पटना : राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने रविवार को स्पष्ट किया कि जदयू अध्यक्ष शरद यादव से मेरी कोई बात नहीं हुई है. शरद यादव ने खुद अपना बयान बदल दिया है. लालू ने इस बात का भी विरोध किया कि हमने कोई शर्त रखी है.
उन्होंने कहा कि यह बात बिल्कुल भ्रामक है कि हमारी चार शर्तो में दो मान ली गयी हैं. 10 सकरुलर रोड स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद उठा राजनीतिक संकट उनके दल का है. इससे राजद का कोई लेना-देना नहीं है. यह बात निराधार है कि नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने अडंगा डाला है. मीसा भारती के कैबिनेट मंत्री बनाने और राबड़ी देवी के राज्यसभा सदस्य बनाये जाने को भी उन्होंने मनगढंत बताया. उन्होंने कहा, सरकार के अस्थिर होने की घटना को हम नजदीक से देख रहे हैं.
जदयू के पास 124 की संख्या है. सरकार बनाने के लिए राजद ने कोई दावा नहीं किया है. 16 मई को लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद मैंने यही कहा कि अब सेकुलर पार्टियों को मिल-जुल कर सोचना चाहिए. इस दिशा में शनिवार को मेरी बात बसपा अध्यक्ष मायावती से हुई है. सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से भी मेरी बात हुई है. दिल्ली जाने के बाद इन सब मुद्दों पर आगे की बात होगी.