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बिहार : नोटबंदी में फर्जी बैंक खातों में रुपये जमा करनेवालों की संपत्ति हुई जब्त
पटना : गया के मोती बाबू उर्फ मोती पटवा ने नोटबंदी के दौरान स्थानीय बैंक की शाखा से मिलीभगत से करीब 30 करोड़ रुपये को बेनामी खातों के माध्यम से सफेद किया था. मोती बाबू के काले कारनामों का खुलासा आयकर विभाग के छापेमारी में हुई थी. इसके बाद पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट) […]
पटना : गया के मोती बाबू उर्फ मोती पटवा ने नोटबंदी के दौरान स्थानीय बैंक की शाखा से मिलीभगत से करीब 30 करोड़ रुपये को बेनामी खातों के माध्यम से सफेद किया था. मोती बाबू के काले कारनामों का खुलासा आयकर विभाग के छापेमारी में हुई थी. इसके बाद पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट) के तहत यह मामला इडी के पास चला गया.
इडी की जांच में पाया गया कि बेनामी खातों से स्थानीय के साथ नयी दिल्ली, मुंबई समेत कई अन्य शहरों के दर्जनों बड़े व्यापारियों के ब्लैक मनी को व्हाइट किया गया था. इसके बदले मोती को कमीशन मिला. फिलहाल वह जेल में है. इडी ने दो व्यापारियों की एक करोड़ 53 लाख रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की है. इसमें मुजफ्फरपुर का मां तारा एजेंसी के मालिक राजेश अग्रवाल और नयी दिल्ली स्थित मेसर्स हरिकृपा के मालिक आरके गुप्ता शामिल हैं.
मुजफ्फरपुर में राजेश अग्रवाल के दो फ्लैट और एक मकान, आरके गुप्ता की नयी दिल्ली की कुछ संपत्तियों को भी जब्त किया गया है. जांच के दौरान यह बात सामने आयी कि गया के बैंक ऑफ इंडिया में एक बेनामी खाते को खोलकर इसमें 82 लाख 50 हजार रुपये जमा कर दिये गये थे.
जिस व्यक्ति के दस्तावेज को आधार बना कर यह खाता खोला गया था, उसे इसके बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी और उसने इस बैंक में कभी कोई खाता ही नहीं खुलवाया था. पेशे से रिक्शा चलाने वाले इस व्यक्ति को बैंक एकाउंट के बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी. इस बेनामी खाते में रुपये को जमा कराने के बाद इसे मां तारा एजेंसी के खाते में फिर हरिकृपा के एकाउंट में भेजे गये. अंत में नयी दिल्ली के व्यापारी आरके गुप्ता के पास रुपया पहुंचे.
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