पटना: जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने शनिवार को स्पष्ट किया कि मैंने पार्टी नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के संबंध में कुछ अखबारों (प्रभात खबर नहीं) में प्रकाशित जातिवादी राजनीति से संबंधित क थित बयान नहीं दिया है. वैशाली की एक सभा में शरद यादव ने कहा कि उनकी बातों को तोड़-मरोड़ कर प्रकाशित किया गया है. गौरतलब है कि मीडिया में शरद के हवाले यह खबर आयी थी कि लालू प्रसाद और नीतीश कुमार दोनों ही उनके शिष्य रहे हैं और दोनों ही जातिवाद से ऊपर नहीं उठ पाये.
चुनाव प्रचार से लौटने के बाद शरद यादव ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि मेरी बातों का मतलब नहीं समझा गया. मैं सभी पिछड़े नेताओं क ो एकजुट होने कापक्षधर हूं. पिछड़ों, कमजोर तबकों और अकलियतों को एकजुट होना चाहिए. उन्होंने जातिवादी राजनीति से ग्रसित होने के कांग्रेस और भाजपा पर आरोप लगाये. शरद ने कहा, कांग्रेस और भाजपा जैसी पार्टियां घोर जातिवाद से ग्रसित हैं . कांग्रेस एक ही परिवार और जाति के लोग 50-55 सालों से अध्यक्ष बने हुए हैं. जवाहर लाल नेहरू के जमाने से कांग्रेस पर जातीयता हावी है. पुरुषोत्तम दास टंडन को जब कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, तो नेहरू इससे खुश नहीं थे. बाद में इंदिरा गांधी अध्यक्ष बनी. एक बार निजलिंगप्पा बने, तो पार्टी टूट गयी और सीताराम केसरी अध्यक्ष बने, तो उन्हें गरदन पर हाथ देकर निकाल दिया गया. यही हाल भाजपा काभी है. उन्होंने भाजपा अध्यक्षों के नाम गिनाते हुए कहा कि एक दो क ो छोड़ दिया जाये, तो अटल बिहारी वाजपेयी और मुरली मनोहर जोशी तक एक ही जाति के लोग अध्यक्ष होते आये हैं. जबकि हमारी पार्टी जदयू में कपरूरी ठाकुर और जॉर्ज फर्नाडीज जैसे लोग अध्यक्ष हुए हैं.
आप को समर्थन पर त्यागी-वशिष्ठ आमने-सामने
आम आदमी पार्टी को बनारस में समर्थन देने के मसले पर जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी और प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह आमने-सामने हैं. केसी त्यागी ने शनिवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में वाराणसी में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल के पक्ष में चुनाव प्रचार करने क ी बात उन्होंने शरद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से चर्चा क र की थी. उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह इस मामले में जल्दबाजी की बात किस आधार पर कह रहे, उन्हें नहीं मालूम है. शुक्रवार को पार्टी महासचिव केसी त्यागी के हवाले खबर आयी कि वाराणसी में पांच मई को शरद यादव और त्यागी चुनाव प्रचार करने जायेंगे.
इधर, पटना में शनिवार को जदयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि केसी त्यागी ने जल्दबाजी की है. जदयू के लिए बिहार का चुनाव महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि केसी त्यागी को वाराणसी चुनाव प्रचार में जाने की बात सार्वजनिक करने से पहले आपस में बातचीत कर लेनी चाहिए. इस पर पलटवार करते हुए केसी त्यागी ने कहा कि उन्होंने शरद यादव और नीतीश कुमार से बातचीत के बाद ही वाराणसी जाने की बात कही है. उन्होंने वशिष्ठ नारायण सिंह के बयान पर आश्चर्य जताया, जिसमें उन्होंने केसी त्यागी के बयान क ो जल्दबाजी में लिया गया निर्णय कहा है.
इधर, जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि अगर मैं वाराणसी जाऊंगा, तो देश के लिए जाऊंगा. चुनाव प्रचार से लौटने के बाद पटना एयरपोर्ट पर उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के लोगों ने इसकी चर्चा की है. अरविंद केजरीवाल ने भाजपा के पीएम पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को चुनौती दी है. उनके इस साहस का हम स्वागत करते हैं, इसलिए अगर पार्टी मेरे समर्थन का कार्यक्रम तय करती है, तो देश हित के लिए चुनाव प्रचार करने जाऊंगा.