पटना: विधान परिषद के पूर्व सभापति ताराकांत झा का अंतिम संस्कार सोमवार को राजकीय सम्मान के साथ दीघा के आइटीआइ घाट पर किया गया. उनके पुत्र कौशल किशोर झा ने मुखाग्नि दी. मौके पर नेताओं, अधिवक्ताओं व अधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. उधर, राज्य सरकार ने राजकीय शोक की घोषणा की. चुनाव कार्यो से जुड़े कार्यालयों को छोड़ कर राज्य सरकार के सभी कार्यालयों में छुट्टी रही.
साढ़े आठ बजे शुरू हुई शवयात्रा : सुबह करीब साढ़े आठ बजे शवयात्रा उनके बोरिंग कैनाल रोड स्थित आवास से निकली. करीब नौ बजे विधान परिषद पहुंची. वहां सभापति अवधेश नारायण सिंह, विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई नेताओं, विधायकों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने श्रद्धांजलि दी. करीब साढ़े नौ बजे शवयात्र प्रदेश जदयू कार्यालय पहुंची, जहां प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह और अन्य नेताओं व कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि दी. करीब 10 बजे शवयात्र बार काउंसिल परिसर पहुंची. वहां हाइकोर्ट के कई जजों और सभी वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने श्रद्धांजलि दी. करीब सवा दस बजे प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचने पर पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, नंदकिशोर यादव, गिरिराज सिंह समेत पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. यहां से शवयात्र दीघा स्थित आइटीआइ घाट की ओर चल पड़ी. करीब 11 बजे शवयात्र आइटीआइ घाट पहुंची.
शवयात्रा में हजारों लोग शामिल थे. उनके गांव से आये करीब एक हजार लोग भी उनकी अंतिम यात्र में शामिल हुए. तारा बाबू के भाई अयोध्यानाथ झा, पशुपतिनाथ झा और द्वारकानाथ झा समेत उनके परिवार के लोग वहां मौजूद थे. बिहार पुलिस के 25 सशस्त्र जवानों ने हवाई फायर कर सलामी दी और उनके सम्मान में अपने शस्त्रों को झुकाया. इसके बाद बेटे कौशल किशोर झा ने मुखग्नि दी. मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री पीके शाही, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, अश्विनी चौबे, नंदकिशोर यादव, गिरिराज सिंह, विधायक विजय कुमार मिश्र, विधायक विनोद नारायण झा, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ अनिल सुलभ, वरीय अधिवक्ता सिद्धेश्वर प्रसाद, जदयू के संजय गांधी, राजकिशोर सिंह, संजय झा, भाजपा नेता उमेश्वर प्रसाद सिंह, संजय मयूख, सूरजनंदन कुशवाहा, अशोक भट्ट, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रकाश जी आदि मौजूद थे.
जदयू कार्यालय में शोकसभा : जदयू के प्रदेश कार्यालय में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पंडित ताराकांत झा के निधन से राज्य के सामाजिक, राजनीतिक और बौद्धिक जगत की अपूरणीय क्षति हुई है. विधान परिषद के सभापति के रूप में उनका कार्यकाल हमेशा याद रहेगा, क्योंकि उनके निर्देशन में शताब्दी समारोह का ऐतिहासिक आयोजन हुआ. वे प्रखर अधिवक्ता थे और महाधिवक्ता के रूप में भी उन्होंने राज्य की सेवा की. ऐसे अनुभवी बौद्धिक व्यक्तित्व के निधन से जदयू परिवार मर्माहत है. प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि उनके निधन से पार्टी के साथ-साथ राज्य की क्षति हुई है. मंत्री विजय कुमार चौधरी, पीके शाही, डॉ भीम सिंह, विधान पार्षद महाचंद्र प्रसाद सिंह, सांसद रामनाथ ठाकुर, शकुनी चौधरी, विधान पार्षद संजय सिंह, नीरज कुमार, डॉ संजीव कुमार सिंह, पूर्व विधान पार्षद रामवचन राय, रूदल राय, संजय कुमार सिंह गांधी जी, राजकिशोर कुशवाहा, बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, बिहार नागरिक परिषद के महासचिव छोटू सिंह, अनिल पाठक, सविता नटराज, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रो, जनार्दन प्रसाद सिंह, प्रो. रामकिशोर सिंह, अंजलि सिन्हा, देवयंती यादव, प्रदेश महासचिव रवींद्र सिंह, डा. नवीन कुमार आर्य, अजय सिंह, राजीव रंजन प्रसाद, अरुण कुमार सिन्हा, सुनीता साक्षी, ओम प्रकाश सेतु, श्वेता विश्वास, सायरा बानो, राजीव रंजन समेत पार्टी के अन्य नेताओं ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद दो मिनट का मौन रखा गया. ग्रामीण कार्य मंत्री डॉ भीम सिंह ने ताराकांत झा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए खुद के लिए व्यक्तिगत क्षति बताया. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह व विधानसभा में मुख्य विरोधी दल के मुख्य सचेतक अरुण कुमार सिन्हा ने भी शोक व्यक्त किया है.
भाजपा कार्यालय में शोकसभा : भाजपा कार्यालय में आयोजित शोकसभा में पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि मिथिला और मैथिली के विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी. उनकी सक्रियता नहीं रहती, तो मैथिली को संविधान की आठवीं सूची में शामिल नहीं किया जा सकता था. तारा बाबू ने राजनीति को कभी आय का साधन नहीं बनाया. यही वजह थी कि राजनीति में रहते हुए भी उन्होंने वकालत नहीं छोड़ी. पटना हाइकोर्ट में उन्हें कई बार न्यायमूर्ति बनने का ऑफर मिला, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया. विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंद किशोर यादव ने कहा कि तारा बाबू ने राजनीति के कई झंझावात देखे, लेकिन मूल विचारधारा से कभी नहीं भटके. मौके प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय, संगठन महामंत्री नागेंद्र जी, विधान पार्षद किरण घई, प्रो सूरज नंदन कुशवाहा, उषा विद्यार्थी, निवेदिता सिंह, विनोद नारायण झा आदि मौजूद थे. लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान, पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान व प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने भी गहरा शोक व्यक्त किया है.
तारा बाबू से था आत्मीय रिश्ता : वृशिण पटेल
सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री वृशिण पटेल ने विधान परिषद के पूर्व सभापति ताराकांत झा के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि तारा बाबू के साथ आत्मीय रिश्ता था. इसकी शुरुआत वर्षो पहले हुई थी, जो अंत तक बनी रही. मुङो सहज विश्वास नहीं होता कि अब वह नहीं रहे. तारा बाबू एक अच्छे इनसान थे. इसलिए बिहार को उनकी आवश्यकता हमेशा बनी रहेगी.