पटना: डीजीपी पद से अभयानंद को हटाये जाने के फैसले को ले कर भाजपा ने सरकार पर हमला बोला है. पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि अभयानंद को लालू प्रसाद के दबाव में डीजीपी पद से हटाया गया है.
जब से लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के बीच समझौता हुआ है, तब से पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में लालू प्रसाद का हस्तक्षेप शुरू हो गया है.
उन्होंने कहा है कि पिछले वर्ष जब ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या के बाद पटना में उपद्रव हुआ था, तब तत्कालीन सीएम ने कहा था कि घटना के लिए डीजीपी जिम्मेवार नहीं हैं. दरअसल में तब जो भी कार्रवाई हुई थी वह तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर ही हुई थी. भाजपा की हुंकार रैली में भी पुलिस पदाधिकारी सुरक्षा इंतजाम को ले कर तत्पर थे, लेकिन तत्कालीन सीएम ने उन्हें रैली को महत्व नहीं देने को कहा. नतीजा यह हुआ कि पुलिस ने अपने हाथ खड़े कर दिये.
सुशील मोदी ने कहा पांच दिन पहले ही विनय कुमार, प्रवीण वशिष्ठ और अमित कुमार जैसे पुलिस के सीनियर अफसरों को गैर महत्वपूर्ण पदों पर तैनात किया गया है. अमित कुमार आइजी ऑपरेश्न के पद पर थे, किंतु उन्हें आइजी ट्रेनिंग, सीआइडी आइजी विनय कुमार को आइजी प्रोविजन और गृह रक्षा वाहिनी तथा प्रवीण वशिष्ठ को आइजी इओयू से हटा कर आइजी वायरलेस और तकनीकी सेवाओं में तैनात किया गया है. पीएन रॉय को प्रोन्नति दी गयी, लेकिन उनकी तैनाती प्रशिक्षण में कर दी गयी. बिहार में विधि-व्यवस्था की जो भी स्थिति पैदा हुई है. उसके लिए कमजोर राजनैतिक नेतृत्व जिम्मेवार है.