पटना: जदयू व राजद की दोस्ती की अग्निपरीक्षा विधानसभा उपचुनाव में होगी. 10 सीटों पर होनेवाले उपचुनाव में भाजपा को हराने के लिए दोनों दलों में समझौता हो सकता है. 10 में सात सीटें भाजपा के कब्जे की हैं. यदि जदयू-राजद मिल कर चुनाव लड़ते हैं, तो ताजा राजनीतिक परिस्थितियों में यह दिलचस्प मुकाबला साबित होगा.
लालू प्रसाद के बाद अब जदयू नेता नीतीश कुमार ने भी गंठबंधन के संकेत दिये हैं. यदि दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे की कोई संभावना बनती है, तो भाजपा के खिलाफ विधानसभा चुनाव के पहले ट्रायल के रूप में देखा जा सकता है. विधानसभा उपचुनाव के साथ ही विधान परिषद की दो सीटों के लिए भी उपचुनाव होने हैं.
गुलाम गौस और मनोज कुमार सिंह के इस्तीफे से खाली हुई सीटों पर भी देर-सबेर उपचुनाव तय है. विधानसभा की जिन सीटों पर उप चुनाव होने हैं, उनमें तीन परबत्ता, बांका और राजनगर राजद की सीटें हैं. इनके अतिरिक्त जाले, मोहिदीनगर, भागलपुर, मोहनिया, छपरा, नरकटियागंज और हाजीपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव होना है. उपचुनाव में तालमेल की किसी संभावना पूछे जाने पर जदयू के मुख्य सचेतक और मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि दल के भीतर अभी इस तरह की कोई चर्चा नहीं हुई है.
राजनीति को संभावनाओं का खेल बताते हुए कहा कि अभी उपचुनाव को लेकर कुछ तय भी नहीं हुआ है, लेकिन, वोटों के बिखराव रोकने के लिए कुछ भी किया जा सकता है.