पटना:पटना: ‘बिहार के डीएनए में जातिवाद होने’ के भाजपा नेता नितिन गडकरी के बयान से राज्य में बवाल मच गया है और बडी राजनीतिक पार्टियों के नेता इस मुद्दे को लेकर उन पर जम कर बरसे हैं.कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं मीडिया प्रभारी प्रेमचंद मिश्र ने कहा कि गडकरी के ‘गैरजिम्मेदाराना बयान’ ने भाजपा के बिहार विरोधी रुख को सामने ला दिया है और पार्टी को राज्य के लोगों से माफी मांगनी चाहिए.
मिश्र ने कहा, ‘‘भाजपा का शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के साथ गठजोड है जो अपने बिहार विरोधी रुख को लेकर जाने जाते हैं. गडकरी जैसे लोगों ने ही इस गठजोड की हिमायत की थी. उनका बयान भाजपा और आरएसएस की सोच को जाहिर करता है तथा उन्हें बिहार के लोगों से माफी मांगनी चाहिए.’’ मिश्र ने कहा, ‘‘सबसे पहले, भाजपा ने नरेन्द्र मोदी को अत्यंत पिछडी जाति के व्यक्ति के रुप में पेश किया और अब वे बिहार के लोगों पर जातिवाद में शामिल होने का आरोप लगा रहे हैं. लोगों को नहीं भूलना चाहिए कि भाजपा साम्प्रदायिक डीएनए के साथ साम्प्रदायिक पार्टी है.’’ बिहार के लोगों के प्रति नफरत दर्शाने वाला बयान जारी करने को लेकर जदयू ने भी गडकरी की आलोचना की है. जदयू इस बाबत चुनाव आयोग को भी शिकायत करने की योजना बना रही है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने आज कहा कि जातिवाद बिहार के खून में है और इसीलिए राज्य में जातिवाद की ज्यादा बातें होती हैं.गडकरी ने यह टिप्पणी इस सवाल के जवाब में की कि बिहार के भाजपा नेता नरेंद्र मोदी की जाति का मुद्दा उठा रहे हैं जबकि पार्टी जातिवाद के खिलाफ होने का दावा करती है.
हालांकि उन्होंने खुद को ठीक करते हुए संवाददाताओं से खून की जगह राजनीति शब्द का उपयोग करने को कहा. उन्होंने याद किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी की उम्मीदवारी का विरोध किया था.उस समय भाजपा अध्यक्ष रहे गडकरी ने कहा, ‘‘कुमार और अरुण जेटली मुझसे मिले थे और कुमार ने यह मुददा उठाया था.’’ किशनगंज से जदयू उम्मीदवार अख्तारुल ईमान के चुनाव से हटने पर गडकरी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के उम्मीदवार मौलाना असरारुल हक को फायदा पहुंचाने के लिए यह काम कांग्रेस की मिलीभगत से हुआ है.
लोकसभा चुनाव में भाजपा के अनुच्छेद 370 का मुद्दा उठाये जाने पर उसके वरिष्ठ नेता और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने आज स्पष्ट किया कि यह उनकी पार्टी का पुराना एजेंडा है जो कि चुनावी घोषणा पत्र का भी हिस्सा बना है पर यह राजग का एजेंडा नहीं है.
पटना में आज संवादाताओं को संबोधित करते हुए गडकरी ने अनुच्छेद 370 के बारे में कहा कि यह हमारा एजेंडा है और केंद्र में पूर्ण बहुमत पाने की स्थिति में भाजपा इसको लेकर निर्णय लेगी. भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य गडकरी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह पूर्व की तरह यह राजग का नहीं बल्कि भाजपा का एजेंडा है.
अनुच्छेद 370 को शामिल किया जाना जो कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करता है, अयोध्या में राम मंदिर और युनिफार्म सिविल कोड जैसे मुद्दों को भाजपा द्वारा इस लोकसभा चुनाव के लिए जारी अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करने पर विरोध दलों द्वारा आलोचना की जा रही है.
भाजपा द्वारा इन विवादित मुद्दों को फिर से उठाए जाने पर इसकी जदयू, कांग्रेस और राजद द्वारा आलोचना किए जाने के बारे में आरएसएस के मुख्यालय नागपुर से चुनाव लड़ रहे गडकरी ने कहा कि इन तीनों दलों पर मल्टी कम्युनल दल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस, लालू प्रसाद (राजद सुप्रीमों) और नीतीश कुमार (जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के मुख्यमंत्री) सांप्रदायिकता और जातिवाद की लगातार बात कर समाज में जहर घोल रहे हैं.उन्होंने मल्टी कम्युनल के अर्थ को स्पष्ट करते हुए कहा कि इसका मतलब सांप्रदायिकता की चरम स्थिति यानी सौ प्रतिशत सांप्रदायिक होना है.