मुजफ्फरपुर: भाजपा ने नीतीश कुमार के उस आरोप को बेबुनियाद बताते हुए आज बिहार में राज्यसभा की दो सीटों के उपचुनाव में जदयू उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद से समर्थन की अपील को हल्के में लिया.
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए जीतन राम मांझी के मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश पर रिमोट के जरिए सरकार चलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की मांझी सरकार को अस्थिर करने में कोई रुचि नहीं है.नीतीश पर अपने घर में स्वयं आग लगा लेने का आरोप लगाते हुए सुशील ने कहा कि बिहार को राजनीतिक अस्थिरता के दलदल में फंसा दिया और अब वह भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा ने राज्यसभा के चुनाव में जब कोई उम्मीदवार ही नहीं उतारा है तो वह हार्स ट्रेडिंग (विधायकों की खरीद-फरोख्त) में शामिल क्यों होगी.
सुशील ने भाजपा के जदयू को तोडने का प्रयास करने में लगे होने के नीतीश के आरोप पर कडी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सच्चाई यह है कि वह स्वयं दूसरे दलों को तोडने में माहिर हैं. उन्होंने राजद के 13 विधायकों को तोडने का प्रयास किया और सदन के सदस्यों की संख्या कम करने के लिए उसके तीन विधायकों को इस्तीफा दिलवाया. पूर्व उपमुख्यमंत्री ने नीतीश पर भाजपा के विधायकों को तोडकर जदयू में शामिल करने की कोशिश में लगे होने का आरोप लगाया.
नीतीश भाजपा दो अंतिम नीतीश कुमार को प्रदेश का ‘वास्तविक मुख्यमंत्री’ बताते हुए सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि कि एक समय जिन्हें लोग ‘सुशासन बाबू’ के नाम से जानते थे वह अब ‘जोडतोड बाबू’ के रुप में परिवर्तित हो गए हैं.बिहार में राज्यसभा की दो सीटों के उपचुनाव में जदयू उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद से समर्थन की अपील करने पर उन्होंने कहा कि जिनके खिलाफ दो दशकों तक लडाई लडते रहे आज वह अपने दो उम्मीदवारों की जीत के लिए उनसे याचना कर रहे हैं
भाजपा को स्वयं पहल करते हुए कांग्रेस को लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता का दर्जा दे दिए जाने की नीतीश द्वारा वकालत किए जाने के बारे में सुशील ने कहा कि कांग्रेस ने 1984 में टीडीपी के पास विपक्षी दलों में सबसे अधिक 30 सीट होने के बावजूद विरोधी दल के नेता का दर्जा देने से इंकार कर दिया था.
उल्लेखनीय है कि नीतीश ने एक प्रश्न के उत्तर मे आज इससे पूर्व कहा था कि भाजपा को स्वयं अपनी ओर से पहल करते हुए बिना मांगे कांग्रेस को लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता का दर्जा देना चाहिये. उन्होंने कहा था कि वर्ष 2010 में बिहार में राजद के पास बिहार विधान सभा में पर्याप्त संख्या नहीं होने के बावजूद उन्होंने उसे प्रतिपक्ष के नेता का दर्जा दे दिया था और ऐसा ही बिहार विधान परिषद में भी किया था.