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खतरे में है आंगनबाड़ी केंद्रों का अस्तित्व

आंगनबाड़ी केंद्रों को दो वर्षो से किराया भुगतान बंद सदर प्रखंड में किराये पर चलते हैं 150 आंगनबाड़ी केंद्र बक्सर. जिले भर में बाल विकास परियोजना के अंतर्गत चलने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति काफी दयनीय है. किराये के मकान में चलने वाले इन केंद्रों को विगत दो वर्षो का किराया भुगतान नहीं किया गया […]

आंगनबाड़ी केंद्रों को दो वर्षो से किराया भुगतान बंद
सदर प्रखंड में किराये पर चलते हैं 150 आंगनबाड़ी केंद्र
बक्सर. जिले भर में बाल विकास परियोजना के अंतर्गत चलने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति काफी दयनीय है. किराये के मकान में चलने वाले इन केंद्रों को विगत दो वर्षो का किराया भुगतान नहीं किया गया है. जिसके कारण हर रोज सेविकाओं को मकान मालिक की तीखी बात सुननी पड़ती है. यहां तक इन्हें कई बार आंगनबाड़ी केंद्र के लिए दूसरी जगह तलाशने की धमकी दे दी गयी है. यदि हाल यहीं रहा तो ऐसे किराया के मकान में चलने वाले कई आंगनबाड़ी केंद्रों को शीघ्र बंद करना सेविकाओं के लिए विवशता बन जायेगी. किराया नहीं मिलने के पीछे जिले के अधिकारी चुप्पी साध रहे है. जबकि प्रखंड स्तर के अधिकारियों के अनुसार केंद्र का किराया नहीं मिलने के पीछे पैसे निकासी में विलंब बतलाया गया.
किराये के लिए होती है बकझक
नाम न छापने के शर्त पर कई आंगनबाड़ी केंद्रों की सहायिकाओं ने बताया कि विभाग की लापरवाही का दंश उन्हें ङोलना पड़ रहा है. हर रोज मकान मालिक के साथ किराये को लेकर बकझक हो जाती है.
सेविकाएं हैं परेशान
बक्सर सदर प्रखंड में 230 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. जिसमें से करीब 150 आंगनबाड़ी केंद्र किराये के मकान में चलते हैं. इन केंद्रों का किराया भुगतान दो वर्षो से नहीं हुआ है. ब्रह्मपुर में 159 आंगनबाड़ी केंद्र है, जहां 122 केंद्र किराये के मकान में संचालित हो रहे हैं.यहां विगत एक साल से किराया भुगतान नहीं किया गया है. ऐसे ही हर प्रखंड में किराये के मकान में संचालित होने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों का किराया का भुगतान नहीं किया गया है. जिसके कारण सेविकाओं को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.
कितना मिलता है किराया
हर आंगनबाड़ी केंद्र को दो सौ रुपये किराये के रूप में दिये जाते हैं, लेकिन अप्रैल 2013 से यह राशि 750 रुपये हो गयी है. लेकिन यह राशि अब तक विभाग के पन्नों में दिख रहे है. अब तक इसके भुगतान के लिए कोई पहल नहीं की है.
क्या कहती है सीडीपीओ
सीडीपीओ पुष्पा रानी ने बताया कि उनके प्रखंड में कुछ कारणों से विगत दो वर्षो से किराया भुगतान रुका हुआ था. पैसे की निकासी हो चुकी है. जिसे शीघ्र ही वितरण किया जायेगा.
क्या कहते हैं डीपीओ
इस संबंध में जब डीपीओ अजीत जायसवाल से संपर्क किया गया तो, इसे लेकर उन्होंने कोई गंभीरता नहीं दिखायी. वह इस संबंध में कुछ भी स्पष्ट बोलने से कतराते रहे. किरायेभुगतान के संबंध में उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी.

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