गुडगांव : भारतीय खेल समुदाय ने आज केरल के साई केंद्र में एक प्रशिक्षु की मौत पर गहरा शोक जताया और खिलाडियों से आग्रह किया कि वे आत्महत्या जैसा कदम उठाने के बजाय विपरीत परिस्थितियों से लड़ने के लिये जज्बा दिखायें. सीनियर खिलाडियों के उत्पीडन से तंग आकर चार लड़कियों ने सामूहिक आत्महत्या का प्रयास […]
गुडगांव : भारतीय खेल समुदाय ने आज केरल के साई केंद्र में एक प्रशिक्षु की मौत पर गहरा शोक जताया और खिलाडियों से आग्रह किया कि वे आत्महत्या जैसा कदम उठाने के बजाय विपरीत परिस्थितियों से लड़ने के लिये जज्बा दिखायें.
सीनियर खिलाडियों के उत्पीडन से तंग आकर चार लड़कियों ने सामूहिक आत्महत्या का प्रयास किया. उन्होंने जहरीला फल खाया जिसके कारण एक खिलाडी की मौत हो गयी जबकि तीन अन्य जिंदगी से जूझ रही हैं. महिला मुक्केबाज एम सी मैरीकाम ने यहां टाइम्स ऑफ इंडिया खेल पुरस्कारों से इतर कहा, यह बेहद दुखद है कि युवा लड़कियों ने आत्महत्या का प्रयास किया.
उन्होंने कहा, हम खिलाडियों को कई परेशानियों का सामना करना पडता है और देश के लिये पसीना बहाते हैं. इस तरह की घटनाएं उनके परिवार और भारतीय खेलों का नुकसान हैं. मुझे उन लड़कियों के परिवारों के लिये दुख है. इसके साथ ही मैं परेशान हूं कि उन्होंने आत्महत्या का प्रयास किया.
बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था. उन्होंने कहा, यह बेहद दुखद है. उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा होगा जिसके कारण उन्हें यह कदम उठाना पडा लेकिन मेरा मानना है कि हम खिलाड़ी हैं. हम फाइटर हैं और हमें लड़ाई जारी रखनी चाहिए. साइना ने कहा, हमें किसी से डरना नहीं चाहिए. परेशानियां आती हैं लेकिन हमें उनका सामना करना चाहिए. देश में बहुत अधिक खिलाडी नहीं हैं और उनकी अच्छी तरह से सुरक्षा की जानी चाहिए.
मैरीकोम ने कहा कि बेहतर होता कि लड़कियां पूरे साहस के साथ विपरीत परिस्थितियों का सामना करती. उन्होंने कहा, मैं नहीं जानती कि उन्होंने यह कदम क्यों उठाया लेकिन उन्हें चाहे कोच हो या कोई और हर किसी के खिलाफ लड़ना चाहिए था. लेकिन वे युवा लड़कियां है और मुश्किलों का सामना नहीं कर पायी.
एक अन्य बैडमिंटन स्टार पी वी सिंधु ने कहा, आत्महत्या बहुत बड़ा मसला है. मेरा मानना है कि किसी को भी अपनी समस्याएं साझा करनी चाहिए. केरल के रहने वाले भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने कहा कि खिलाडियों को समस्याओं से निबटने में अधिक साहस दिखाना चाहिए.
उन्होंने कहा, जो कुछ हुआ वह बेहद दुखद है. खिलाडियों को अधिक दृढता दिखानी चाहिए और आत्महत्या का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए. उनकी समस्याएं उनके खेल करियर की मानसिकता को नहीं प्रभावित करनी चाहिए. खिलाडियों को अपनी समस्याओं को अपने परिवार, बडों को बतानी चाहिए और उसका समाधान निकालना चाहिए.
देश के सबसे सफल क्यूइस्ट पंकज आडवाणी ने कहा, यह बेहद दुखद है कि हमारे देश में इस तरह की घटनाएं हुई. हालांकि हमेशा ऐसा नहीं होता. लेकिन जब ये होती है तब हमारी नींद टूटती है और तमाम तरह के सवाल करते हैं. जब हम खेल नीति बनाते हैं तब खिलाडियों पर ध्यान दिया जाना चाहिए. और यदि हम खिलाडियों पर फोकस नहीं करते हैं तो फिर इस तरह की घटनाएं होंगी.