पटना: पहली फरवरी से लागू राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ सभी चयनित परिवारों को नहीं मिल रहा है. योजना लागू होने के तीन माह बीत गये, लेकिन अधिकतर परिवारों को एक बार भी राशन नहीं मिला है. अप्रैल में अनाज आवंटित तो हुआ, लेकिन कार्ड नहीं होने से राशन मिलने में परेशानी हुई. बाद में जिला प्रशासन ने सूची के आधार पर राशन बांटने का निर्देश दिया. सूची के आधार पर कुछ ही परिवारों को राशन मिल सका.
पटना जिले में कुल साढ़े पांच लाख चयनित परिवार हैं. ग्रामीण क्षेत्र में 3,50,964 व शहरी क्षेत्र में 1,96,066 परिवार हैं. पटना जिले में एक लाख 11 हजार 994 अंत्योदय परिवार हैं. इनमें ग्रामीण क्षेत्र में 87,329 व शहरी क्षेत्र में 24,665 परिवार हैं. खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सामाजिक, आर्थिक व जाति आधारित जनगणना से चयनित परिवारों को नये कार्ड पर राशन मिलना है. अंत्योदय परिवारों को पुराने कार्ड पर ही राशन मिलेगा.
दो केटेगरी निर्धारित
खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सरकार ने लाभ देने के लिए दो केटेगरी निर्धारित की. एक सामाजिक, आर्थिक व जाति आधारित जनगणना से चयनित परिवार हैं. इसमें परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को कुल पांच किलो अनाज (दो किलो गेहूं व तीन किलो चावल) मिलना है. दूसरा अंत्योदय योजना में शामिल परिवार हैं. अंत्योदय योजना में शामिल परिवारों को कुल 35 किलो (14 किलो गेहूं व 21 किलो चावल) मिलना है. दोनों योजनाओं में दो रुपये किलो गेहूं व तीन रुपये किलो चावल मिलता है.
पहले दिन ही गड़बड़ी
पहली फरवरी से पूरे देश में लागू योजना के दिन ही राज्य में जनवितरण दुकान में एसएफसी से अनाज पहुंचाने की भी नि:शुल्क व्यवस्था शुरू हुई. योजना लागू होने के पहले दिन कुछ राशन दुकानों पर चयनित परिवारों को अनाज देना था, लेकिन जल्दबाजी में छपे राशन कार्ड में कई गलतियों को लेकर चयनित परिवारों को नहीं खोजा जा सका. नतीजा राशन दुकान में अनाज तो पहुंचा, परंतु उसका वितरण नहीं हो सका. इसके बाद राशन कार्ड में गड़बड़ी ठीक करने की प्रक्रिया शुरू हुई. कार्ड में गड़बड़ी सुधार के बाद जब राशन कार्ड वितरण का निर्णय लिया गया तो चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गयी. नतीजा 5 मार्च से राशन कार्ड वितरण पर रोक लग गयी.
सूची के आधार पर देने का निर्देश : अप्रैल में सरकार ने 54703 क्विंटल गेहूं व 82054 क्विंटल चावल आवंटित किया. दुकान में अनाज तो आवंटित हुआ, लेकिन राशन कार्ड नहीं मिलने से चयनित परिवारों को अनाज मिलने में परेशानी हुई. बाद में सूची के आधार पर अनाज वितरण का जिला प्रशासन ने आदेश निर्गत किया.