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25 कॉलेज होंगे मॉडल

पटना : बिहार में उच्च शिक्षा के विकास पर केंद्र और राज्य सरकार मिल कर 400 करोड़ रुपये खर्च करेगी. 25 पिछड़े जिलों के एक -एक पुराने कॉलेजों को मॉडल कॉलेज के रूप में विकसित किया जायेगा. शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत इन कॉलेजों के विकास के लिए सभी विश्वविद्यालयों […]

पटना : बिहार में उच्च शिक्षा के विकास पर केंद्र और राज्य सरकार मिल कर 400 करोड़ रुपये खर्च करेगी. 25 पिछड़े जिलों के एक -एक पुराने कॉलेजों को मॉडल कॉलेज के रूप में विकसित किया जायेगा. शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत इन कॉलेजों के विकास के लिए सभी विश्वविद्यालयों से 16 जून तक प्रस्ताव (प्रस्पेक्टिव प्लान) देने को कहा गया है, ताकि उसके बाद कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को राशि दी जा सके. शिक्षा मंत्री वृशिण पटेल की अध्यक्षता में बुधवार को सभी विवि के कुलपतियों और राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद् की बैठक हुई. इसमें ये निर्णय लिये गये.

सूबे में 60 मॉडल कॉलेज खुलने हैं, लेकिन पहले चरण में 25 जिलों के एक-एक कॉलेजों को मॉडल कॉलेज के रूप में विकसित किया जायेगा. इनमें 24 जिले वैसे हैं, जो उच्च शिक्षा में पिछड़े हैं, जबकि नालंदा जिले के एक कॉलेज को मॉडल कॉलेज बनाया जायेगा.

बैठक में के विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) गठन पर भी चर्चा हुई. रूसा के तहत उच्च शिक्षा के विकास के लिए 400 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. इनमें 65 फीसदी राशि (300 करोड़) केंद्र सरकार और 35 फीसदी राशि (100 करोड़) रुपये राज्य सरकार देगी. इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों को 16 जून तक का समय दिया गया है, जिसमें उन्हें प्रस्पेक्टिव प्लान तैयार कर शिक्षा विभाग को देना है. इसमें उच्च शिक्षा को कैसे बेहतर किया जा सकता है, विश्वविद्यालयों व कॉलेजों की बिल्डिंग को दुरुस्त करने, नये पाठय़क्रम की शुरुआत करने के लिए, नैक की मान्यता दिलाने, विवि के शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों की आवश्यकता समेत कुल 18 बिंदुओं पर विभाग ने प्रस्पेक्टिव प्लान देने को कहा है. विश्वविद्यालयों द्वारा प्लान देने के बाद रूसा के लिए निर्धारित राशि कॉलेजों को दी जायेगी.

बैठक में शिक्षा विभाग के विशेष सचिव एचआर श्रीनिवास ने बताया कि विवि से आर्टिफिशियल सैलरी भी निकल रही है. उसे रोकने के लिए पे-वेरिफिकेशन किया जा रहा है. जो शिक्षक व कर्मचारी वहां के नहीं होंगे, उन्हें वेतन नहीं दिया जायेगा. अब सभी विवि के कुलपतियों और राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद् की बैठक जुलाई के तीसरे सप्ताह में होगी.

बैठक में राज्य आधारभूत संरचना निगम के एमडी संजीवन सिन्हा, राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष डॉ कामेश्वर झा व सदस्यगण, सभी विवि के कुलपति, गांधी संग्रहालय के रजी अहमद, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष राजमणि प्रसाद सिन्हा, पटना वीमेंस कॉलेज की प्राचार्य सिस्टर डोरिस डिसूजा, उच्च शिक्षा के ओएसडी शिवेश रंजन समेत अन्य सदस्य मौजूद थे.

ये कॉलेज बनेंगे मॉडल कॉलेज

फारबिसगंज कॉलेज, अररिया

एस एन सिन्हा कॉलेज, औरंगाबाद

पी बी एस कॉलेज, बांका

जी डी कॉलेज, बेगूसराय

सी एम साइंस कॉलेज, दरभंगा

एम एम कॉलेज, गोपालगंज

के के एम कॉलेज, जमुई

एसवीपी, कॉलेज, कैमूर

डीएस कॉलेज, कटिहार

कोसी कॉलेज, खगड़िया

मारवाड़ी कॉलेज, किशनगंज

केएसएस कॉलेज, लखीसराय

टीपी कॉलेज, मधेपुरा

आरके कॉलेज, मधुबनी

केएसएस कॉलेज, नवादा

एमजेके कॉलेज, बेतिया

एमएस कॉलेज, मोतिहारी

पूर्णिया कॉलेज, पूर्णिया

आरएम कॉलेज, सहरसा

समस्तीपुर कॉलेज, समस्तीपुर

गोयनका कॉलेज, सीतामढ़ी

जेडए इस्लामिया कॉलेज, सीवान

बीएसएस कॉलेज, सुपौल

आरएन कॉलेज, हाजीपुर

नालंदा जिले का एक कॉलेज.

कुलपतियों ने गिनायीं समस्याएं

वीर कुंवर सिंह विवि, आरा के कुलपति प्रो मो अजहर हुसैन ने बैठक में कहा कि उनके विश्वविद्यालय को अपना भवन आज तक नहीं मिल सका है. दूसरे भवन में विश्वविद्यालय चल रहा है. शिक्षा विभाग इस पर पहल करे और विश्वविद्यालय को अपना भवन दे.

बीएन मंडल विवि, मधेपुरा के कुलपति डॉ विनोद कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय में 1992 के बाद से कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं है. इससे कर्मचारियों की भारी कमी है. समय पर कोई काम पूरा नहीं होने पर ये असुविधाएं हो रही हैं.

सिर्फ 16 को नैक की मान्यता

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष राजमणि प्रसाद सिन्हा ने कहा कि नैक की मान्यताप्राप्त कॉलेजों की संख्या काफी कम है. फिलहाल 16 कॉलेजों को ही इसकी मान्यता मिली है, जबकि नौ कॉलेजों का निरीक्षण किया गया है. कुलपतियों ने एक स्वर में कहा कि जिनके पास संसाधन हैं, वे भी नैक की मान्यता के लिए निरीक्षण करवाने से कतराते हैं, क्योंकि अगर नैक ने डी ग्रेड दे दिया, तो कॉलेज की बदनामी होगी.

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