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सोन में महज दस घाटों की मंजूरी, पर दो दर्जन से अधिक घाटों से हो रहा बालू खनन

‘सोने’ की लूट. एक घाट की अनुमति, पर कई घाटों का कट रहा चालान सुमित कुमार पटना : अवैध खनन में जुटे बालू माफिया सरकारी सिस्टम को ध्वस्त करने के लिए लगातार नये पैंतरे इस्तेमाल कर रहे हैं.इ-चालान का घालमेल करने के साथ ही माफिया तत्व एक ही अनुमति प्राप्त घाट के लाइसेंस पर कई […]

‘सोने’ की लूट. एक घाट की अनुमति, पर कई घाटों का कट रहा चालान
सुमित कुमार
पटना : अवैध खनन में जुटे बालू माफिया सरकारी सिस्टम को ध्वस्त करने के लिए लगातार नये पैंतरे इस्तेमाल कर रहे हैं.इ-चालान का घालमेल करने के साथ ही माफिया तत्व एक ही अनुमति प्राप्त घाट के लाइसेंस पर कई घाटों से उठाव होनेवाले बालू का चालान निर्गत करने का खेल भी खेल रहे हैं. ऐसा नहीं है कि इस गोरखधंधे की जानकारी जिला खनन या स्थानीय पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को नहीं है. लेकिन, सब लोग जानबूझ कर आंखें मूंद बैठे रहते हैं.
इ-चालान व मैनुअल चालान में हेरफेर : खनन के लिए
अधिकृत एजेंसी द्वारा स्वीकृत घाट से काफी दूर जाकर चालान केंद्र
बनाया जाता है, ताकि दूसरे अस्वीकृत घाटों से आनेवाले बालू लदे वाहनों का चालान भी काटा जा सके. बिहटा व मनेर में कई जगहों पर यह स्थिति देखी जा सकती है. इ-चालान व मैनुअल चालान में हेरफेर कर खनन एजेंसी वास्तविक कटनेवाले चालान का हिसाब-किताब छिपा लेती है.
निर्धारित क्षेत्रफल से कई गुना अधिक भाग में खुदाई : बालू खनन का ठेका प्राप्त कंपनी को बिहटा में चार घाटों पांडेयचक, कटेसर, आनंदपुर और महुआर से ही बालू खनन की स्वीकृति प्राप्त है. इसमें भी कितने क्षेत्रफल भाग में खुदाई की जानी है, यह तय है. लेकिन नियमों का उल्लंघन करते हुए एजेंसी महुआर और पांडेयचक जैसे घाटों पर निर्धारित से दोगुने से अधिक भाग पर खनन का काम कर रही है. इसके साथ ही छोटे-छोटे घाटों जैसे बिंदौल, दोघडा, निसरपुरा आदि से भी तेजी से बालू की निकासी की जा रही है.
पर्यावरण को भी पहुंचा रहे नुकसान
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय तथा सिया (स्टेट इन्वायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी) की अनुमति के बाद ही खान एवं भूतत्व विभाग किसी भी घाट पर खनन की मंजूरी देता है. अवैध खुदाई से जहां नदी की धारा बदलने का खतरा होता है, वहीं इसके दूसरे कई पर्यावरणीय नुकसान भी हैं. इसके बावजूद प्रशासन अवैध खनन को लेकर लापरवाह है. जानकारी के मुताबिक बिहटा, मनेर व बिक्रम के डेढ़ दर्जन से अधिक अवैध घाटों पर खनन का काम चल रहा है.
वेबसाइट पर स्वीकृत घाटों की सूची
जिला खनन पदाधिकारी मनोज कुमार अंबष्ट को भी स्वीकृत घाटों के संबंध में कोई सटीक जानकारी नहीं है. प्रभात खबर के संवाददाता द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुझे अच्छी तरह याद नहीं. शायद सोन नदी पर छह या आठ घाट स्वीकृत हैं.
वेबसाइट पर स्वीकृत घाटों की डिटेल उपलब्ध है, आप वहां पर जाकर देख सकते हैं. वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक पूरे जिले में 50 घाटों पर ही खनन की मंजूरी मिली हुई है. इनमें सोन नदी पर 10 घाट, गंगा नदी पर 11 घाट, पुनपुन नदी पर 20 घाट, दरधा नदी पर छह घाट और धोबा नदी के तीन घाट शामिल हैं.
सोन पर इन घाटों से खनन की अनुमति
घाट क्षेत्रफल
पानेचक घाट 15
कटारी घाट 23.16
चिल्का टोला घाट 24
कटेसर घाट 22
आनंदपुर घाट 12
रानी तालाब घाट 17
महाबलीपुर घाट 10
महुआर घाट 11
पतीला घाट 22
राजीपुर घाट 23.9
नोट : क्षेत्रफल हेक्टेयर में
(खान एवं भूतत्व विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, इन सभी घाटों पर खनन की अनुमति ब्रॉडसन कमोडिटिज प्राइवेट लिमिटेड, कोईलवर चौक, भोजपुर को दी
गयी है.)

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