पटना: केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने बिहार में खाद्यन्न उठाव और उसके वितरण के तंत्र को पूरी तरह फेल बताते हुए राज्य सरकार से उठाव में सुधार के लिए युद्धस्तर पर काम करने का आज आग्रह किया. उन्होंने बिहार को सचेत किया कि उठाव के लिए अब 31 अगस्त से ज्यादा समय देना संभव नहीं हो पाएगा.
पासवान ने आज पटना में पत्रकारों से कहा कि बिहार में खाद्य सुरक्षा कानून के तहत लाभ के पात्र लोगों की पहचान अबतक नहीं हो पायी है. इसके तहत गरीबों को दिए जाने वाले खाद्यान्न के 26 रैक के प्रदेश में पहुंच चुके हैं पर राज्य सरकार अब तक मात्र 6.4 रैक अनाज का ही उठा सकी है.पासवान ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और राज्य के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक के साथ मुख्यमंत्री आवास पर गत 27 जून को बैठक में खाद्य सुरक्षा कानून तथा अनाज उठाव एवं भंडारण की समीक्षा की थी. इस दौरान राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा कानून के तहत लाभ के हकदार लोगों की पहचान 31 जुलाई तक कर का वायदा किया था.
उसी बैठक में अनाज का उठाव सीधे रैक से किए जाने के जाने के राज्य सरकार के अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया था. उसके बाद गत 11 जुलाई को रजक के अनुरोध पर पासवान ने अनाज उठाव की समय सीमा बढाकर 31 अगस्त तक कर दी थी.पासवान ने आरोप लगाया कि बिहार सरकार पर लाभार्थियों की सूची बनाने में मेहनत नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना की रिपोर्ट के आधार पर जो सूची तैयार की है उसके कारण यहां गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की भी छटनी हो गयी है.
पासवान ने यह भी आरोप लगाया कि बिहार में लाभार्थियों की पहचान और अनाज भंडारण की व्यवस्था किए बिनाखाद्य सुरक्षा कानून को इस वर्ष मार्च महीने में लागू कर दिया गया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कम दाम पर अधिक अनाज पाने की मंशा से इसे जल्दीबाजी में लागू कर दिया.पासवान ने कहा कि उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री और खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री से कहा था कि उनके साथ वे भी दलित परिवार से आते हैं ऐसे में खाद्य सुरक्षा कानून के तहत आनाज आवंटन में इस समुदाय के लोगों के साथ क्यों अन्याय हो रहा है.
उन्होंने कहा कि गत 4 जुलाई की सभी प्रदेशों के खाद्य मंत्री की बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुसार तथा उस दौरान बिहार के खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री के साथ उनकी विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति में हुई अलग बैठक के दौरान तय की गयी कार्ययोजना के अनुसार गत 9 जुलाई को प्रदेश के मुख्यसचिव और केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में यह तय हुआ था कि भारतीय खाद्य निगम बिहार में पर्याप्त अनाज भेजेगा.
पासवान ने कहा कि पिछले 11 तारीख के बाद बिहार में अनाज उठाव के लिए आए 26 रैक में से राज्य सरकार मात्र 6.4 रैक अनाज का ही उठाव कर सकी है. उन्होंने बताया कि बिहार सरकार को दो लाख चालीस हजार टन अनाज का उठाव करना था पर उसने एक लाख 9 हजार टन अनाज का ही उठाव किया है.पासवान ने बताया कि बिहार सरकार ने अनाज उठाने के लिए समुचित परिवहन की व्यवस्था नहीं की है. इससे रैक से अनाज का समय पर उठाव नहीं होने के कारण उनके विभाग को रेल मंत्रालय को माल भाडा के रुप में अतिरिक्त राशि का भुगतान करना पड रहा है.