पटना: खूबसूरत महिला की मदद से व्यवसायियों से फर्जी आर्थिक अपराध अनुसंधान इकाई के एसपी, डीएसपी व दारोगा बन कर पैसे वसूलने वाले गिरोह को पुलिस टीम ने कादिरगंज थाने के लाल बाग स्थित राइस मिल से गिरफ्तार कर लिया. इस गिरोह को उस समय पकड़ा गया, जब वे सभी राइस मिल के मालिक कुमार शांतनु को डरा-धमका कर पैसे उगाही करने की फिराक में थे.
लेकिन कुमार शांतनु उन लोगों के हाव-भाव को समझ चुके थे और उन्होंने मौका देख कर कादिरगंज थानाध्यक्ष को अपने मोबाइल से एसएमएस कर दिया. पुलिस ने भी एसएमएस मिलने के बाद देरी नहीं की और तुरंत ही ग्रामीण एसपी बीएन झा, मसौढ़ी एसडीपीओ राशिद जमां व कादिरगंज थानाध्यक्ष विनोद कुमार की टीम ने राइस मिल की घेराबंदी कर दी.
मौके पर ही नकली एसपी अखिलेंद्र किशोर (चैनपुर, सिसवन, सीवान), दारोगा दीपक कुमार (सी-15, पीसी कॉलोनी, कंकड़बाग) व महिला महिमा दुबे (रायदासा, टाउस, किशनगंज, वर्तमान बोरिंग केनाल रोड) को पकड़ लिया. इन लोगों की निशानदेही पर नकली डीएसपी प्रवीण कुमार सिंह (दयानसी पथ सुगंध विहार कॉलोनी, भागवत रोड, अगमकुआं) को भी गिरफ्तार कर लिया गया. इन लोगों के पास से एक मारुति कार, दो लैपटॉप, अगमकुआं थाने का एक स्टांप मुहर, पटना सिटी के अवर निबंधक का एक स्टांप मुहर, आइजीआइएमएस का एक स्टांप मुहर, आइजीसीआइआरसी का एक स्टांप मुहर, लाल रंग का पुलिस जूता व खाकी रंग का मोजा, आइपीएस की फर्जी टोपी, बेल्ट व स्टार लगी वरदी बरामद की गयी है.
कम कीमत में बैग बनाने का दिया झांसा : शांतनु का कादिरगंज में राइस मिल है और वहां से चावलों की सप्लाइ परे बिहार में की जाती है. चावल के प्लास्टिक बैग पर उसका फोन नंबर भी रहता है. उसे देख कर एक महिला ने फोन कर कम पैसे में प्लास्टिक का बैग देने की बात कही. इस पर शांतनु ने बैग खरीदने की इच्छा जतायी तो उसे भागवत नगर स्थित कार्यालय में बुलाया गया. शांतनु जैसे ही वहां पहुंचा, वैसे ही अखिलेंद्र कुमार ने खुद को आर्थिक अपराध अनुसंधान इकाई का एसपी बताते कहा कि यहां छापेमारी चल रही है. उसने वहां पर मौजूद प्रवीण को डीएसपी व दीपक को दारोगा बताते हुए शांतनु पर महिला के साथ गलत करने का आरोप लगाया. महिला ने भी हामी भर दी. इसके बाद महिला को वहां से हटा कर दूसरे कमरे में कर दिया और उसे भी धमकी दी गयी.
रास्ते में कर दिया एसएमएस : इसके बाद उन्होंने शांतनु को स्थानीय थाना ले जाने की धमकी दी. बाद में शांतनु ने अनुरोध किया, तो वे सब दस लाख रुपये में मामले को खत्म करने पर तैयार हुए. लेकिन शांतनु ने जब इतना पैसा न होने की बात बतायी, तो पांच लाख पर सौदा पक्का हुआ. शांतनु ने उन लोगों को बताया कि वे लोग उसके साथ कादिरगंज स्थित राइस मिल पर चलें, वहीं सारी रकम दे दी जायेगी. इसके बाद अखिलेंद्र व दीपक ने उसे अपनी कार से लेकर कादिरगंज की ओर बढ़े. बीच रास्ते में ही एसएमएस के माध्यम से शांतनु ने कादिर गंज थानाध्यक्ष को सारी जानकारी दे दी.
कैसे देते थे घटना को अंजाम : यह गिरोह काफी शातिर है और गिरोह में एक महिला भी शामिल थी. उक्त महिला लोगों को फोन कर दोस्त बनने या फिर शारीरिक संबंध बनाने का झांसा दे कर बुलाती थी और फिर इन लोगों का खेल शुरू हो जाता था. मौके पर ही तीनों नकली पुलिस अधिकारी वहां पहुंच जाते और फिर उन्हें जेल भेजने की धमकी देते हुए लाखों की उगाही कर लेते. इन लोगों ने फ्रेजर रोड स्थित छाबड़ा स्पोर्ट्स से पुलिस की वरदी, टोपी व स्टार की खरीद की थी.
* फिल्म स्पेशल 26 देख बनायी थी योजना
बॉलीवुड में रिलीज हुई स्पेशल 26 फिल्म देख कर फर्जी एसपी के रूप में पकड़े गये अखिलेंद्र ने पैसा कमाने की योजना बनायी थी. इस फिल्म का नायक अक्षय कुमार भी कुछ इसी तरह से घटना को अंजाम दे कर पैसा कमाता था. फिल्म में अक्षय कुमार नकली सीबीआइ अधिकारी बन कर पैसेवालों के घर पर सीबीआइ अधिकारी बन कर छापेमारी की नौटंकी करता था और सारा माल लेकर उड़ जाता था.
अखिलेंद्र ने एक साल पहले इस फिल्म को देखी थी और उसने मित्र प्रवीण कुमार सिंह को इस फिल्म की जानकारी दी थी. प्रवीण की दोस्ती दीपक और उसकी दोस्ती महिला से थी. वे तीनों एक मार्केटिंग कंपनी से जुड़े थे. अखिलेंद्र ने फिल्म की तर्ज पर ही सभी को एक ही रात में लखपति होने का सब्जबाग दिखाया और सभी तैयार हो गये. बिहार में इन दिनों आर्थिक अपराध अनुसंधान इकाई का खौफ है, इसलिए इन लोगों ने इस इकाई का ही नाम लेना शुरू किया. अखिलेंद्र ने हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, पटना आदि शहरों में गोरखधंधा के गोरखधंधा शुरू किया.
* पूर्व आइएएस अफसर का बेटा है प्रवीण
पकड़े गये सभी लोग संभ्रांत घरों से संबंधित हैं. फर्जी एसपी अखिलेंद्र कुमार काफी पढ़ा-लिखा और स्मार्ट है. वह नेतरहाट विद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा पास की है और इंटर व स्नातक दिल्ली यूनिवर्सिटी से किया है. इसने डीयू से ही लॉ की डिग्री ले रखी है और फर्राटेदार अंगरेजी बोलने में भी माहिर.
इसी तरह फर्जी डीएसपी प्रवीण कुमार सिंह के पिता दया शंकर सिंह पूर्व आइएएस अधिकारी रह चुके हैं, दीपक कुमार एमबीए की डिग्री ले चुका है. वहीं आरोपित महिला इंटर पास है और इन सभी की दोस्ती पटना में ही हुई थी. इस संबंध में एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि गिरफ्तार लोग फर्जी पुलिस अधिकारी बन कर लोगों से पैसा वसूलने का धंधा कर रहे थे. पूछताछ करने के बाद इन लोगों को जेल भेज दिया जायेगा.