नयी दिल्ली : 52 सालों के बाद ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करके देश का मान बढ़ाने वाली देश की पहली भारतीय महिला जिमनास्ट दीपा करमाकर का सफर काफी कांटों भरा रहा है. कभी सपाट पैर के कारण उन्हें इस खेल का हिस्सा नहीं बनाया जा रहा था, लेकिन दीपा ने अपने दृढ संकल्प से आज इस खेल का हिस्सा भर नहीं हैं, बल्कि 52 सालों में ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करके उन्होंने देश का मान बढ़ाया है. आइये उनके सफर के बारे में जानें.
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जानिये, दीपा करमाकर के जीवन से जुड़ी दस खास बातें
नयी दिल्ली : 52 सालों के बाद ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करके देश का मान बढ़ाने वाली देश की पहली भारतीय महिला जिमनास्ट दीपा करमाकर का सफर काफी कांटों भरा रहा है. कभी सपाट पैर के कारण उन्हें इस खेल का हिस्सा नहीं बनाया जा रहा था, लेकिन दीपा ने अपने दृढ संकल्प से आज […]
1. 9 अगस्त 1993 को अगरतला के त्रिपुरा में जन्मीं दीपा करमाकर महज 6 साल की उम्र से ही जिमनास्ट कर रही हैं.
2. जिमनास्ट में आने के लिए दीपा ने कड़ी मेहनत की. उनके पैर सपाट थे, जिस कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. आम तौर पर सपाट पैर वाले जिमनास्टों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है या फिर वो इस खेल का हिस्सा ही नहीं बन पाते हैं. लेकिन दीपा ने कड़ी मेहनत की और आज इस मुकाम तक पहुंच गयीं.
3. दीपा आज जहां हैं उस जगह पर पहुंचने में उनके कोच बिस्बेश्वर नंदी का काफी अहम रोल रहा है. नंदी अगर नहीं होते तो आज दीपा इस मुकाम पर नहीं होती. दीपा भी इस बात को मानती हैं कि वो आज अगर 52 साल के बाद ओलंपिक में क्वालिफाई करने वाली देश की पहली महिला जिमनास्ट बनीं हैं तो उसमें उनके कोच का काफी अहम रोल रहा है.
4. दीपा के कोच ने बताया कि जब वो उनके पास आयी थी तो उन्होंने देखा दीपा के पैर सपाट हैं. कोच ने बताया कि आम तौर पर सपाट पैर को जिमनास्ट के लिए सही नहीं माना जाता है. इससे खिलाड़ी को दौड़ने में, भागने में उच्छलने में काफी दिक्कत होती है. सपाट पैर वाले जिमनास्ट को पैर जमाने में काफी दिक्कत होती है.
5. कोच ने बताया दीपा और उनकी कड़ी मेहनत ने रंग लाया और आज दीपा ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी. कोच ने बताया कि दीपा के सपाट पैर को उन्हें मोड़ने में काफी दिक्कत हुई. लेकिन हमने हार नहीं मानी और दीपा ने कड़ी मेहनत की.
6. ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने जा रही दीपा ने अपना दर्द बयां किया. उन्होंने बीबीसी से बात करते हुए एक बार कहा था कि एक बार उनके पास पहनने के लिए जूते नहीं थे और उन्होंने किसी दूसरे से जूते उधार में लिये और ढीले-ढाले कपड़ों से ही जिमनास्ट स्पर्धा में हिस्सा लिया था.
7. दीपा करमाकर राष्ट्रीय,अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में कूल 77 मेडल जीत चुकी हैं. जिसमें 67 गोल्ड मेडल शामिल हैं.
8. दीपा ने 2014 में ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में देश के लिए कांस्य पदक जीता था. 2015 में राष्ट्रीय जिमनास्ट चैंपियनशिप में भी दीपा ने देश के लिए कांस्य पदक हासिल किया था. इसके अलावा दीपा ने 2007 में जूनियर राष्ट्रीय जिमनास्ट चैंपियनशिप में जीत दर्ज की थी.
9. ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय जिम्नास्ट बनकर इतिहास रचने के कुछ घंटों के बाद दीपा करमाकर ने आज यहां रियो ओलंपिक खेलों की परीक्षण प्रतियोगिता में वाल्ट्स फाइनल में स्वर्ण पदक जीता.
10. कठिन संघर्ष के बाद आज ओलंपिक के लिए क्वालिफाइ करने वाली दीपा भले ही अपने कोच की हर बात मानती हैं, लेकिन उन्हें खुब गुस्सा आता है. दीपा बताती हैं कि उन्हें अपने गुस्से पर कंट्रोल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है.
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