पटना: राजधानी पटना समेत राज्य का बड़ा हिस्सा तापलहर की चपेट में आ गया है. पिछले दो वर्षो के मुकाबले इस साल 10 मई का दिन राज्य में सबसे ज्यादा गरम रहा. झुलसा देने वाली गरमी से लोगों का हाल बेहाल हो गया है. शनिवार को पटना का अधिकतम तापमान 42.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया जो यह अपेक्षित औसत तापमान से 4.3 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, अगले तीन-चार दिनों तक यही स्थिति बनी रह सकती है.
इस दौरान ज्यादातर इलाकों में तापमान कुछ बढ़ भी सकता है. पूर्णिया में अधिकतम तापमान 41.6 और भागलपुर 41.0 दर्ज किया गया. पूर्णिया में यह अपेक्षित औसत तापमान से 7.6 डिग्री और भागलपुर में 4 डिग्री ज्यादा रहा. गया में अधिकतम तापमान 40.5 रहा, जो अपेक्षित औसत तापमान से 0.5 डिग्री ज्यादा था.हालांकि, उत्तर-पूर्वी बिहार के लोगों को बुधवार से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. बुधवार को इस इलाके में हल्की बारिश हो सकती है. पटना मौसम केंद्र के निदेशक आशीष कुमार सेन के मुताबिक, बाकी हिस्सों में अगले तीन-चार दिनों तक गरमी से राहत मिलने की कम उम्मीद है. अगले तीन-चार दिनों में दक्षिण बिहार के इलाकों को छोड़कर राज्य के बाकी इलाकों में तापमान में कुछ बढ़ोतरी हो सकती है.
क्या है तापलहर
तेज गरमी के कारण पृथ्वी के सतह के पास की हवा गरम होकर ऊपर की ओर उठती है. इस हवा की खाली हुई जगह ज्यादा गरम पछिया हवा ले लेती है. इस गरम हवा के कारण वातावरण की नमी कम होती है और तापमान बढ़ जाता है. अपेक्षित तापमान से 5 डिग्री या ज्यादा तापमान बढ़ने की स्थिति को मौसम वैज्ञानिक तापलहर की स्थिति कहते हैं. अपेक्षित तापमान से अधिकतम तापमान सात डिग्री या ज्यादा तापमान बढ़ने पर गंभीर तापलहर की स्थिति मानी जाती है.