पटना: ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड की जांच में सीबीआइ को कुछ ऐसे इनपुट हाथ लगे हैं, जिनसे इस बहुचर्चित हत्याकांड से परदा हट सकता है. सीबीआइ की टीम ने शुक्रवार को बेऊर जेल में बंद कुख्यात शंकर दयाल सिंह उर्फ फौजी से घंटों पूछताछ की है. सीबीआइ के एसपी राजीव रंजन ने इसकी पुष्टि की है, लेकिन पूछताछ में सामने आये तथ्यों के बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया.
लेकिन, सूत्र बताते हैं कि 30 मार्च को मनेर के दियारे में पुलिस मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार आपराधिक गिरोह के सरगना शंकर दयाल सिंह उर्फ फौजी का इस हत्याकांड से कनेक्शन हो सकता है. इस बहुचर्चित हत्याकांड में कुछ सफेदपोशों और नेताओं से भी पूछताछ हो सकती है.
एक और अपराधी की तलाश में: सूत्र बताते हैं कि सीबीआइ ने यह पूछताछ पटना पुलिस से मिले कुछ इनपुट के आधार पर की है. 30 मार्च को मनेर के लोदीपुर-ब्यापुर दियारा क्षेत्र में देर रात पांच घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद गिरफ्त में आये शंकर दयाल सिंह उर्फ फौजी ने पटना पुलिस के समक्ष दिये अपने बयान में राज्य के कई ऐसे कुख्यात अपराधियों व नेताओं के नाम बताये हैं, जिनकी संलिप्तता ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में
सामने आयी है. हालांकि, सीबीआइ की टीम बेऊर जेल में बंद फौजी के अलावा रोहतास जिले के बिक्रमगंज थाने जोगिया गांव के रहनेवाले एक और कुख्यात नंद गोपाल पांडेय उर्फ फौजी की तलाश में थी. शंकर दयाल सिंह उर्फ फौजी की गिरफ्तारी के बाद उसके बयान को आधार बना कर सीबीआइ टीम ने बेऊर में उससे पूछताछ की है.
बेऊर जेल में बंद फौजी ने सीबीआइ के समक्ष भोजपुर और रोहतास में सक्रिय कई सफेदपोशों के नाम सीबीआइ को बताये हैं और अपराधी गिरोहों के बीच अपराध की बड़ी वारदातों को अंजाम देने के लिए आपस में हथियारों की लेन-देन की भी बात स्वीकारी है. अब सीबीआइ इस मामले में फौजी गिरोह का ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या से कनेक्शन खंगालने में जुट गयी है. उल्लेखनीय है कि विगत एक जून, 2012 को ब्रह्मेश्वर मुखिया की आरा के कतिरा मुहल्ला स्थित उनके आवास के पास गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी.