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राजद से दोस्ती मंजूर नहीं, तो रास्ता नापें: नीतीश

पटना: पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद से दोस्ती पर सवाल उठानेवाले पार्टी विधायकों को दो टूक जवाब दिया है. विधान परिषद परिसर में उन्होंने कहा कि गंठबंधन पर सवाल उठानेवालों को अपना रास्ता खुद तय कर लेना चाहिए. कुछ विधायकों के विरोध पर उन्होंने कहा कि अगर किसी को पार्टी में रहना होगा, तो […]

पटना: पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद से दोस्ती पर सवाल उठानेवाले पार्टी विधायकों को दो टूक जवाब दिया है. विधान परिषद परिसर में उन्होंने कहा कि गंठबंधन पर सवाल उठानेवालों को अपना रास्ता खुद तय कर लेना चाहिए.

कुछ विधायकों के विरोध पर उन्होंने कहा कि अगर किसी को पार्टी में रहना होगा, तो इस मुद्दे पर पार्टी के फैसले के साथ रहना होगा. पार्टी के निर्णय से संतुष्ट नहीं होनेवाले विधायक अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति में कौन क्या करता है, इसे बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं दिया जाना चाहिए. किसी व्यक्ति विशेष या कुछ लोगों के इस तरह के विचार हो सकते हैं, लेकिन इस बारे में पार्टी का जो निर्णय होगा, वह हर व्यक्ति पर लागू होगा. मालूम हो कि जदयू विधायक राजीव रंजन ने हाल ही में नीतीश को पत्र लिख कर राजद से गंठबंधन पर पुनर्विचार करने की सलाह दी है. इस पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है कि उन्होंने क्या कहा है. इसकी वे जानकारी हासिल करेंगे.

भाजपा के विरुद्ध व्यापक गोलबंदी के पक्ष में जदयू
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि देश और बिहार की राजनीति को देखते हुए गंठबंधन को लेकर किसी भी प्रकार की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. देश की जो वर्तमान राजनीतिक स्थिति है, उसे नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता है. नीतीश ने कहा कि जिस तरह बिहार में हाल ही में राज्यसभा उपचुनाव के दौरान भाजपा ने जो खेल खेलने की कोशिश की, उसको विफल करने के लिए सब लोग एक साथ आये. जदयू उम्मीदवारों को राजद, कांग्रेस, भाकपा और कुछ निर्दलीय विधायकों ने समर्थन दिया, जिसके बाद भाजपा का ‘गेम प्लान’ विफल हुआ.

हम सिर्फ दो दलों जदयू और राजद के गोलबंदी की बात नहीं करते हैं, बल्कि जो भी भाजपा से अलग दल हैं, चाहे वाम दल या कांग्रेस हों, सब इस दायरे में आते हैं. इन दलों के बीच आपसी समझ की संभावना दिखती है, लेकिन इस बारे में कोई ठोस बात नहीं हुई है. हमलोग व्यापक गोलबंदी के पक्षधर हैं, लेकिन हमारे दल के किसी एक व्यक्ति को अगर यह बुरा लगता है, तो उन्होंने अपनी बात कही होगी. इस तरह की गोलबंदी होगी, वह एक राजनीतिक निर्णय होगा. फिलहाल इसके लिए कोई ढांचागत बातचीत नहीं हुई है, लेकिन इस प्रकार की बातचीत की संभावना से कोई इनकार नहीं कर सकता है.

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