पटना: जीएम रोड स्थित जय हनुमान दवा एजेंसी में छापेमारी में जब्त सरकारी दवाओं व फिजिशियन सैंपल का आंकड़ा 50 लाख से बढ़ कर 70 लाख तक पहुंच गया है. जो सरकारी दवाएं मिली हैं, उनका बैच नंबर पीएमसीएच, डीएमसीएच सहित 24 अस्पतालों में भेजी गयी है.
इस संबंध में लाइसेंसिंग ऑथोरिटी सुभाषचंद्र राय ने बताया कि शुक्रवार को फाइनल रिपोर्ट मिलने के बाद इन सभी अस्पतालों के भंडारों की जांच होगी और इसके लिए औषधि विभाग की ओर से पत्र भेजा जायेगा, जिसमें एक ड्रग कंट्रोलर भी मौजूद रहेंगे. दूसरी ओर गोदाम के मालिक धीरज कुमार की खोज पुलिस कर रही है, लेकिन वह अब भी पकड़ से बाहर है. फाइनल रिपोर्ट के बाद मालिक पर एफआइआर की जायेगी. शुक्रवार दो गोदाम व एक दुकान का ताला तोड़ा जायेगा. ये भी इसी बिल्डिंग में हैं. दवाओं में 90 प्रतिशत इंजेक्शन है, जिसकी एक फाइल की कीमत पांच हजार से अधिक है.
ये हैं सरकारी दवाइयां : इसमें एंटी स्नैक वेनम व पीपरा सिलिन की सप्लाइ बीएमएसआइसीएल द्वारा पीएमसीएच को भेजी गयी है. वहीं, हेल्थ सोसाइटी द्वारा पूर्व में टेजोवैक्टम, एंटी डी की सप्लाइ की गयी थी. इसकी पुष्टि जांच में दवाओं पर लगी बैच नंबर से की गयी है. मोरफिन, फोर्टबिन, पैसिडिन सहित कई इंजेक्शन मिले हैं. इसका ओटी में मरीजों को बेहोश करने व दर्द को कम करने में प्रयोग किया जाता है. वहीं सिजेरियन व कार्डियक सजर्री में जरूरत पड़नेवाला इंजेक्शन भी पकड़ा गया है.
नॉट फोर सेल पर एमआरपी का स्टिकर : गुरुवार को हुई जांच में थीनर, ब्लेड, काफी मात्र में विभिन्न कंपनियों के स्टिकर बरामद किये गये हैं. जांच टीम ने बताया कि गोदाम में लेबलिंग का काम होता था. इसकी पुष्टि मिले स्टांप व स्टिकर से हुई है. कई दवाओं के फिजिशियन सैंपल से नॉट फोर सेल को मिटा कर वहां एमआरपी का स्टिकर लगाया गया था.