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बिहार : उग्र छात्रों ने डॉक्टर और कर्मियों को खदेड़ कर पीटा, तोड़फोड़, रोड जाम

मधेपुरा : जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल परिसर के इमरजेंसी वार्ड में रविवार को तड़के सुबह इलाज के लिए आये इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र सत्यजीत कुमार की मौत हो गयी. इससे उत्तेजित इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए सदर अस्पताल परिसर में जम कर बवाल काटा. वहां कार्यरत नर्सिंग […]

मधेपुरा : जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल परिसर के इमरजेंसी वार्ड में रविवार को तड़के सुबह इलाज के लिए आये इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र सत्यजीत कुमार की मौत हो गयी. इससे उत्तेजित इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए सदर अस्पताल परिसर में जम कर बवाल काटा. वहां कार्यरत नर्सिंग स्टाफ से लेकर डॉक्टर, अस्पताल प्रबंधक, ब्लड बैंक कर्मी तक को खदेड़ कर पीटा गया. क्रुद्ध छात्रों ने सदर अस्पताल अधीक्षक के आवास पर जाकर भी तोड़फोड़ की. वहां एक अन्य डॉक्टर के आवास पर भी मारपीट की गयी. यहां तक की डॉक्टर के परिजनों को भी नहीं छोड़ा गया. वहीं इमरजेंसी, वार्ड समेत अनेक जगह का फर्नीचर तोड़ डाला. छात्रों का उपद्रव डेढ़ घंटे तक जारी रहा.
सदर अस्पताल से महज पांच सौ मीटर दूरी पर अवस्थित सदर थाने से पुलिस जब तक पहुंची, तब तक अस्पताल के कर्मी अपनी जान बचाने के लिए भाग चुके थे. पूरे परिसर पर छात्रों का ही कब्जा था. पुलिस ने किसी तरह इन्हें बाहर निकाला तो वहां सड़क जाम कर टायर जला कर विरोध प्रदर्शन करने लगे. लगभग चार घंटे तक सड़क पर हंगामा होता रहा. अंतत: डीएम, एसपी, एएसपी समेत कई थाने से पुलिस एवं आसपास के प्रखंड से दंडाधिकारी बुलाकर स्थिति नियंत्रित किया गया. घटना के विरोध में सदर अस्पताल के कर्मी एवं डॉक्टर हड़ताल पर चले गये हैं. ऐसे असुरक्षित माहौल में काम करने से उन लोगों ने इन्कार कर दिया है.
अस्पताल पहुंचा तो नाजुक थी सत्यजीत की हालत
सत्यजीत शनिवार को इलाज के लिए आया था. खून व अन्य जांच कराने के अलावा उसे दवा दी गयी और शाम में रिपोर्ट आने के बाद इमरजेंसी में आकर दिखाने को कहा गया, लेकिन नहीं आया. पुन: रविवार तड़के पहुंचा, जब उसकी हालत बेहद नाजुक थी. खून की जांच में हीमोग्लोबिन की मात्रा महज तीन थी, जबकि यह मात्रा 11 से 14 होनी चाहिए.
सत्यजीत की मौत की खबर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को जैसे ही सूचना मिली छात्रों ने सदर अस्पताल पहुंच कर तोड़फोड़ शुरू कर दिया. तोड़फोड़ के दौरान उपद्रवियों छात्रों ने अस्पताल प्रबंधक को खदेड़कर पीटा. इमरजेंसी वार्ड के जीएनएम के साथ भी मारपीट किया. ब्लड बैंक के कर्मी राजकुमार पूरी को भी खदेड़कर पीटना शुरू कर दिया. इतना नहीं उपद्रवी छात्रों ने सदर अस्पताल अधीक्षक डा शैलेंद्र कुमार गुप्ता व चिकित्सक डा संतोष कुमार के आवास पर जाकर तोड़फोड़ कर दिया. वहीं परिसर में रह रहे डॉक्टर एवं स्वास्थ्य कर्मियों के परिवार की महिलाओं के साथ भी मारपीट किया.
डीएम ने दिया आश्वासन मजिस्ट्रेट करेंगे जांच
चार घंटे सड़क जाम के बाद डीएम व एसपी मौके पर पहुंचे. इसके बाद डीएम ने छात्रों को आश्वासन दिया कि चिकित्सक की टीम गठित कर जांच करायी जायेगी. वहीं, मामले की जांच मजिस्ट्रेट करेंगे. दोषी चिकित्सक पर कार्रवाई की जायेगी. मुआवजे के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा जायेगा. इसके बाद छात्रों ने सड़क जाम को हटा दिया.
24 घंटे में कार्रवाई नहीं हुई तो प्राइवेट प्रैक्टिस भी करेंगे बंद : आइएमए
मधेपुरा. अराजक भीड़, उपद्रव, तोड़फोड़, डॉक्टर से लेकर नर्सिंग स्टाफ तक से मारपीट आखिरकार इन हालातों में चिकित्सक कैसे गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज करने की हिम्मत जुटा पायेंगे. चिकित्सक कोई भगवान नहीं है, जिसके हाथ लगाते ही एक मरनासन्न मरीज उठ कर खड़ा हो जाय.
बिहार में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट भी लागू है. इसके बावजूद इन हालात से रोजाना चिकित्सकों को रू-ब-रू होना पड़ रहा है. उपरोक्त बातें आइएमए की आकस्मिक बैठक में मंथन के बाद उभर कर आयी. बैठक में निर्णय लिया गया कि डॉक्टर के साथ इस तरह के हालात अगर रहे तो फिर सदर अस्पताल के हड़ताल में आइएमए भी शामिल होगा. अगर प्रशासन 24 घंटे के अंदर कड़ी कार्रवाई नहीं करती है तो फिर प्राइवेट मेडिकल प्रैक्टिस को भी ठप कर दिया जायेगा.
बैठक में मुख्य रूप से डा एसएन यादव सचिव कोसी प्रमंडल, डा दिलीप कुमार सिंह सचिव मधेपुरा, एसीएमओ अखिलेश कुमार, अधीक्षक डा शैलेंद्र कुमार गुप्ता, डा एलके लक्ष्मण, डा संतोष कुमार आदि उपस्थित थे.

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