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बिहार : इंस्पेक्टर कार्यालय के पीछे मिलीं तीन अष्टधातु मूर्तियां
समस्तीपुर : सदर इंस्पेक्टर कार्यालय के पीछे कचरे के ढेर से अष्टधातु की तीन मूर्तियां मिली हैं. बुधवार को किसी कर्मी की नजर मूर्तियों से भरे बैग पर पड़ी. उसने पुलिस को सूचना दी. इसके बाद इंस्पेक्टर प्रियव्रत ने पुलिसकर्मियों की मदद से बैग छानबीन शुरू की. बैग खोलते ही उसके अंदर बोरे में लिपटी […]
समस्तीपुर : सदर इंस्पेक्टर कार्यालय के पीछे कचरे के ढेर से अष्टधातु की तीन मूर्तियां मिली हैं. बुधवार को किसी कर्मी की नजर मूर्तियों से भरे बैग पर पड़ी. उसने पुलिस को सूचना दी. इसके बाद इंस्पेक्टर प्रियव्रत ने पुलिसकर्मियों की मदद से बैग छानबीन शुरू की. बैग खोलते ही उसके अंदर बोरे में लिपटी मूर्तियां चमक रही थीं.
इंस्पेक्टर ने बारी-बारी से सभी मूर्तियों को बाहर निकाल कर कार्यालय के टेबुल पर रखा. बताया जा रहा है कि छानबीन के दौरान दर्जन भर से अधिक मूर्तियां बैग से निकली हैं. इनमें तीन बेशकीमती मूर्तियां राम, जानकी व लक्ष्मण की हैं. इसका वजन प्रति मूर्ति 25 किलो से अधिक होगा. बाकी मूर्तियां छोटी-छोटी हैं.
इसके अलावा भगवान का मुकुट भी है. चोरों ने मुकुट को क्षतिग्रस्त कर दिया है. इसके कारण इसका वजन सही-सही अंदाजा नहीं लग पा रहा है. मूर्तियों के वजन व संख्या को देख कर जानकार कयास लगा रहे हैं कि बाजार में इसकी कीमत करोड़ रुपये से अधिक ही होगी. पुलिस मूर्तियों को लेकर छानबीन में जुटी है.
इधर मूर्तियों को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं की जा रही हैं. कयास लगाया जा रहा है कि इन दिनों एसपी दीपक रंजन ने जिले में अपराधियों पर शिकंजा कसने के उद्देश्य से पुलिस महकमे को राउंड द क्लॉक गश्ती व वाहन चेकिंग का सख्त आदेश दे रखा है. माना जा रहा है कि चोरों के गिरोह से जुड़े सदस्य इन मूर्तियों को उसी रोड से रात के वक्त कहीं ले जाने की फिराक में होंगे.
इसी बीच गश्ती दल के सदस्यों पर उनकी नजर पड़ी होगी. पुलिस से बचाने के लिए चोरों ने मूर्तियों से भरे बैग को सदर अंचल इंस्पेक्टर कार्यालय की चहारदीवारी के अंदर फेंक दिया होगा. इसके बाद कार्यालय परिसर में सख्त पुलिसिया पहरे को देख कर दोबारा बैग उठाने की हिम्मत नहीं जुटा पाये. अगले दिन पुलिस वालों की नजर इन बैगों पर पहुंच गयी. इसके बाद चोरों के मंसूबे पर पानी फिर गया.
मूर्तियों पर अंकित है महंत का नाम : बरामद मूर्तियों पर महंत का नाम अंकित है. इसके साथ ही मूर्ति निर्माण के वर्ष भी दर्ज हैं. इससे इन मूर्तियों की प्राचीनता सहज प्रतीत हो रही है.
प्रत्यक्षदर्शियों का बताना है कि एक मूर्ति पर महंत छोटे गंगा दास व दूसरी पर महंत श्याम दास का नाम लिखा है. वहीं मूर्ति पर 1923 अंकित है. इससे पुलिस को मूर्ति की पहचान करने में सहूलियत मिलेगी. ग्रामीणों के अनुसार बरामद मूर्तियां इसी ठाकुरबाड़ी की है़ समस्तीपुर में बरामद इन मूर्तियों की जांच के लिए बेगूसराय की पुलिस भी पहुंच रही है़ पुलिस के अनुसार बेगूसराय में भी कुछ दिनों पूर्व अष्टधातु की मूर्तियां चोरी हुई थी़ इस घटना के दौरान महंत की हत्या भी हो गयी थी़
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