नयी दिल्ली :जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद पार्टी विधायक दल ‘नये नेता’ का चुनाव करेगा. शरद ने कहा, ‘‘शाम चार बजे बैठक शुरु होगी और पार्टी नये नेता का चुनाव करेगी. नीतीश समेत पूरी पार्टी इसमें हिस्सा लेगी. विधायक यह तय करेंगे कि नया नेता कौन होगा.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या नीतीश को फिर से जदयू विधायक दल का नेता चुना जायेगा, शरद ने इस संभावना को खारिज नहीं किया और कहा कि पार्टी का निर्णय सर्वोच्च होगा.
उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने भी पहले इस्तीफा दिया था. नीतीश कुमार भी पहले इस्तीफा दे चुके हैं जब वे केंद्रीय रेल मंत्री थे। पार्टी जो भी निर्णय करेगी वह सर्वोपरि होगा.’’नीतीश कुमार के इस्तीफे के निर्णय के बारे में जदयू अध्यक्ष ने कहा कि यह राजग की ओर से पेश चुनौती से निपटने के लिए किया गया. उन्होंने कहा, ‘‘जो कदम हमने उठाया है, वह दिल्ली से संबंधित है. यह देश के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के उद्देश्य से उठाया गया. यह देश को एकजुट करने और संविधान की रक्षा के लिए है. अभी यह जदयू तक ही सीमित है लेकिन बाद में दूसरे दल भी ऐसा ही निर्णय करेंगे.’’
इससे पहले शरद यादव ने कांग्रेस नेतृत्व के साथ बातचीत की और समझा जाता है कि उन्हें नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद बिहार में नई सरकार के गठन में समर्थन का भरोसा मिल गया है. बिहार में 243 सदस्यों वाली विधानसभा में जदयू के 115 सदस्य हैं जबकि कांग्रेस के चार सदस्य नीतीश सरकार को समर्थन दे रहे हैं. जदयू सूत्रों ने बताया कि उन्हें कांग्रेस से समर्थन का अश्वासन मिला है.
जदयू विधायक दल की आज बैठक होने वाली है जिसमें नीतीश के इस्तीफे के बाद नये नेता का चुनाव होगा.नीतीश ने लोकसभा चुनाव में पराजय की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए कल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. बिहार के वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पार्टी महासचिव शकील अहमद ने कहा कि कांग्रेस जदयू सरकार को बाहर से समर्थन दे रही है और इसे वापस लेने का कोई कारण नहीं है.
अहमद ने कहा, ‘‘ हमने साम्प्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए नीतीश कुमार सरकार को समर्थन दिया है. मैं व्यक्तिगत तौर पर इसे वापस लेने का कोई कारण नहीं देखता हूं.’’ बिहार विधानसभा में भाजपा के 89 सदस्य और राजद के 21 सदस्य हैं. जदयू को भाकपा के एक और दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है. नीतीश कुमार ने कल अपने मंत्रीपरिषद के साथ इस्तीफा दे दिया था लेकिल उन्होंने विधानसभा भंग करने की सिफारिश नहीं की थी. इस्तीफा देने के बाद नीतीश ने संवाददाताओं से कहा था, ‘‘ लोकसभा चुनाव के परिणाम जदयू के लिए अच्छे नहीं रहे. जनादेश का सम्मान किया जाना चाहिए. इसलिए मैंने अपने मंत्रीपरिषद का इस्तीफा सौंप दिया है. मैंने चुनाव अभियान का नेतृत्व किया था। इसलिए यह मेरी नैतिक जिम्मेदारी है और मुङो इसका निर्वाह करना चाहिए.’’ वर्तमान सरकार का कार्यकाल नवंबर 2015 में समाप्त हो रहा है. शरद यादव ने कहा है कि बिहार में जदयू नई सरकार बनायेगी.
वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के साथ हाथ मिलाने के संकेत दिए हैं. जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा है कि वह सेक्युलर गठबंधन की सरकार बनाने के लिए लालू यादव के साथ मतभेद भुलाने को तैयार हैं. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि वह बिहार के राजनीतिक हालात पर नजर रखे हुए है.
लालू ने कहा कि अन्य लोगों की तरह उनके (नीतीश) इस्तीफे के बारे में उन्हें पता चला है. जनता ने उन्हें नकारा (लोकसभा चुनाव में जदयू की पराजय) है. अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है और ऐसे में वह प्रदेश के राजनीतिक हालात पर नजर रखे हुए है. लालू ने कहा कि नीतीश के इस्तीफे बाद उनकी पार्टी जदयू क्या करती है. राज्यपाल उनका इस्तीफा स्वीकार करते हैं या नहीं. इसके बाद फिर से चुनाव या उपचुनाव होता है या नहीं, सबकुछ अस्पष्ट है. ऐसे में वह इस पर वे कुछ भी प्रतिक्रिया नहीं दे सकते. हम केवल उस पर नजर रखे हुए हैं.
राजद सुप्रीमो ने आगे कहा कि नीतीश ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की तरह लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के खराब प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी ली है. उन्होंने कहा कि नीतीश ने भी पूरे प्रदेश का भ्रमण किया है और उन्होंने महसूस किया कि वोट का सांप्रदायिक धुव्रीकरण हुआ है. लालू ने बताया कि राजनीतिक हालात पर चर्चा के लिए उन्हांेने अपने पार्टी विधायक दल की आगामी 19 मई को बुलाई है.