पटना: श्रम विभाग के वार्षिक प्रतिवेदन में मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार का नाम और फोटो छपने पर भाजपा ने बिहार विधानसभा में हंगामा किया. सोमवार को विधानसभा की दूसरी पाली में जब सदस्यों को श्रम संसाधन विभाग का प्रतिवेदन दिया गया तो उसमें मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की जगह नीतीश कुमार का नाम और संदेश था.
नेता प्रतिपक्ष नंद किशोर यादव के नेतृत्व में भाजपा विधायक अपनी सीट पर खड़े हो गये और श्रम विभाग के प्रतिवेदन लहरा कर सत्ता पक्ष से जवाब मांगने लगे. नंदकिशोर यादव ने कहा कि आज की तिथि में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी हैं, नीतीश कुमार नहीं. यह दलित मुख्यमंत्री का अपमान है.
श्रम मंत्री दुलाल चंद्र गोस्वामी ने कहा कि प्रतिवेदन 2013-14 व 2014-15 का है. प्रतिवेदन पुराना है. इसके लिए पैसे खर्च करने की क्या जरूरत है? मंत्री के बयान के बाद विपक्ष भड़क गया और सदन नहीं चलने देने की बात करने लगा. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार स्वीकारें कि मिस प्रिंट हुआ है. दूसरे मंत्रियों ने भी कहा कि प्रतिवेदन जिस समय का है. उस समय नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री थे. नंदकिशोर यादव ने कहा कि नीतीश कुमार एक नहीं कई विभागों के प्रभार में थे. बाकी में ठीक कर लिया गया, लेकिन श्रम विभाग के वार्षिक प्रतिवेदन में ठीक नहीं किया गया. वित्त मंत्री विजय चौधरी ने माना कि विभाग से गलती हुई है और इसे सुधार लिया जायेगा. इसके बाद विपक्ष शांत हुआ.
फिर से होगी छपाई : विधानसभा के बाहर श्रम मंत्री दुलाल चंद्र गोस्वामी ने कहा कि विधानसभा में बांटा गया प्रतिवेदन पुराना है. नये प्रतिवेदन की छपाई के आदेश दिये गये हैं. 17 जुलाई को बिहार विधान परिषद् में होने वाले बहस तक छप कर आ जायेंगे.
विपक्ष ने किया वाकआउट : नगर विकास व आवास मंत्री सम्राट चौधरी जब जवाब दे रहे थे,तो उनके जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने सदन का वाक आउट किया और सदन से बाहर चले गये.