पटना: मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि इंसेफ्लाइटिस रोकने के लिए सरकार गंभीर है. इंसेफ्लाइटिस ग्रस्त क्षेत्रों में 100 आइसीयू का निर्माण शीघ्र किया जायेगा. पहले से इन क्षेत्रों में 46 आइसीयू कार्यरत हैं, इनके बनने के बाद आइसीयू की संख्या 146 हो जायेगी.
इनसेफ्लाइटिस से फिलहाल दस जिले प्रभावित हैं. उन्होंने यह घोषणा गुरुवार को एम्स, पटना में मस्तिष्क ज्वर रोकथाम पर आयोजित संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए की . उन्होंने कहा कि मुख्यालय से एडवांस सपोर्ट सिस्टम से युक्त 50 एंबुलेंस भेज दिये गये हैं.
इन एंबुलेंस एवं चिकित्सकों की मस्तिष्क रोग प्रभावित सुदूर क्षेत्रों के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रतिनियुक्ति की गयी है. मरीज के परिवारों के रहने एवं खाने की व्यवस्था सरकार की ओर से की गयी है. सभी आशा को अपने पोषण क्षेत्र के सभी घरों को प्रतिदिन पर्यवेक्षित करने का निर्देश दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मस्तिष्क रोग के मरीज पाये जाने की स्थिति में उसे तुरंत प्रारंभिक उपचार देकर नजदीक के अस्पताल में पहुंचाने का निर्देश दिया गया है. आशा द्वारा पहुंचाये गये मरीज के जीवन रक्षा होने पर एक सौ रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है. जीविका एवं अन्य स्वयंसेवी सहायता समूहों के माध्यम से भी लोगों को जागरूक करने में मदद की जा रही है. पंपलेट के अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में लाउडस्पीकर से लोगों को रोग के संबंध में सूचना दी जा रही है.
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक ने कहा कि एम्स ने मस्तिष्क रोग की पहचान एवं रोगियों को सुविधा देने के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में जो काम किया गया है, वह स्वागतयोग्य है. निदेशक एम्स जीके सिंह ने मस्तिष्क ज्वर की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया. उन्होंने बताया कि इस रोग से उत्तर प्रदेश, बिहार एवं असम के बीच पिछले 34 वर्षो से प्रत्येक वर्ष 15 वर्ष से कम उम्र के करीब एक हजार बच्चे की मौत हुई है. इस अवसर पर प्रधान सचिव स्वास्थ्य दीपक कुमार, यूनिसेफ प्रमुख डॉ. अमीन आदि उपस्थित थे.
केबल नेटवर्क एवं समाचार-पत्रों के माध्यम से भी लोगों को इस रोग के संबंध में जागरूक किया जा रहा है. जिला अस्पताल, एसकेएमसीएच एवं केजरीवाल अस्पताल में मरीजों के समुचित इलाज एवं सुविधाओं के अनुश्रवण हेतु 247 वरीय उपसमाहर्ता की प्रतिनियुक्ति की गयी है. जिलाधिकारी के स्तर पर कोर टीम का गठन किया गया है एवं सिविल सजर्न कार्यालय में 24 घंटे चिकित्सा नियंत्रण कक्ष स्थापित है. यदि मरीज के परिजनों द्वारा निजी वाहन से मरीज को अस्पताल लाया जाता है, तो उसके व्यय की प्रतिपूर्ति की व्यवस्था की गयी है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिदिन संध्या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यो की समीक्षा की जा रही है एवं आवश्यक संसाधन की आपूर्ति की जा रही है. बीमारी की रोकथाम के लिए टीकाकरण किया जा रहा है.
पीएम से भी मिलेंगे सीएम
मुख्यमंत्री ने प्रधान सचिव स्वास्थ्य दीपक कुमार को निर्देश दिया कि एक कमेटी बना कर इसकी रोकथाम के संबंध में विस्तृत जांच कर शीघ्र प्रतिवेदन दे. वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री से भी चर्चा करेंगे और मदद मांगेंगे.