पटना : सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान अनुभवी सिविल जजों को एडीजे पद के लिए होनेवाली परीक्षा में शामिल होने की फिलहाल छूट दे दी है. इस व्यवस्था का लाभ फिलहाल बिहार समेत पूरे देश के सिविल जजों को मिलेगा. एडीजे पद के लिए होनेवाली परीक्षा में अभी तक सिर्फ कम-से-कम सात साल के अनुभववाले वकील ही शामिल हो सकते थे.
न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर व नागप्पा की बेंच ने मध्यप्रदेश में सिविल जज के रूप में कार्यरत उत्सव ठाकुर की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह व्यवस्था दी. ठाकुर 6 जून को मध्य प्रदेश में होनेवाली उच्च न्यायिक सेवा (एडीजे) की परीक्षा में शामिल होना चाहते थे. ठाकुर के वकील ने अदालत को बताया कि एडीजे की परीक्षा में सिर्फ कम-से-कम सात साल के अनुभव वाले वकील ही शामिल हो सकते हैं. सिविल जजों को इसकी इजाजत नहीं है, भले ही उनके पास सात साल या इससे ज्यादा अनुभव ही क्यों न हो. याचिका पर सुनवाई के दौरान बेंच ने मध्यप्रदेश सरकार और वहां के हाइकोर्ट के महानिबंधक को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा. अदालत ने फिलहाल सात साल या उससे ज्यादा अनुभववाले सिविल जजों को 6 जून को होनेवाली परीक्षा में शामिल होने की छूट दे दी है.