पटना: निगम से पारित नक्शे के अनुरूप इमारत बन रहा है या नहीं. इसकी जांच के लिए मोबाइल इंस्पेक्शन सिस्टम विकसित होगा. निर्णय सोमवार को मेयर अफजल इमाम की अध्यक्षता में हुई निगम स्थायी समिति की बैठक में लिया गया.
नगर आयुक्त कुलदीप नारायण ने निगम क्षेत्र में कर निर्धारण, निगरानीवाद का पर्यवेक्षण व नक्शा पारित करने के पूर्व जांच के लिए मोबाइल इंस्पेक्शन सिस्टम विकसित करने पर जोर दिया था. इसके लिए कनीय अभियंताओं को मोबाइल उपलब्ध कराया जायेगा,ताकि फिल्ड से ही सूचना मिल जाये. प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कहा गया कि पार्षदों को भी मोबाइल उपलब्ध कराया जाये. प्रोपर्टी टैक्स रिटर्न भरने के लिए वार्ड स्तर पर साइबर कैफे का निबंधन होगा.
इसके लिए नागरिकों को 25 रुपये देना होगा. प्रमुख सड़कों पर स्ट्रीट व हाइमास्ट लाइट के रखरखाव के लिए पीपीपी मोड पर एजेंसी चयनित करने की मंजूरी दी गयी. एजेंसी को रखरखाव के बदले स्ट्रीट लाइट पर मुफ्त में विज्ञापन प्रकाशित करने का अधिकार होगा. साथ ही बांस घाट शवदाह गृह में 10 दैनिक मजदूर की तैनाती के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गयी. वहीं राजेंद्र नगर, एसके पुरी, बेऊर व कंकड़बाग इलाकों में पीआरडीए के भूखंड पर किराया बढ़ाने संबंधित प्रस्ताव को पेश किया गया. मेयर ने विभाग से मार्ग दर्शन मांगा. बैठक में डिप्टी मेयर रूप नारायण मेहता, स्थायी समिति सदस्य आभा लता, विनोद कुमार व जय नारायण शर्मा समेत नगर सचिव आरती कुमार व आलाधिकारी उपस्थित थे.
बैठक की वैधता पर उठे सवाल
विपक्षी पार्षद विनय कुमार पप्पू और दीपक कुमार चौरसिया का कहना है कि मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है और मेयर ने स्थायी समिति की बैठक आयोजित की है. बैठक में लिया गया निर्णय असंवैधानिक है. वहीं, स्थायी समिति के सदस्य आभा लता और विनोद कुमार ने कहा कि विपक्ष बताये कि एक्ट की किस धारा में बैठक नहीं करने का प्रावधान है.