जूस पिलाने वाले को एक ग्लास जूस के बदले 50 हजार नकद दे दिया. चाय वाले ने अच्छी चाय पिला दी तो सोने का चेन दे दिया. इसी प्रकार एक बेरोजगार को उन लोगों ने दो रिक्शा खरीद कर दे दिया. 80 लाख में से कुछ पैसों का हिसाब जब पुलिस ने पूछा तो उन लोगों ने बाकी पैसों का हिसाब कुछ इसी तरह दिया.
तीन दिनों तक कंधे पर ले कर घूमते रहे
इन चोरों ने आपस में पैसों का बंटवारा तो कर लिया, लेकिन इन लोगों को यह भी समझ भी नहीं आ रहा था कि कहां रखा जाये. अगर घर में रखा तो पुलिस से पकड़े जा सकते है. इसके लिए वे तीनों हमेशा उन पैसों को गमछी में बांध कर रखते थे और जहां जाते थे अपने साथ ले जाते थे.

बरामदगी
1. नकद- 39,14,700
2. नेपाली मुद्रा- 1470
3. काफी मात्र में जेवरात
4. लैपटॉप- एक
5. प्रोजेक्टर-एक पीस
6. बाइक -एक
7. जमीन के कागजात
8. मोबाइल फोन- तीन
पैसों का हिसाब
ऐसे किया बंटवारा
1. कुंदन- 25 लाख
2. संतोष- 28 लाख
3. विकास- 27 लाख
कुल- 80 लाख रुपये
कहां किये खर्च
1. कुंदन ने 10 लाख देकर मनेर में एक जमीन का कराया एग्रीमेंट
2. विकास ने कोईलवर में 14 लाख की जमीन खरीदी और दिया एक लाख रजिस्ट्री कराने में
3. संतोष ने 60 हजार रुपये खर्च कर नयी बाइक खरीदी, 10 लाख में बलिया में जमीन खरीदी
4. 50 हजार रुपये चाय वाले का दे दिया
5. लगभग पांच लाख पचहत्तर हजार ऐसे ही कर दिया खर्च

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