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पांच साल में राष्ट्रीय औसत के बराबर होगा सूबे का विकास

मुख्यमंत्री ने तेज विकास पर दिया जोर इंटरनेशनल ग्रोथ सेंटर की चौथी सालाना बिहार ग्रोथ कॉन्फ्रेंस की शुरुआत पटना : मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पांच साल में बिहार के विकास को राष्ट्रीय औसत के बराबर लाने पर जोर दिया है. शनिवार को इंटरनेशनल ग्रोथ सेंटर (आइजीसी) और आद्री की चौथी सालाना बिहार ग्रोथ कॉन्फ्रेंस […]

मुख्यमंत्री ने तेज विकास पर दिया जोर

इंटरनेशनल ग्रोथ सेंटर की चौथी सालाना बिहार ग्रोथ कॉन्फ्रेंस की शुरुआत

पटना : मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पांच साल में बिहार के विकास को राष्ट्रीय औसत के बराबर लाने पर जोर दिया है. शनिवार को इंटरनेशनल ग्रोथ सेंटर (आइजीसी) और आद्री की चौथी सालाना बिहार ग्रोथ कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में प्रति व्यक्ति आय और विकास दर में न सिर्फ बढ़ोतरी हुई है, बल्कि इसे मेंटेन करते हुए लगातार आगे बढ़ रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने उम्मीद जतायी कि इस कॉन्फ्रेंस में ठोस प्रस्ताव तैयार होंगे, जो हमारे लिए गाइडलाइन का काम करेंगे. दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस की शुरुआत के मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार ने पिछले दिनों में काफी प्रगति की है और राज्य का मान-सम्मान बढ़ाने में हम सफल हुए हैं. इसका श्रेय पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जाता है. पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के विजन को आदर्श मान कर हम आगे बढ़े हैं. वैश्विक अर्थव्यवस्था में आर्थिक विकास के बावजूद बढ़ रही विषमता चिंता का विषय है.

मुख्यमंत्री ने कहा, अमीर लोग अमीर होते जा रहे हैं और गरीब लोग गरीब. उन्होंने उम्मीद जतायी कि सम्मेलन में इस बात पर चर्चा होगी और समाधान निकलेगा. उन्होंने कहा कि पिछले नौ साल में राज्य में गरीबी रेखा के नीचे रहनेवाले लोगों की संख्या 54 प्रतिशत से घट कर 40 प्रतिशत हुई है. लेकिन, ग्रामीण इलाकों में गरीबी की असली तसवीर देखी जा सकती है. उन्होंने कहा कि विकेंद्रीकृत अर्थव्यवस्था से गांव के लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा सकता है. आइजीसी के कंट्री डायरेक्टर अंजन मुखर्जी ने कहा कि बिहार ने सबसे ज्यादा विकास दर हासिल की है. राज्य समावेशी विकास के रास्ते पर है.

आइजीसी के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर जोनाथन लीप ने कहा कि विकास के लिए संवाद बेहद जरूरी है. इसके पहले आइजीसी, बिहार के कंट्री को-डायरेक्टर और आद्री के सदस्य सचिव शैबाल गुप्ता ने स्वागत भाषण दिया. उन्होंने कहा कि आइजीसी के अन्य केंद्र देश स्तर पर मांग के मुताबिक सलाह देते हैं. लेकिन, आइजीसी बिहार सिर्फ बिहार को मांग पर आधारित सलाह देता है. बिहार में आजीसी के केंद्र की स्थापना यहां के करिश्माई विकास कथा के कारण की गयी. सम्मेलन में पहला सत्र बिहार में ऊर्जा पर केंद्रित था. इस सत्र की अध्यक्षता ऊर्जा सचिव प्रत्यय अमृत ने की. हार्वर्ड यूनिविर्सिटी के निकोलस रेयान ने बिहार में ऊर्जा पर अपना शोधपत्र ‘लाइटिंग अप बिहार’ प्रस्तुत किया. कोलंबिया यूनिवर्सिटी के डेविड स्जैकोनी ने बिहार में सौर ऊर्जा के फायदों पर अपना शोधपत्र प्रस्तुत किया.

‘राजनीतिक लोगों की पहचान और धार्मिक हिंसा’ शीर्षक पर विशेष व्याख्यान में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की लक्ष्मी अय्यर ने अपना शोधपत्र प्रस्तुत किया. इसमें यह समझने की कोशिश की गयी थी कि राजनीति में मुसलमानों की भागीदारी से हिंदू-मुसलमान धार्मिक हिंसा में कमी आती है कि नहीं. इस सत्र की अध्यक्षता बिहार सरकार के योजना बोर्ड के सदस्य गुलरेज होदा ने की. सम्मेलन के पहले दिन ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और सार्वजनिक वित्त व्यवस्था विषयों पर सत्र आयोजित किये गये. सम्मेलन के दूसरे दिन बिहार सरकार के कई वरिष्ठ प्रशासक अपने विचार रखेंगे.

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