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चुनाव में पुलिसकर्मी शहीद हुए, तो नहीं मिल पायेगी बीमा राशि!

निर्वाचन आयोग की अनुमति के इंतजार में अटका बीमा पॉलिसी का नवीकरण पटना : पुलिस मुख्यालय की लेट-लतीफी का खामियाजा नक्सलग्रस्त इलाके में चुनाव ड्यूटी में प्रतिनियुक्त होनेवाले 56780 पुलिसकर्मियों को भुगतना पड़ सकता है. चाहे वह बिहार पुलिस के जवान हो चाहे केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान, उनके लिए लाख टके का सवाल बना […]

निर्वाचन आयोग की अनुमति के इंतजार में अटका बीमा पॉलिसी का नवीकरण

पटना : पुलिस मुख्यालय की लेट-लतीफी का खामियाजा नक्सलग्रस्त इलाके में चुनाव ड्यूटी में प्रतिनियुक्त होनेवाले 56780 पुलिसकर्मियों को भुगतना पड़ सकता है. चाहे वह बिहार पुलिस के जवान हो चाहे केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान, उनके लिए लाख टके का सवाल बना हुआ है कि अगर चुनाव ड्यूटी के दौरान कोई पुलिसकर्मी नक्सली वारदात में शहीद होते हैं, तो उन्हें आर्थिक मदद

कैसे मिलेगी- बीमा की राशि का क्या होगा.

सामान्य परिस्थिति में सरकार की ओर से सामान्य बीमा के तहत 10 लाख रुपये देने का प्रावधान है. इसके अतिरिक्त चुनाव कार्य में लगे कर्मियों को विशेष समूह जीवन बीमा कराया जाता है. बीमा पॉलिसी की अवधि सात अप्रैल को समाप्त हो जायेगी, जबकि प्रथम चरण का मतदान 10 अप्रैल को होना है और पुलिस कर्मियों की प्रतिनियुक्ति सात अप्रैल के बाद इन क्षेत्रों में हो जायेगी. पुलिस मुख्यालय बीमा कंपनियों से करार करने के लिए निविदा जारी करने की अनुमति निर्वाचन आयोग से मांगी है. अगर आयोग से सहमति मिल भी जाती है, तो क्या प्रथम चरण के मतदान तक क्या यह करार हो पायेगा, यह लाख टके का सवाल बना हुआ है.

सामान्य ग्रुप बीमा से अलग है विशेष समूह जीवन बीमा

पुलिस मुख्यालय सूत्रों के अनुसार, सघन रूप से नक्सलग्रस्त औरंगाबाद, गया, जमुई, नवादा, अरवल, जहानाबाद और सासाराम में शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए 56780 पुलिसकर्मियों की तैनाती होना है. इनमें जिला पुलिस बल के अलावा बीएमपी, होमगार्ड, सैप, सीआरपीएफ कोबरा, बीएसएफ, रेल पुलिस व एसटीएफ के जवान तैनात किये जायेंगे.

सामान्य ग्रुप बीमा के अलावा पुलिस कर्मियों व मतदान कर्मियों के लिए अलग से बीमा कंपनियों के साथ विशेष समूह जीवन बीमा कराया जाता है. प्रावधान के अनुसार, बीमा कंपनियों से प्रत्येक वर्ष विशेष समूह जीवन बीमा पॉलिसी का नवीकरण कराया जाता है. राज्य में छह चरणों में चुनाव होना है. परेशानी पहले व दूसरे चरण के मतदान को लेकर है. सघन रूप से नक्सलग्रस्त सात जिलों में 10 व 17 अप्रैल को मतदान होना है.

नक्सली हमले की आशंका

मुख्यालय के अधिकारियों के अनुसार, चुनाव के समय नक्सली घटनाएं अत्यधिक संख्या में होने की संभावना रहती है. पूर्व के चुनावों में भी नक्सली घटनाएं होती रही हैं. अब तक के रेकॉर्ड के मुताबिक चुनाव के दौरान लगभग एक दर्जन पुलिसकर्मी शहीद होते रहे हैं. पहले आमने-सामने मुकाबला होता था. अब बारूदी सुरंग से पुलिस गश्ती दल पर हमला होता है. विधानसभा चुनाव के दौरान शिवहर व औरंगाबाद में इस तरह की घटनाएं हुई थीं. पुलिसकर्मियों के लिए विशेष समूह जीवन बीमा पॉलिसी आठ अप्रैल, 2013 को हुई थी और इसकी वैधता सात अप्रैल, 2014 तक की अवधि के लिए न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के साथ करार हुआ था. अगर आयोग से निविदा जारी करने के लिए सहमति नहीं मिली, तो बड़ी परेशानी हो सकती है.

बीमा कंपनियों से करार के लिए निविदा जारी किया जाना है. इसके लिए निर्वाचन आयोग से सहमति मांगी गयी है. सहमति मिलते ही एग्रीमेंट कर प्रीमियम की राशि का भुगतान बीमा कंपनी को कर दी जायेगी. जल्द ही आयोग से सहमति मिल जायेगी. बीमा नवीकरण को लेकर कोई परेशानी नहीं होगी.

अभयानंद, डीजीपी

चुनाव कार्य में लगाये जाने वाले पुलिसकर्मियों को बीमित करने के लिए निविदा जारी होना है. इसके लिए आयोग से सहमति मांगी गयी है. सहमति प्रक्रियाधीन है. एक-दो दिन में पुलिस मुख्यालय को आयोग के निर्णय से अवगत करा दिया जायेगा.

आर लक्ष्मणन, अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी

सात से पहले करें बीमा कंपनियोंसे करार: एसोसिएशन

पटना. बिहार पुलिस एसोसिएशन के महामंत्री अभिनंदन यादव ने पुलिस के आला अधिकारियों से कहा है कि सात अप्रैल से पहले बीमा कंपनियों से करार होना चाहिए. नक्सलग्रस्त क्षेत्र में मतदान कराना बड़ी चुनौती है. नक्सली वारदात में अगर पुलिसकर्मी शहीद हुए, तो उनके परिवार को दुख की घड़ी में बीमा राशि बड़ी मदद पहुंचाती है. समय से पूर्व बीमा कंपनियों के साथ करार क्यों नहीं हुआ, यह पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के लिए बड़ा सवाल है. अब भी समय है, सरकार तुरंत कार्रवाई करे.

प्रावधान

बीमा कंपनियों से प्रत्येक वर्ष विशेष समूह जीवन बीमा पॉलिसी का नवीकरण कराया जाता है.

वर्तमान स्थिति

पुलिसकर्मियों के लिए विशेष समूह जीवन बीमा पॉलिसी आठ अप्रैल, 2013 को हुई थी. इसकी वैधता सात अप्रैल, 2014 तक है. इस अवधि तक के लिए न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से करार हुआ था.

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