नयी दिल्ली : लोकसभा में आज भाजपा नेता राजीव प्रताप रुडी को सांसद दंपती पप्पू यादव और रंजीता रंजन को उकसाना महंगा पड़ गया. दोनों ने रुडी की टिप्पणी का कड़ा विरोध किया जिसके चलते उन्हें अपनी बात वापस लेने को मजबूर होना पड़ा.
मौका था सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का. चर्चा की शुरुआत भाजपा नेता राजीव प्रताप रुडी ने की और इसी दौरान वह राजनीति के अपराधीकरण पर अपनी बात रखने लगे.
इस क्रम में रुडी ने कहा कि जिन लोगों को जेल में होना चाहिए था वे सीना चौडा कर चुनाव प्रचार कर रहे थे और जीत कर भी आ गए. उन्होंने राजद प्रमुख लालू प्रसाद का भी नाम लिए बिना कहा कि एक नेता जेल चले जाते हैं और अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठा देते हैं.
उन्होंने कहा कि इस प्रकार का जो लोकतंत्र चल रहा है उसे बदलने की जरुरत है.उनकी इस टिप्पणी का पप्पू यादव और उनकी सांसद पत्नी रंजीता रंजन ने कडा विरोध करते हुए कहा कि जो नेता सदन में नहीं हैं उनका उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए. वह आक्रोशित होकर अग्रिम पंक्तियों में आए गए और रुडी की टिप्पणी पर विरोध जताने लगे.
अंतत: रुडी को कहना पड़ा कि वह अपनी टिप्पणी वापस लेते हैं. गौरतलब है कि पप्पू यादव राजद के टिकट पर जबकि रंजीता रंजन कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर आये हैं.