गिरिराज साथ में आये और दिया पैसे का डिटेल
पटना : 1.15 करोड़ रुपये की चोरी के मामले में शनिवार को पुलिस ने भाजपा सांसद गिरिराज सिंह से एसके पुरी थाने में पूछताछ की. उनके साथ उनका चचेरा भाई राकेश भी था. दिन के 1.30 बजे से शुरू हुई पूछताछ 3 बजे तक चली. सांसद ने सिटी एसपी व डीएसपी सचिवालय के सामने कबूल किया है कि फ्लैट से चोरी हुए रुपये उनके चचेरे भाई के हैं.
वह बिजनेस मैन है और कारोबार के सिलसिले में पैसा उनके फ्लैट पर रख दिया था. पुलिस ने सांसद और उनके चचेरे भाई का बयान दर्ज कर लिया है और उसका वेरिफिकेशन भी कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. वहीं देर रात सांसद ने चचेरे भाई के कारोबार से जुड़े दस्तावेज पुलिस को उपलब्ध करा दिये. चोरी की घटना के छठवें दिन सांसद पटना पुलिस के सामने उपस्थित हुए. दिल्ली से लौटने के बाद वह सीधे एसके पुरी थाने पहुंचे. एसएचओ के कक्ष में सिटी एसपी आशीष भारती व सचिवालय डीएसपी डा. मोहम्मद शिबली नोमानी के सामने उन्होंने अपना पक्ष रखा.
सांसद ने पिछले दिनों दिल्ली में पत्रकारों के सामने दिये गये बयान को फिर दोहराया है और पैसा चचेरे भाई राकेश के होने की बात कही है. पुलिस अधिकारियों ने राकेश का भी बयान लिया है. दोनों लोगों के बयान पुलिस ने रिकॉर्ड किया है. हाइ प्रोफाइल मामला होने के कारण पुलिस भी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. बयान लेने के बाद सिटी एसपी ने मीडिया को बताया कि सांसद के बयान का वेरिफिकेशन कराया जायेगा. जिस फ्लैट से चोरी हुई है वह सांसद के ही नाम से है या नहीं यह तो साफ नहीं हुआ है लेकिन सांसद ने उसके इस्तेमाल करने की बात कबूल की है.
सांसद ने एसएसपी कार्यालय में उपलब्ध कराये दस्तावेज
थाने में बयान दर्ज कराने के बाद सांसद ने कुछ लिखित दस्तावेज शाम के छह बजे तक देने की बात कही थी. पुलिस दस्तावेज का इंतजार देर रात तक करती रहीं. रात के करीब 11 बजे सांसद द्वारा चचेरे भाई के कारोबार से जुड़े दस्तावेज पुलिस को उपलब्ध कराये गये.
दस्तावेज तैयार करने के लिए दिन भर वकीलों से सलाह लेते रहे गिरिराज
1.15 करोड़ की बरामदगी मामले में उलङो भाजपा सांसद शनिवार को दिन भर दस्तावेज तैयार करने और वकीलों से सलाह-मशविरा करने में लगे रहे. इस मामले को लेकर विधानसभा से लेकर राज्यसभा तक में हुए विपक्ष के हंगामे के बाद गिरिराज सिंह फूंक-फूंक कर बोल रहे थे. उन्होंने इतना जरूर कहा कि वे एक-एक मामले का जवाब देंगे. गिरिारज सिंह मामले पर शनिवार को पार्टी मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने भी कहा कि गिरिराज हर मामले पर जवाब देंगे. पत्रकारों से उन्होंने धीरज धरने की अपील की. पटना में रहते हुए गिरिराज सिंह ने कोई राजनीतिक बयान नहीं दिया, हालांकि दिल्ली में उन्होंने घटना को राजनीतिक साजिश करार दिया था.
