पटना: राज्य में मछुआरों को सरकारी जलकरों का बंदोबस्त एक रुपये की टोकन मनी पर किया जायेगा. मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने यह घोषणा की. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस घोषणा पर अमल होगा.
संबंधित आयोग की सिफरिश मिली, तो बिना कोई देरी किये मछुआरों को अनुसूचित जाति का दर्जा दिया जायेगा. मुख्यमंत्री ने मछुआरों को इसके लिए आयोग के पास आवेदन देने को कहा. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा आयोजित विशेष मछुआरा दिवस और सेमिनार को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मछुआरा आयोग में रिक्त पदों को भरने और सभी सुविधाएं आयोग को उपलब्ध कराने का निर्देश वह अधिकारियों को देंगे. उन्होंने कहा कि जो परंपरागत रूप से मछली से जुड़े पेशे में हों, उन्हें ही मछुआरा समिति का सदस्य बनाया जाना चाहिए.
इसके लिए विभाग प्रस्ताव लाये. उन्होंने कहा कि मछुआरा आयोग मछुआरों की जनगणना कराए. इसके लिए सरकार धन देगी. विभाग के मंत्री मछुआरों के कल्याण के लिए प्रस्ताव लाएं, बिना किसी देरी के उन्हें मंजूर किया जायेगा. उन्होंने नशा छोड़ने की अपील मछुआरों से की. इसके पहले पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री वैद्यनाथ सहनी ने मछुआरों के कल्याण के लिए मांगे रखीं. उन्होंने कहा कि सभी विभागों के सभी जलकरों को पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग को दिया जाये. सभी मछुआरों को प्रशिक्षण दिलाने, मत्स्य पारा मेडिकल बोर्ड के गठन, तीन लाख मछुआरों के बीमित करने, सरकारी जलकरों को विकसित करने, मत्स्यजीवी सहयोग समितियों को सहकारिता विभाग से अलग करने की मांग रखी. स्वागत भाषण विभाग की सचिव हरजोत कौर ने दिया. कार्यक्रम को विधायक रामबाबू सिंह कुशवाहा, सांसद डॉ अनिल सहनी, मछुआरा आयोग के अध्यक्ष विश्वनाथ सिंह आदि ने संबोधित किया. मौके पर विजय सहनी, कुमार मणिभूषण, रामनाथ निषाद, टुनटुन प्रसाद, शर्मानंद सहनी, सुनील भारती, अरुण सहनी, राधेश्याम सहनी, अजरुन सहनी आदि मौजूद थे. और बड़ी संख्या में मछुआरा समाज के लोग मौजूद थे.
ये हुए सम्मानित
मुख्यमंत्री ने मछलीपालन में उत्कृष्ट कार्य के लिए दिनेश सहनी (बेनीपुर, दरभंगा), विजय सहनी (खानपुर, समस्तीपुर), नागेंद्र कुमार सहनी, (दरियापुर, सारण), सुधीर सहनी, (बेनीपट्टी, मधुबनी) व इंद्रदेव चौधरी (रामपुर, भभुआ) को सम्मानित किया. सामूहिक दुर्घटना बीमा योजना के तहत चेक भी दिये.