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मौत के बाद टूटा दुख का पहाड़

राजेश पांडेय ,कुचायकोट शादी के वक्त अगिA के सात फेरे लेते हुए व्यवसायी दंपती ने साथ जीने मरने के अपने संकल्प को पूरा किया है. जिले के प्रमुख औद्योगिक बाजार सासामुसा में दंपती ने साथ जीने मरने के वादे को निभाते हुए दंपती ने एक साथ मौत को गले लगा लिया .डेढ़ दशक पूर्व हुई […]

राजेश पांडेय ,कुचायकोट

शादी के वक्त अगिA के सात फेरे लेते हुए व्यवसायी दंपती ने साथ जीने मरने के अपने संकल्प को पूरा किया है. जिले के प्रमुख औद्योगिक बाजार सासामुसा में दंपती ने साथ जीने मरने के वादे को निभाते हुए दंपती ने एक साथ मौत को गले लगा लिया .डेढ़ दशक पूर्व हुई दोनों की शादी के बाद अटूट प्रेम और संबंध था . किसी को यकीन भी नहीं हो रहा था कि दोनों की मौत एक साथ होगी, पर ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था . सासामुसा के प्रमुख व्यवसायी हरि प्रसाद के तीसरे पुत्र मनोज प्रसाद अपने भाइयों के बीच रह कर अपनी ज्वेलरी की दुकान को चलाता था .डेढ़ दशक पूर्व पश्चिम चंपारण के मधुबन में उसकी शादी चंपा देवी के साथ हुई थी . शादी के बाद दोनों के बीच अटूट प्रेम थ. इनके पुत्र प्रिंस कुमार सबसे बड़े हैं, जबकि मोहित कुमार 12 वर्ष पुत्री बबली दस वर्ष जन्म लिया . बजरंग टॉकिज से लेकर पवन टॉकिज तक इनका कारोबार फैला हुआ था . सभी भाइयों में इतना अगाध प्रेम था कि कभी कोई ऐसी घटना की कल्पना नहीं कर सकता था . बड़े भाई अमर प्रसाद की पत्नी कैंसर से पीड़ित थी, जिनका इलाज के दौरान मौत हो गयी . श्रद्धकर्म पूरी तैयारी के साथ किया गया . सभी सगे- संबंधी रिश्तेदार और आगंतुक से घर भरा हुआ था . सभी लोग भोज खाकर लौट चुके थे. उसके बाद अचानक छत से चंपा गिरी और बचाने के दौरान मनोज प्रसाद भी गंभीर रूप से घायल हो गये. इलाज के लिए ले जाते वक्त सदर अस्पताल में मनोज की मौत हो गयी,जबकि चंपा भी गोरखपुर पहुंचते ही दम तोड़ दी.

जब एक साथ उठी अरथी

..और जब व्यवसायी दंपती मनोज कुमार और चंपा देवी के परिजनों ने एक साथ अरथी उठायी तो पूरा बाजार फफक पड़ा . सब कुछ अनहोनी हो रही थी . श्रद्ध समाप्त होते ही इस परिवार पर अब दो लोगों के श्रद्ध करने की तैयारी हो चुकी है. दंपती की अरथी को लेकर परिजन और सगे संबंधी और बाजार के लोग श्मशान पहुंचे,जहां दाह संस्कार हुआ .

लोगों ने बंद रखा बाजार

सासामुसा बाजार के प्रमुख व्यवसायी हरि प्रसाद के पुत्र व्यवसायी मनोज प्रसाद तथा उनकी पत्नी चंपा देवी की मौत की खबर पर बाजारवासियों ने स्वत: अपनी- अपनी दुकानों को बंद कर दिया .बाजार बंद होने से करोड़ों रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ. शीतलहर के बीच दूर- दूर से खरीदारी करने आये लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ा.

परिजनों पर टूटा दुख का पहाड़

स्वर्ण व्यवसायी मनोज प्रसाद सोनी तथा उनकी पत्नी चंपा देवी की मौत से परिजनों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है. मनोज प्रसाद का सबसे बड़ा लड़का प्रिंस कुमार 15 वर्ष, जबकि मोहित 12 वर्ष तथा बहन बबली दस वर्ष की है. इन मासूम बच्चों के सिर से पिता की साया और मां का आंचल दोनों छिन गया . इनकी आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा था . बच्चे बार -बार अपनी मां और पिता के शव से लिपट कर चीत्कार में डूबे हुए थे. इस दृश्य को देख मौके पर मौजूद लोगों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा था. भाई ईश्वर जी प्रसाद ,विपिन प्रसाद ,जितेंद्र प्रसाद , कृष्णा प्रसाद सभी लोग आंसूओं में डूबे हुए थे.

..काश! ईश्वर ने मुङो मौत दी होती

दरवाजे पर मनोज और उसकी पत्नी चंपा की शव पड़े हुए थे . बेटा और पतोह के शव एक साथ देख हरि प्रसाद मानसिक संतुलन खो दिये थे. बार- बार उनके मुंह से एक ही आवाज आ रही थी काश भगवान मुङो मौत दे देते. काश मेरी उम्र मेरे बेटे की लगी होती तो शायद यह दिन देखने को नहीं मिलता. बड़ी बहू की श्रद्ध करने के बाद अभी लोग घर भी नहीं छोड़े नहीं थे कि दंपती की मौत ने पूरे परिजनों को हिला कर रख दिया है. इस घटना से हरि प्रसाद काफी सदमे में हैं.

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