पटना : सूबे के प्रारंभिक,माध्यमिक और प्लस टू स्कूलों से रिक्तियों की सूचना मुख्यालय को नहीं मिली है. पहले बीस मार्च तक सभी जिलों से रिपोर्ट भेजनी थी. बाद में इसे एक माह के लिए बढ़ा दिया गया. विभाग को अब तक रिपोर्ट नहीं मिली. माना जा रहा है कि इसका असर शिक्षक नियुक्ति पर पड़ेगा.
प्रारंभिक स्कूलों में हर नियोजन इकाई में अलग-अलग कोटि में विषयवार खाली पदों की संख्या मांगी गयी थी. क्लास छह से आठ तक के प्रखंड शिक्षकों के लिए पुरुष व महिला की खाली सीटों की संख्या के साथ कितने आवेदन हैं. उसकी लिस्ट देनी थी. क्लास एक से पांच तक के पंचायत-शिक्षकों के लिए नगर निगम, नगर परिषद्, नगर पंचायत, प्रखंड नियोजन इकाई और पंचायत स्तर के महिला-पुरुष की अलग-अलग रिक्तियां और बचे आवेदनों की संख्या मांगी गयी थी. इसके लिए शिक्षा विभाग ने शेडय़ूल भी तैयार किया था, लेकिन उसका पालन नहीं हो सका.
चुनाव के बाद होगी नियुक्ति : प्रारंभिक,माध्यमिक और प्लस टू स्कूलों में 1.33 लाख पद रिक्त हैं. लोकसभा चुनाव के बाद इन पदों पर नियुक्ति होनी है. शिक्षा विभाग ने कैंप के माध्यम से एक बार और नियोजन पत्र बांटने का निर्णय लिया है. लोकसभा चुनाव के बाद सभी जिलों से रिक्तियां आने के बाद तिथि निकाली जायेगी और अभ्यर्थियों में नियुक्ति पत्र बांटे जायेंगे. जितने आवेदन होंगे, उन्हें मेधा क्रम में रखा जायेगा. वरीयता सूची में जो अभ्यर्थी नहीं आते हैं, तो उसके नीचे की वरीयता वाले को मौका मिलेगा. यह सिलसिला पद भरने तक चलेगा. इसके बाद जो आवेदन बच जायेंगे. उन्हें रद्द करने की भी कार्रवाई की जा सकती है.
एसटीइटी पास के लिए बीएड की आधी सीटें
आधी सीटों पर अप्रशिक्षित शिक्षकों होगा नामांकन
पटना. सूबे के एसटीइटी पास अभ्यर्थियों को अब राज्य सरकार बीएड करवायेगी. शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. सूबे में प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी के कारण सरकार ने यह फैसला लिया है. एसटीइटी में सफल होनेवाले जो अभ्यर्थी शिक्षक नहीं बन सकें हैं, उन्हें शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों में नियमित रूप से बीएड का कोर्स कराया जायेगा. जो शिक्षक बन चुके हैं, लेकिन बीएड की डिग्री नहीं ली है, उन्हें भी कोर्स करवाया जायेगा. इस संबंध में शिक्षा विभाग ने संकल्प जारी कर दिया है.
नयी व्यवस्था के तहत राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीइ) द्वारा स्वीकृत कुल सीटों में से 50 फीसदी सीटें एसटीइटी पास अप्रशिक्षित शिक्षकों से भरी जायेंगी, जबकि बाकी 50 फीसदी सीटों पर एसटीइटी पास वैसे अभ्यर्थियों का नामांकन होगा, जिनका शिक्षक के पद पर नियोजन कहीं नहीं हो सका है. बीएड में नामांकन के लिए अभ्यर्थियों की उम्र एक जनवरी तक कम-से-कम 21 वर्ष होनी चाहिए. फिलहाल समस्तीपुर, छपरा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर व सहरसा के सरकारी बीएड कॉलेज चल रहे हैं, जबकि गया का बंद है.
ऐसे होगा चयन : नामांकन एसटीइटी के अंक के आधार पर होगा. अगर दो या दो से अधिक अभ्यर्थियों के अंकों का प्रतिशत एक समान होता है, तो अधिक उम्रवाले अभ्यर्थी को पहले मौका मिलेगा. साथ ही एक श्रेणी में अगर पद खाली रह जाते हैं, तो दूसरी श्रेणी के अभ्यर्थियों का नामांकन हो सकेगा.