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रामकृपाल ने कहा, मोदी की लहर के साथ -साथ मेरा काम भी मुझे पाटलिपुत्र में जीत दिलायेगा

नयी दिल्ली : लोकसभा चुनाव में अपनी जीत का दावा करते हुए राजद का दामन छोडकर भाजपा में शामिल हुए रामकृपाल यादव ने कहा कि पाटलिपुत्र सीट पर लालू से विचारों की लडाई है तथा उनकी पुत्री एवं पाटलिपुत्र से राजद प्रत्याशी मीसा भारती से उनका चाचा-भतीजी का रिश्ता बना रहेगा. रामकृपाल ने बताया, ‘‘पूरे […]

नयी दिल्ली : लोकसभा चुनाव में अपनी जीत का दावा करते हुए राजद का दामन छोडकर भाजपा में शामिल हुए रामकृपाल यादव ने कहा कि पाटलिपुत्र सीट पर लालू से विचारों की लडाई है तथा उनकी पुत्री एवं पाटलिपुत्र से राजद प्रत्याशी मीसा भारती से उनका चाचा-भतीजी का रिश्ता बना रहेगा. रामकृपाल ने बताया, ‘‘पूरे देश में मोदी लहर चल रही है, लोग विकास चाहते हैं. इसके साथ मेरे पक्ष में मेरा काम भी महत्वपूर्ण कारक है जो मुझे जीत दिलायेगा.’’

उन्होंने दावा किया कि ‘मोदी लहर’, जदयू के निवर्तमान सांसद रंजन यादव के प्रति लोगों की नाराजगी और इस क्षेत्र से अपने 25 वर्षो के रिश्ते के आधार पर उन्हें जीत का पक्का विश्वास है. मीसा भारती के ‘चाचा’ संबोधित किये जाने के बारे में पूछे जाने पर रामकृपाल ने कहा, ‘‘उस परिवार के साथ तीन दशक से अधिक का संबंध रहा है. यह विचारों की लडाई है क्योंकि पार्टी विचारधारा से भटक गई है. बच्चों से रिश्ते रहे हैं, रहेंगे. इसमें क्या बुराई है.’’बिहार की पाटलिपुत्र सीट पर इस चुनाव में जदयू के निर्वतमान सांसद रंजन प्रसाद यादव, भाजपा के रामकृपाल यादव, राजद की मीसा भारती के बीच मुकाबला दिलचस्प एवं कांटे का है. रामकृपाल और रंजन प्रसाद यादव लालू यादव के सहयोगी रह चुके हैं जबकि मीसा उनकी पुत्री हैं. रंजन यादव राजद छोडकर जदयू में शामिल हुए और एक समय लालू के काफी करीबी माने जाते थे.

भाजपा में शामिल होने से पहले रामकृपाल राजद के महासचिव थे. राजद छोडने के बारे में पूछे जाने पर रामकृपाल यादव ने कहा, ‘‘ राजद अपनी मूल अवधारणा से भटक गई है जो सामाजिक न्याय की है. अब सामाजिक न्याय के स्थान पर राजद में पारिवारिक न्याय को तवज्जो दी जा रही है.’’ जदयू उम्मीदवार रंजद प्रसाद यादव की चुनौती के बारे में पूछे जाने पर रामकृपाल ने कहा ‘‘पिछले पांच वर्षो में जदयू सांसद ने कुछ नहीं किया, क्षेत्र में लोगों के बीच नहीं आए. मैं 25 वर्षो से क्षेत्र के लोगों से जुडा रहा हूं. लोगों के सुख दुख में आया. क्षेत्र के लिए एक-एक मिनट लगाया.’’

बिहार की पाटलिपुत्र सीट इस बार लालू, नीतीश और भाजपा तीनों के लिए काफी महत्वपूर्ण बन गया है जहां 17 अप्रैल को चुनाव होने हैं. मोदी ने कुछ ही दिन पहले यहां चुनावी रैली को संबोधित किया था. लालू प्रसाद भी अपनी पुत्री की जीत सुनिश्चित करने के लिए जबर्दस्त अभियान चलाये हुए हैं जबकि नीतीश कुमार यह सीट जदयू के खाते में बरकरार रखकर अपने प्रतिद्वन्द्वी लालू प्रसाद पर सीधा आघात करना चाहते हैं. गौरतलब है कि पाटलिपुत्र सीट पर 16.61 लाख मतदाता है जो 20 उम्मीदवारों के किस्मत का फैसला करेंगे.

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