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सफलता: पुलिस के लिए पहेली था दुर्गेश, फर्जी जमानत पर छूट कर छह साल से छकाता रहा

पटना : दुर्गेश शर्मा की गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. यह 2002 में हत्या के एक मामले में पकड़ा गया था. लेकिन यह 2011 में फर्जी जमानत के कागजात पर छूट गया था. पुलिस को इसकी भनक जब तक लगती, तब तक यह अंडरग्राउंड हो चुका था. जमानत में राजू […]

पटना : दुर्गेश शर्मा की गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. यह 2002 में हत्या के एक मामले में पकड़ा गया था. लेकिन यह 2011 में फर्जी जमानत के कागजात पर छूट गया था. पुलिस को इसकी भनक जब तक लगती, तब तक यह अंडरग्राउंड हो चुका था. जमानत में राजू उर्फ बीसी ने अहम भूमिका निभायी थी. पुलिस ने राजू उर्फ बीसी को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन दुर्गेश हाथ नहीं आया था. फर्जी जमानत पर छूटने के मामले में कोतवाली थाने में भी प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. यह छह साल से पुलिस को छकाता रहा और पुलिस के लिए पहेली बन चुका था.

इसके गिरोह के तमाम सदस्यों को पटना पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता पायी, लेकिन इसे नहीं पकड़ पायी थी. इसने अपना ठिकाना बिहार के बजाये दिल्ली व मुंबई बना लिया था और किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए ही पटना आता था. इसके गुर्गे रंगदारी की रकम को इस तरह पहुंचा देते थे और इन्हीं गुर्गों के माध्यम से आइजी ऑपरेशन को जानकारी मिली कि वह पटना में फिर आ कर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाला है.
पकड़ने के लिए रखा गया था 50 हजार का इनाम
दुर्गेश शर्मा की गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. यह 2002 में हत्या के एक मामले में पकड़ा गया था. लेकिन यह 2011 में फर्जी जमानत के कागजात पर छूट गया था. पुलिस को इसकी भनक जब तक लगती, तब तक यह अंडरग्राउंड हो चुका था. जमानत में राजू उर्फ बीसी ने अहम भूमिका निभायी थी. पुलिस ने राजू उर्फ बीसी को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन दुर्गेश हाथ नहीं आया था. फर्जी जमानत पर छूटने के मामले में कोतवाली थाने में भी प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. यह छह साल से पुलिस को छकाता रहा और पुलिस के लिए पहेली बन चुका था.
इसके गिरोह के तमाम सदस्यों को पटना पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता पायी, लेकिन इसे नहीं पकड़ पायी थी. इसने अपना ठिकाना बिहार के बजाये दिल्ली व मुंबई बना लिया था और किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए ही पटना आता था. इसके गुर्गे रंगदारी की रकम को इस तरह पहुंचा देते थे और इन्हीं गुर्गों के माध्यम से आइजी ऑपरेशन को जानकारी मिली कि वह पटना में फिर आ कर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाला है.
रखना पड़ा इनाम
पटना पुलिस ने लाख कोशिश की, लेकिन दुर्गेश को नहीं पकड़ सकी. दुर्गेश का राइट हैंड मुनचुन भी गिरफ्तार होने के बाद उसके लोकेशन की जानकारी नहीं दी. 2016 में एसएसपी मनु महाराज ने दुर्गेश को पकड़ने के लिए 50 हजार रुपए इनाम की अनुशंसा की थी और इसके बाद सरकार ने इनाम जारी कर दिया था.
पुलिस लेगी रिमांड पर
पटना पुलिस दुर्गेश शर्मा को रिमांड पर लेगी और पूछताछ करेगी. उससे किस तरह से फर्जी जमानत के कागजात तैयार करने और बेऊर जेल से बाहर निकलने में मदद करने वाले लोगों के नामों की जानकारी ली जायेगी. इसके अलावा संतोष सिंह हत्याकांड, स्वर्ण व्यवसायी रविकांत मामले में भी पूछताछ की जायेगी.

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