पटना: नवादा के भाजपा सांसद गिरिराज सिंह के श्रीकृष्णापुरी थाने के आनंदपुरी स्थित शिवम अपार्टमेंट के फ्लैट संख्या टू सी से सोमवार को चोरी गये 1.15 करोड़ नकद, 600 अमेरिकी डॉलर, लाखों के आभूषण व कीमती घड़ियों को पटना पुलिस ने 20 मिनट के अंदर बरामद कर लिया. पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि इतने पैसे कहां से लाये गये थे और फ्लैट में क्यों रखे गये थे? रकम के स्नेत को लेकर आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (इडी) भी सांसद गिरिराज सिंह से पूछताछ करेगा.
पुलिस ने इस मामले में अपार्टमेंट के सिक्यूरिटी गार्ड मान सिंह उर्फ वीरेंद्र कुमार उर्फ जितेंद्र (छोटकी बोकनारी, मखदुमपुर) व उसके साथी दिनेश कुमार उर्फ गुड्डु (चकचंदा, खुशरूपुर, वर्तमान में हाजीगंज चौक पटना सिटी) को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने पहले दिनेश को पकड़ा. वह सारे रुपये को सूटकेस में लेकर हाजीगंज चौक स्थित अपने घर ले जाने के फिराक में था. लेकिन, चेकिंग के दौरान ट्रैफिक पुलिस ने टेंपो को पीरबहोर थाने के सामने पकड़ लिया और सारे पैसे बरामद कर लिये गये. इसके बाद दिनेश की निशानदेही पर गार्ड मान सिंह को उसके जहानाबाद स्थित घर से गिरफ्तार किया गया. साथ ही गिरिराज सिंह के रसोइया सदानंद मेहता (मधेपुरा) और नौकर लक्ष्मण कुमार (बड़हिया) को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. पुलिस ने टेंपो चालक सूरज को छोड़ दिया है. गार्ड ने पुलिस को बताया कि लक्ष्मण ने लाइनर का काम किया था और उसी ने फ्लैट में पैसे होने की जानकारी देने के साथ चाबी भी दी थी. उस चाबी से ही दरवाजा खोल कर हमने चोरी की थी. पुलिस उसके बयान की सत्यता की जांच कर रही है. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि यह गार्ड पहले भी कई कांडों में जेल जा चुका है.
सिक्यूरिटी गार्ड ने चोरी की रची थी साजिश
गार्ड मान सिंह ने ही इस चोरी की साजिश रची थी. उसने पांच साथियों से मिल कर इसे अंजाम दिया. गार्ड को सांसद के दिल्ली जाने की भनक एक दिन पहले ही लग गयी थी, जब नवादा के मिलने आये लोगों से सांसद ने चर्चा की कि मैं सोमवार की सुबह में दिल्ली जानेवाला हूं. इसके बाद गार्ड ने सूरज नाम के टेंपो चालक को कुछ सामान ले जाने के लिए भाड़े पर बुक किया. उसने उसे सुबह से ही आनंदपुरी में रहने को कहा और इसके लिए अधिक पैसे देने का वादा भी किया. रसोइया सदानंद मेहता जब फ्लैट बंद कर पांचवें तल्ले पर स्थित फ्लैट संख्या फाइव ए में गया, उसी समय घटना को अंजाम दिया गया. गार्ड चार सूटकेस में पैसे लेकर टेंपो के पास पहुंचा और सारी रकम देने के बाद उसे हाजीपुर जाने का निर्देश दिया. इसके बाद वह खुद जहानाबाद के लिए चल गया, ताकि किसी को उस पर शक न हो. इसके अलावा घटना में शामिल अन्य चार भी पैदल वहां से निकल गये. दिनेश पैसों से भरा सूटकेस ले पटना सिटी के हाजीगंज चौक स्थित आवास जाने के लिए निकला. इनकी योजना थी कि पैसों को दिनेश अपने पटना सिटी स्थित आवास पर रखेगा और चार दिन बाद वे लोग फिर से गायघाट में मिलेंगे और पैसे का बंटवारा कर लेंगे.
