पटना: राज्य सरकार ने बिहार पुलिस का मुखिया बदल दिया है. पुलिस महानिदेशक अभयानंद को हटा कर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के महानिदेशक और वर्ष 1980 बैच के आइपीएस अधिकारी पीके ठाकुर को नया पुलिस महानिदेशक बनाया है. इस संबंध में गृह विभाग ने मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दी. साथ ही अपर पुलिस महानिदेशक (रेल) के पद पर तैनात रहे वर्ष 1981 बैच के आइपीएस अधिकारी पीएन राय को महानिदेशक कोटि में प्रोन्नति देते हुए डीजी (प्रशिक्षण) के पद पर तैनात किया गया है.
अधिसूचना के अनुसार, डीजीपी अभयानंद को गृह रक्षा वाहिनी और अग्निशमन सेवा के महानिदेशक के पद पर तैनात किया गया है. डीजीपी के पद से अभयानंद को हटाने के कयास पिछले 15 दिनों से लगाये जा रहे हैं. सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री बदले जाने के
बाद से ही अभयानंद के तबादले की बात कही जा रही थी. राज्य की गिरती कानून-व्यवस्था और हाल के दिनों में राज्य में हुए कुछ बड़े व संगठित आपराधिक घटनाओं को लेकर पुलिस प्रशासन में बड़े पैमाने पर फेर-बदल की संभावना जतायी जा रही थी.
अभयानंद को एक सितंबर, 2011 को तत्कालीन डीजीपी नीलमणि के रिटायर होने के बाद डीजीपी का दायित्व सौंपा गया था. पीके ठाकुर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से पहले एडीजी (विशेष शाखा), एडीजी (मुख्यालय) और एडीजी (विधि-व्यवस्था) जैसे महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं, जबकि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान उन्होंने सीबीआइ के पुलिस महानिरीक्षक के पद पर भी काम किया है. उधर, वर्ष 1981 बैच के आइपीएस अधिकारी पीएन राय को एडीजी से डीजी के पद पर प्रोन्नति देने के प्रस्ताव को विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक में हरी झंडी दे दी गयी थी.
ठाकुर के पदभार ग्रहण के समय नहीं थे अभयानंद : नये डीजीपी पीके ठाकुर मंगलवार को जब पदभार ग्रहण कर रहे थे, तब पूर्व डीजीपी अभयानंद वहां मौजूद नहीं थे. जबकि परंपरा के अनुसार उन्हें वहां उपस्थित रहना चाहिए था. अभयानंद दोपहर 12 बजे ही कार्यालय पहुंच कर अपना प्रभार ऑफिस स्टाफ को सौंप कर चले गये थे. इससे पहले जब तत्कालीन डीजीपी डीपी ओझा को स्थानांतरित किया गया था, तब वह भी अपने ऑफिस स्टाफ को अपना प्रभार सौंप कर कार्यालय से बाहर निकल गये थे. नये डीजीपी के पदभार संभालने के समय वह भी मौके पर मौजूद नहीं थे. उधर, होमगार्ड मुख्यालय में भी मंगलवार को अभयानंद मौजूद नहीं थे. हालांकि, होमगार्ड व अगिAशमन सेवाओं के महानिदेशक का प्रभार उनके पास पहले से है. ऐसे में उन्हें होमगार्ड मुख्यालय में डीजी का पदभार लेने की जरूरत नहीं थी.