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19 केसों में चार्जशीटेड रवि गोप की किदवईपुरी में मॉर्निंग वॉक के दौरान गोली मार कर हत्या

पटना : राजधानी में करीब दो दशक तक आतंक के पर्याय रहे कुख्यात रवि गोप उर्फ रवि राय (45) की गोली मारकर हत्या कर दी गयी है. किदवईपुरी में जयकुंज अपार्टमेंट के पास सोमवार की सुबह 5.45 बजे उसे माॅर्निंग वाक के दौरान मौत की नींद सुला दिया गया. उसे सामने से तीन गोली मारी […]

पटना : राजधानी में करीब दो दशक तक आतंक के पर्याय रहे कुख्यात रवि गोप उर्फ रवि राय (45) की गोली मारकर हत्या कर दी गयी है. किदवईपुरी में जयकुंज अपार्टमेंट के पास सोमवार की सुबह 5.45 बजे उसे माॅर्निंग वाक के दौरान मौत की नींद सुला दिया गया. उसे सामने से तीन गोली मारी गयी है. दो गोली सीने में और एक गोली सिर में लगते ही वह जमीन पर मुंह के बल गिर पड़ा.

हत्या करने वाले शूटर ठाकुर प्रसाद स्मृति सामुदायिक भवन की गली के मोड़ पर घात लगाये हुये थे. रवि गोप के पहुंचते ही सामने से हमला कर दिया. गोली मारने के बाद अपराधी पैदल भागे, लेकिन पुलिस का कहना है कि उनके पास गाड़ी थी और वह दूर खड़ी थी. एसएसपी गरिमा मल्लिक ने सिटी एसपी पीके दास के नेतृत्व में मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया है.
रवि की हत्या के बाद घर पर मातम, मां चिंता देवी का रो-रो कर बुरा हाल : रवि की हत्या की जानकारी उसके घर पहुंची तो चीख-पुकार मच गयी. सबसे पहले इसकी जानकारी रवि के पिता मोती राय को हुई, वह दौड़ते हुए मौके पर पहुंचे और बेटे की लाश देखकर गिर पड़े. करीब 50 कदम की दूरी मौजूद रवि के घर पर भी सूचना पहुंची, इसके बाद पूरा मुहल्ला टूट पड़ा. घरवाले बदहवाश हो रहे थे.
मौके पर पहुंची पुलिस लोगों को समझाने में लगी थी. पुलिस ने गिरफ्तारी का आश्वासन दिया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया और शाम को उसके शव को घरवालों को सौंपा गया. उसका बांसघाट पर दाह संस्कार कर दिया गया.
बेऊर जेल में बुना गया रवि के हत्या का ताना-बाना
दरअसल रवि गोप जब जेल में बंद था तो उसका पटना के कुछ अपराधियों से विवाद हुआ था. मारपीट भी हुई थी. सूत्रों कि मानें तो मारपीट की घटना के बाद से ही रवि गोप कुछ अपराधियों के आंख का किरकिरी बन गया था. उसी दिन से रवि को निपटाने की साजिश शुरू हुई थी. जैसे ही रवि जेल से छूटा, उसकी हत्या कर दी गयी है.
पुलिस की मानें तो जेल से छूटने के बाद वह फिर से विवादित जमीनों की डीलिंग करने लगा था. वहीं रवि गोप की मां चितां देवी का कहना है कि कुछ दिन पहले मुहल्ले में एक लड़का उससे चलते वक्त टकरा गया था और लड़ाई भी किया था. पुलिस सभी वजहों को लेकर हत्या के कारणों की तलाश कर रही है.
सटीक मुखबिरी और रेकी के बाद मौत के घाट उतारा गया रवि गोप
रंगदारी वसूलने वाले पटना के टाॅप टेन अपराधियों में शुमार था. किसी भी व्यापारी से रंगदारी लेने के लिए रवि गोप का एक फोन काफी था. वह अपने गुर्गों से पुर्जा भी भेजवाता था. हत्या, लूट, रंगदारी के 19 कांडों में चार्जशीटेड रवि गोप बुद्धा कॉलोनी और कोतवाली पुलिस के लिए भी बड़ा सिरदर्द था.
लेकिन इस बड़े अपराधी की हत्या के पीछे कौन से गैंग का हाथ है, इसकी पड़ताल पुलिस कर रही है. पुलिस ने घटना स्थल पर जयकुंज अपार्टमेंट समेत चार जगहों से सीसीटीवी के फुटेज को देखा है. फुटेज में गोली मारते हुए फुटेज नहीं है, लेकिन दो लोग भागते हुए दिखे हैं.