ट्रैफिक पुलिस को दिया पांच सौ का नोट, तो हुआ शक
अपार्टमेंट से दिनेश सूटकेस में पैसा लेकर दोपहर 2:40 बजे निकला और करीब तीन बजे पीरबहोर थाने के पास पहुंचा. वहां दिनेश ने टेंपो रुकवाया और पान दुकान से कुछ खरीदने लगा. टेंपो नो पार्किग जोन में लगी, तो वहां तैनात ट्रैफिक पुलिस के सेक्टर प्रभारी सलीमुद्दीन, सिविल जमादार योगेंद्र सिंह, सिपाही मो रफीक, रंजीत सिंह और होमगार्ड के दो जवान मनोज कुमार व राजेश्वर पहुंचे. अचानक कई पुलिसकर्मियों को देख कर दिनेश के होश उड़ गये. लेकिन, उसने कारण पूछा, तो पुलिसकर्मियों ने बताया कि गाड़ी गलत जगह लगी है. इस पर दिनेश ने तुरंत ही पांच सौ का नोट निकाला और सिपाही मो रफीक को देने लगा और कहा कि जुर्माना ले लीजिए और आगे जाने दीजिए. मो रफीक ने बताया कि जैसे ही उसने पैसे दिये, तो हमने समझ लिया कि कुछ गड़बड़ है. जब टेंपो की तलाशी ली गयी, तो उसमें से चार सूटकेस बरामद किये गये, जिनमें लाखों नकद, घड़ियां व आभूषण थे. इतने पैसों के संबंध में दिनेश कुछ भी जवाब नहीं दे पाया, तो ट्रैफिक पुलिस ने तुरंत ही पीरबहोर पुलिस को बुला लिया. पुलिस ने पैसों व अन्य सामान को बरामद करने के साथ ही दोनों को पकड़ लिया. जब पूछताछ की गयी, तो सारी कहानी सामने आ गयी.
सुबह 8:00 बजे शिवम अपार्टमेंट के फ्लैट संख्या टू सी से दिल्ली रवाना हुए सांसद
दोपहर 1:00 बजे अपार्टमेंट का गार्ड पांचवें तल्ले पर गया और सांसद के नौकर को नीचे के ग्रिल की चाबी दी
दोपहर 2:15 बजे सांसद का रसोइया फ्लैट बंद कर पांचवें तल्लेवाले फ्लैट में गया
दोपहर 2:40 बजे गार्ड का साथी दिनेश चार सूटकेस में नगर व आभूषण लेकर टेंपो से निकला
दोपहर 3:00 बजे पीरबहोर थाने के पास ट्रैफिक पुलिस ने टेंपो को पकड़ा व रकम बरामद
दोपहर 3:30 बजे रसोइया पांचवें तल्लेवाले फ्लैट से नीचेवाले फ्लैट में आया, तो चोरी की जानकारी हुई
पैसे की बरामदगी के बारे में पुलिस ने क्यों बोला झूठ
एसएसपी ने सोमवार को मीडिया को क्यों गुमराह किया (एसएसपी ने कहा कि टेंपो में रुपये नहीं मिले)
क्यों कहा कि टेंपो में मिले सूटकेस में रुपये नहीं हैं, यह अफवाह है (जबकि आम तौर पर वह तत्काल खुलासे के लिए जाने जाते हैं)
क्या एसएसपी पर राजनीतिक दबाव था? (क्योंकि उन्होंने 24 घंटे लगा दिये जवाब देने में)
क्या खुलासे से भी ज्यादा थे रुपये ?( संभव है कि रुपये 1.15 करोड़ से ज्यादा हो)
क्या पुलिस ने गिरिराज को 24 घंटे का वक्त दिया पैसे का स्नेत बताने की जुगाड़ करने का? (क्योंकि आम तौर पर घर में इतनी बड़ी रकम कोई नहीं रखता और आज नेट बैंकिंग के युग में कैश का लेन-देन न के बराबर है)
आयकर अधिकारियों ने थाना जाकर ली जानकारी
गिरिराज सिंह के घर से चोरी के बाद बरामद 1.15 करोड़ पर आयकर विभाग व प्रवर्त्तन निदेशालय (इडी) की भी नजर है. सूचना मिलते ही मंगलवार की शाम आयकर अधिकारियों ने पीरबहोर थाना जाकर बरामद रकम की जानकारी ली. आयकर विभाग के निदेशक (अन्वेषण) कुमार संजय ने बताया कि जरूरत पड़ी, तो हम आगे इसकी जांच कर सकते हैं. आयकर विभाग यह सुनिश्चित करने में जुटा है कि रकम पर टैक्स का भुगतान किया गया है या नहीं. अगर टैक्स का भुगतान नहीं किया गया होगा, तो आयकर विभाग गिरिराज से इसके स्नेत की जानकारी लेगा. इडी के एक अधिकारी ने भी कहा कि अगर रकम के स्नेत का पता नहीं चलता है, तो इडी भी हस्तक्षेप करेगा.
गिरिराज की तुरंत हो गिरफ्तारी : श्रवण
संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि भाजपा सांसद गिरिराज सिंह को तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए. अपने को पीएम नरेंद्र मोदी का सबसे करीबी बतानेवाले सांसद को इसका जवाब देना चाहिए कि उन्होंने सांसद बनने के एक माह में इतनी बड़ी राशि कहां से एकत्र की. जदयू नेता ने सरकार को मामले की जांच निगरानी ब्यूरो और इओयू से कराने का सुझाव दिया है. बुधवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में जदयू सदस्य इस मामले को उठायेंगे.