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जब है सरकारी सवारी, तो क्यों खरीदें गाड़ी

पटना: राज्य के साढ़े तीन लाखकर्मियों की संपत्ति ऑनलाइन कर दी गयी है. इसमें मुख्य सचिव से लेकर ग्रुप-सी तक के कर्मियों ने अपनी संपत्ति का खुलासा किया है. अफसरों के पास संपत्ति तो है, लेकिन निजी गाड़ियां शायद ही किसी के पास हैं. 94 आइएएस अधिकारियों ने अपनी संपत्ति नहीं बतायी है. उन्हें 15 […]

पटना: राज्य के साढ़े तीन लाखकर्मियों की संपत्ति ऑनलाइन कर दी गयी है. इसमें मुख्य सचिव से लेकर ग्रुप-सी तक के कर्मियों ने अपनी संपत्ति का खुलासा किया है. अफसरों के पास संपत्ति तो है, लेकिन निजी गाड़ियां शायद ही किसी के पास हैं. 94 आइएएस अधिकारियों ने अपनी संपत्ति नहीं बतायी है. उन्हें 15 दिन का मोहलत देते हुए चेतावनी दी गयी है कि अगर इस अवधि में विवरणी नहीं दी, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

मंगलवार को बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन ने संपत्ति को ऑनलाइन किया है. राज्य सेवा व ग्रुप सी के जिन कर्मियों ने अपनी संपत्ति की विवरणी नहीं दी है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. शिकायत मिलने पर उसका क्रास वेरिफिकेशन किया जायेगा.

आइएएस व आइपीएस अधिकारियों ने जो संपत्ति की विवरणी दी है उसमें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चल रहे अफजल अमानुल्लाह सबसे धनी हैं तो गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी सबसे गरीब हैं. मुख्य सचिव एके सिन्हा के पास नकदी नहीं है, लेकिन बैंकों में 45 लाख रुपये जमा हैं. आइपीएस अधिकारियों की बात करें तो उनके पास नकद 15 हजार है, पर बैंक में 65.17 लाख रुपये जमा हैं. निगरानी के डीजी पीके ठाकुर के पास नकद पांच हजार और बैंक में 20 हजार जमा है. सामान्य प्रशासन के प्रधान सचिव के पास नकद और नोएडा व दिल्ली के आलोक विहार में आलीशान बंगला है.

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