पुलिस का कहना है कोई तीसरा आदमी भी था. डीएसपी लॉ एंड ऑडर्र राकेश कुमार घटना के पीछे जमीन विवाद का मामला बता रहे हैं. सूत्रों कि मानें तो गोली मारने वालों की पहचान कर ली गयी है. हालांकि रवि के पिता मोती राय ने अज्ञात अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है.
फुटेज में दिखे दो संदिग्ध, छक्कन टोला के दो शूटरों का आ रहा है नाम : पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखा है. उसमें दो संदिग्ध दिखे हैं. पुलिस ने कुछ लोगों से उनकी पहचान कराया है. सूत्रों कि मानें तो छक्कन टोला के रहने वाले दो शूटरों ने रवि गोप की हत्या की है. पुलिस ने दोनों की पहचान कर लिया है. गोली मारने वालों के नाम की भी जानकारी हो गयी है, लेकिन पुलिस अभी छानबीन कर रही है. दोनाें की तलाश चल रही है. यह हत्या सुपारी देकर करायी गयी है.
जेल से छूटने के बाद बीमार रवि गोप रोज करता था मॉर्निंग वाक
दरअसल दो महीने पहले रवि गोप जेल से जमानत पर छूटा था. लेकिन उसकी सेहत ठीक नहीं थी. इसलिए वह रोज सुबह मॉर्निंग वॉक करता था. उसके पिता मोती राय श्रीकृष्णा नगर पार्क में गार्ड की नौकरी करते हैं. उसकी पार्क में वह रोज मॉर्निंग वाक करने आता था. सोमवार की सुबह थोड़ी देर पार्क में टहलने के बाद वह बाहर निकल गया और किदवईपुरी वाली सड़क पर टहलने लगा जहां पहले से घात लगाये अपराधियों ने मौका देख कर रवि राय की गोली मार दी.
पहली बार वर्ष 1999 में पुलिस की जीडी में चढ़ा था रवि गोप का नाम
रवि गोप उस दौर का अपराधी था जब बिहार को जंगल राज के नाम से जाना जाता था. दिन ढ़लने के बाद लोग घरों से बाहर निकलने से बचते थे. दुकानदारों से लूट, रंगदारी वसूलना आम बात थी. इसी समय रवि गोप ने मंदिरी के कुछ अपराधियों का गैंग पकड़ लिया और अपराध जगत में कदम रख दिया. छोटी-छोटी लूट, छिनतई, करने वाला रवि गोप जब करीब 25 साल का था तो पहली बार उसके खिलाफ पुलिस के रेकार्ड में उसका नाम दर्ज हुआ था.
वर्ष 1999 में उसने लूट की घटना को अंजाम दिया था. इसके बाद बुद्धा कॉलोनी थाने में उसके खिलाफ कांड संख्या 114/99 दर्ज किया. लेकिन इसके बाद वह कभी पीछे मुड़ के नहीं देखा और अपराधों व दर्ज कांडों की लंबी फेहरिस्त तैयार हो गयी. पुलिस के मुताबिक 14 कांड सिर्फ बुद्धा कॉलोनी में दर्ज हैं. 4 मामले कोतवाली में दर्ज हैं.
एक राजीवनगर में दर्ज है. रवि के खिलाफ कोतवाली और बुद्धा कॉलोनी में हत्या का एक-एक मामला दर्ज है. जबकि रंगदारी के 11 मामले दर्ज हैं. इसके अलावा लूट, आर्म्स एक्ट, विस्फोटक अधिनियम यानि की बम मार कर लूट करने के कांड दर्ज हैं. रवि की अपराधिक गतिविधियों की वजह से शादी नहीं हुई थी.
हत्या के चश्मदीद गवाह हैं गोलू और बबलू, शूटरों ने कहा भागो नहीं तो मार देंगे
रवि गोप की हत्या के दौरान रवि के साथ दो लोग और थे. बबलू और गोलू. गोलू का कहना है कि रवि गोप ने कहा कि तुम जाओ घर हम आ रहे हैं. गोलू जैसे ही गली में मुड़ा, इसी बीच शूटरों ने गोली मार दी. बबलू गोली मारते हुए देखा, इस पर शूटरों ने कहा कि तुम भाग जाओ नहीं तो तुम्हें भी मार देंगे.
शूटरों ने पहन रखा था पीले और नीले रंग का शर्ट, चार हिरासत में
रवि गोप की हत्या के मामले में सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि एक शूटर पीले रंग का शर्ट पहने था और दूसरा नीले रंग का. पुलिस खोजबीन कर रही है. पुलिस ओ अब तक जमीन रंजिश में हत्या होने के संकेत मिले हैं. पुलिस ने मंदिरी इलाके के चार लोगों को हिरासत में लिया है. उनसे पूछताछ जारी है.

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