इनकम टैक्स के अधिकारी भी करेंगे पूछताछ
रुपये के संबंध में इनकम टैक्स के अधिकारी भी सांसद से पूछताछ करेंगे. अभी तक बड़ी रकम किसी लिये फ्लैट में रखी गयी थी, कहां से आयी थी, पैसा सही में उनके भतीजे का ही है जैसे सवालों के जवाब मिलने बाकी हैं.1.15 करोड़ रुपये के साथ फ्लैट से चोरी हुए गहने को सांसद गिरिराज सिंह की पत्नी ने अपना बताया है. उन्होंने अपने भाई के जरिये आवेदन दिया है. पुलिस इसकी जांच कर रही है.
कोट- सांसद द्वारा दस्तावेज उपलब्ध कराये गये हैं. इसकी जांच होनी अभी बाकी है. जांच के बाद ही पता चलेगा कि उनके चचेरे भाई का कौन सा कारोबार है.
ट्रैफिक एसपी राजीव मिश्र
1.30 घंटे तक एसके पुरी थाने में पुलिस ने की पूछताछ
सगा नहीं, गोतिया के भाई हैं राकेश
भाजपा सांसद गिरिराज सिंह अपने यहां जिस भाई राकेश कुमार सिंह की रकम रखे जाने की बात कह रहे हैं, दरअसल वह उनका सगा भाई नहीं है. राकेश कुमार सिंह सांसद के गांव बड़हिया के एक ठेकेदार उपेंद्र सिंह के बेटे हैं. उपेंद्र सिंह की गिनती 1970 के दशक में बड़े ठेकेदार के रूप में होती थी. उपेंद्र और गिरिराज दोस्त थे. बड़हिया के महारानी स्थान के ठीक सामने उपेंद्र सिंह का मकान है. उसके 15 कदम आगे गिरिराज सिंह का निवास है. बाद के दिनों में उपेंद्र सिंह की माली हालत खराब होती गयी. बैंक का कर्ज चढ़ता गया. इधर, गिरिराज सिंह पटना आ गये. राजनीति में पांव जमने के बाद गिरिराज और उपेंद्र और करीब आये. उपेंद्र के बेटे राकेश की दोस्ती गिरिराज के भाई जयराज सिंह के बेटे अंकुश सिंह से भी थी. राकेश अभी बिजनेस का गुर सीख रहा था. धीरे-धीरे राकेश का कारोबार फैलता गया. राकेश ने पहले दुमका में कोल्ड ड्रिंक की एजेंसी ली. बाद में उसने बिहार से बाहर नागपुर में जमीन और रीयल स्टेट के कारोबार में पांव फैलाया. नागपुर में उनका मुख्यालय है.
आयकर विभाग ने मांगी दस्तावेजों की प्रति
आयकर विभाग ने इस संबंध में पटना पुलिस के समक्ष सांसद द्वारा दर्ज कराये गये आधिकारिक बयान की प्रति मांगी है. साथ ही आयकर विभाग ने गिरिराज सिंह ने बरामद रकम पर अपने दावे के समर्थन में पटना पुलिस के समक्ष पेश किये गये दस्तावेजों को भी उपलब्ध कराने को कहा है. बता दें कि भाजपा सांसद के आवास से चोरी गये 1.15 करोड़ रुपये की नकदी, छह सौ अमेरिकी डॉलर और गहने की बरामदगी के बाद से ही आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की इस प्रकरण पर नजर है.
कब क्या हुआ
– 7 जुलाई को फ्लैट से 1.15 करोड़ रुपये, जेवर व 600 अमेरिकी डॉलर की चोरी हुई
– पीरबहोर थाने के पास नाटकीय घटना क्रम में ट्रैफिक पुलिस ने रुपये बरामद कर लिये.
– बॉडीगार्ड रूप कमल, सिक्यूरिटी गार्ड मान सिंह, नौकर लक्ष्मण सिंह व दिनेश जा चुके हैं जेल.
– सदन में बड़ी रकम को लेकर हुआ था हंगामा
– पांच दिनों तक पूछताछ के लिए पटना पुलिस व इनकम टैक्स अधिकारी करते रहे इंतजार
– 12 जुलाई को सांसद थाने पहुंचे, बयान दर्ज