पटना: केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने आज कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून को अभी तक देश के 12 राज्यों ने लागू किया है.
रामविलास ने संवाददाताओं को बताया कि खाद्य सुरक्षा कानून को अभी तक देश के 12 राज्यों ने लागू किया है, जिसमें से पांच राज्यों ने इसे पूरे तौर पर तथा पांच राज्यों ने आंशिक तौर पर लागू किया है. उन्होंने बताया कि जिन राज्यों में खाद्य सुरक्षा कानून को पूरी तरह से लागू किया गया है. उनमें छत्तीसगढ, हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान और पंजाब शामिल हैं.
रामविलास ने बताया कि जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में खाद्य सुरक्षा कानून को आंशिक तौर पर लागू किया गया है. उनमें बिहार, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, कर्नाटक और चंडीगढ है. उन्होंने बताया कि इसके तहत इस वर्ष 4 जुलाई तक राज्यों में सभी लाभुकों की पहचान करना है. लेकिन इसे अभी तक 12 राज्यों के ही लागू कर पाने के कारण इस अवधि में विस्तार किया जाएगा या नहीं इस पर केंद्र विचार कर रही है.
रामविलास ने बताया कि बिहार में खाद्य सुरक्षा कानून के तहत आने वाले परिवारों की कुल संख्या 1.58 करोड है और इस योजना की 8.90 करोड आबादी में ग्रामीण जनसंख्या का 85 प्रतिशत और शहरी आबादी का 74 प्रतिशत का समावेश किया गया है. उन्होंने बताया कि बिहार में खाद्य सुरक्षा कानून के तहत वितरित किए जाने के लिए प्रत्येक माह 4.90 लाख टन खाद्यान्न में गेंहू और चावल शामिल करने की आवश्यकता है.
पासवान ने कहा कि खाद्यान्न वितरण के मामले में कुछ राज्य बेहतर कर रहे हैं जिनमें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ और केरल शामिल हैं. लेकिन बिहार में वितरण की प्रणाली बहुत ही खराब है. उन्होंने कहा कि बिहार में वितरण की खराब स्थिति और समस्याओं के लिए आगामी छह जुलाई को उपभोक्ता प्रतिनिधियों, जनवितरण प्रणाली के दुकानदार, विभागीय अधिकारियों और किसानों के बीच खुला संवाद होगा.
बिहार के खाद्य उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक के उस आरोप कि भारतीय खाद्य निगम के रवैये के कारण राज्य खाद्य निगम को दो माह का 8.18 लाख टन अनाज उठाने में कठिनाइयों का सामना करना पड रहा है, इस पर पासवान ने कहा कि राज्य में अनाज भंडारण की कोई कमी नहीं है. लेकिन राज्य के कई इलाके में निगम को रैक नहीं पहुंची है.
इस अवसर पर उपस्थित भारतीय खाद्य निगम की बिहार इकाई के क्षेत्रीय प्रबंधक सत्यानंद ने बताया कि गत मार्च माह में वितरण के लिए आवंटित 4.37 लाख टन खाद्यान्न में से 1.96 लाख टन का ही उठाव किया गया.उन्होंने बताया कि गत अप्रैल महीने में आवंटित 4.43 लाख टन खाद्यान्न में से 1.80 लाख टन का उठाव किया गया. सत्यानंद ने बताया कि बिहार में गत मई महीने में आवंटित 4.43 लाख टन खाद्यान्न में से 2.80 लाख टन अनाज का ही उठाव किया गया है.
पासवान ने कहा कि इसके अलावा रैकों द्वारा खाद्यान्न प्रचुर मात्र में मंगवाने की व्यवस्था की गयी, लेकिन बिहार राज्य खाद्य निगम द्वारा उठाव नहीं किये जाने के कारण 75 रैक पिछले अप्रैल माह में रद्द करने पडे. उन्होंने कहा कि धीमी गति से उठाव के कारण गोदामों में खाली स्थान का अभाव रहा, जिसके कारण खाद्यान्न अन्य राज्यों से बुलवाने की गति भी धीमी करनी पडी.
श्याम रजक के उस आरोप कि भारतीय खाद्य निगम में मजदूरों की कमी एवं अन्य समस्याओं के कारण उठाव दैनिक लक्ष्य का 25 प्रतिशत ही हो पाता है, रामविलास ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम में स्वीकृत 2016 मजदूरों के विरुद्ध 2460 मजदूर कार्यरत हैं. इसलिए भारतीय खाद्य निगम में मजदूरों की कमी का आरोप तथ्यों से परे है.
उन्होंने बताया कि भारतीय खाद्य निगम द्वारा मई महीने के उठाव की अवधि 19 जून तक बढा दी गयी है ताकि तीनों माह के आवंटन के बराबर खाद्यान्न का उठाव संभव हो सके एवं लाभ पाने वालों को खाद्य सुरक्षा कानून के तहत खाद्यान्न वितरित हो सके.उन्होंने बताया कि राज्य खाद्य निगम द्वारा 3 माह के बचे हुए खाद्यान्न के साथ जून माह का भी आवंटित खाद्यान्न 20 जून तक उठाना है, जो मुश्किल प्रतीत होता है.