पटना: कॉलेजों की तरह अब विश्वविद्यालयों को भी नैक से अपनी ग्रेडिंग करानी होगी और मान्यता भी लेनी होगी. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो विश्वविद्यालयों का ग्रांट रोक दिया जायेगा.
नैक से जांच के लिए विवि को खुद आवेदन करना है. रूसा लागू होने के साथ ही सूबे के विश्वविद्यालयों में यह नियम लागू हो गया है. शिक्षा विभाग में शुक्रवार को चार विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों व वित्त अधिकारियों की बैठक में इन बातों को याद कराया गया.
शिक्षा विभाग के विशेष सचिव एचआर श्रीनिवास की अध्यक्षता में हुई बैठक में पटना विवि, मगध विवि, जेपी विवि और एनएनएमयू के रजिस्ट्रार व वित्त अधिकारी शामिल हुए. बैठक में वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधि ने विश्वविद्यालयों में वित्तीय प्रबंधन कैसे करनी है, इसकी जानकारी प्रेजेंटेशन के जरिये जानकारी दी. बैठक में बताया कि रूसा लागू हो गया है. उसके तहत विश्वविद्यालय योजनाएं कैसे बनायेंगे, जो योजनाएं बनें, वे कम-से-कम पांच साल के लिए बनें आदि की जानकारी दी गयी. बैठक में उच्च शिक्षा के उपसचिव अनूप कुमार सिन्हा भी मौजूद थे.
सात मई को रिफ्रेशर कोर्स : विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में एकेडमिक लीडरशिप कैसा हो, इसे जानने के लिए विदेश जानेवाले कुलपतियों व प्रतिकुलपतियों के लिए सात मई को रिफ्रेशर कोर्स आयोजित किया गया है. इसमें वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधि व सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ जनक पांडेय प्रेजेंटेशन देंगे. इसके जरिये वे बतायेंगे कि अमेरिका की पैन स्टेट यूनिवर्सिटी में उन्हें क्या करना है और कैसे करना है? वहां 22-26 जून तक ट्रेनिंग होनी है. इसमें सात वीसी-प्रोवीसी व शिक्षा विभाग के एक अधिकारी जानेवाले हैं.