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‘बाबा’ के भरोसे होगी शिव भक्तों की यात्रा

खराब व जानलेवा घाट की वजह से जल भरने में कांवरियों को होगी परेशानी दीपक कुमार मिश्र, सुल्तानगंज से लौट कर देवाधिदेव महादेव के प्रति समर्पण, आस्था व भक्ति का महाकुंभ विश्व प्रसिद्ध ‘श्रवणी मेला’ की तैयारी अब तक आधी-अधूरी है, जबकि मेला शुरू होने में मात्र छह दिन शेष रह गये हैं. सुल्तानगंज में […]

खराब व जानलेवा घाट की वजह से जल भरने में कांवरियों को होगी परेशानी

दीपक कुमार मिश्र, सुल्तानगंज से लौट कर

देवाधिदेव महादेव के प्रति समर्पण, आस्था व भक्ति का महाकुंभ विश्व प्रसिद्ध ‘श्रवणी मेला’ की तैयारी अब तक आधी-अधूरी है, जबकि मेला शुरू होने में मात्र छह दिन शेष रह गये हैं. सुल्तानगंज में 13 जुलाई को मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी श्रवणी मेला का उदघाटन करेंगे. लेकिन न तो कांवरिया पथ दुरुस्त है और न ही गंगा घाट. मंत्री से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों का दौरा व बैठकों का दौर जारी है, लेकिन मेले की तैयारी पुराने र्ढे पर चल रही है. प्रशासन से अधिक जोर-शोर से स्थानीय दुकानदारों की तैयारी चल रही है.

स्थानीय विधायक सुबोध राय भी मेला की तैयारी से नाखुश हैं. तैयारी को देख कर यही कहा जा सकता है कि एक बार फिर ‘बाबा’ के भरोसे भक्त गंगा जल लेकर बाबाधाम के लिए रवाना होंगे.

हालांकि, रविवार को यहां भागलपुर, बांका, मुंगेर व देवघर जिले के अधिकारियों की उच्च स्तरीय संयुक्त बैठक में मेले की तैयारियों की समीक्षा की गयी.

मेला शुरू होने के दूसरे दिन 14 जुलाई को इस सावन की पहली सोमवारी है. इस दिन जलार्पण करनेवाले शिव भक्त एक-दो दिन में सुल्तानगंज पहुंचने लगेंगे, लेकिन खराब व जानलेवा घाट की वजह से जल भरने में कांवरियों को काफी परेशानी होगी. वैसे इक्का- दुक्का कांवरिया सुल्तानगंज पहुंचने लगे हैं. मेले के पहले दिन रविवार को खास कर डाक बम की जबरदस्त भीड़ उमड़ेगी जो पहला सावन को जल चढ़ाएंगे. प्रशासनिक तैयारी की स्थिति को देख कर नहीं लगता है कि उदघाटन के दिन तक भी तैयारी पूरी हो पायेगी.

प्रशासनिक तैयारी लचर

मेले को लेकर प्रशासनिक तैयारी लचर है. श्रवणी मेला में देश-विदेश के 70 लाख से अधिक शिव भक्त पहुंचते हैं, लेकिन मेला की ब्रांडिग की लिए अब तक कुछ नहीं किया गया है. स्थिति यह है कि इतना बड़ा आयोजन है, लेकिन सुल्तानगंज पहुंचनेवाले किसी रास्ते में न तो अब तक कोई होर्डिग लगा है, न कहीं तोरण द्वार बना है. सुल्तानगंज या कांवरिया पथ में सज रही दुकानों को देख यह समझ में आता है कि यहां कुछ होनेवाला है. पीएचइडी की थोड़ी-बहुत तैयारी नजर आ रही है. कांवरिया जहां गंगा जल भरेंगे, उन घाटों की स्थिति बहुत खराब है. यहां तेजी से कटाव हो रहा है. हालांकि, जल संसाधन विभाग की ओर से घाट की मरम्मत जारी है तथा बांस से अस्थाई बैरिकेडिंग भी किया गया है. इसके बावजूद कांवरियों को जल भरने में परेशानी होगी. सीढ़ी घाट के पास मैदान बना हुआ है. चारों ओर झाड़- झंखार उगे हैं. सीढ़ी घाट नियंत्रण कक्ष की स्थिति यह है कि अभी यहां फर्श की ही ढलाई हुई है.

एनएच 80 अकबरनगर व महेशी के बीच जर्जर

भागलपुर से सुल्तानगंज जानेवाली सड़क एनएच 80 अकबरनगर व महेशी के बीच काफी जर्जर है. गड्डों को भरने का काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है. कच्चा कांवरिया पथ की भी स्थिति अच्छी नहीं है. बालू गिराया गया है, लेकिन उसे अभी बिछाया नहीं गया है. कांवरियों के बैठने के लिए बने प्लेटफॉर्म का रंग- रोगन कर चमकाने का प्रयास तो किया गया है, लेकिन क्षतिग्रस्त प्लेटफॉर्म की मरम्मत नहीं हुई है. सुल्तानगंज से मुंगेर के कमरांय के बीच कच्च कांवरिया पथ में कोई तैयारी नहीं है. कहीं भी अब तक स्ट्रीट लाइट नहीं लगी है. यहां दुकानों में लगनेवाले बल्व व टार्च के सहारे कांवरियां अपनी यात्रा करेंगे.

सुल्तानगंज के राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ता विनय शर्मा बताते हैं कि मेला को लेकर तैयारी लचर है. बिजली और स्वास्थ्य सेवा की स्थिति तो सबसे खराब है, बस पीएचइडी का काम दिखता है. मेला प्राधिकार की बैठक तक नहीं हुई.

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