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आईओए ने बॉक्सिंग इंडिया को मान्यता देने से किया इनकार

चेन्नई : भारतीय ओलंपिक संघ ने राष्ट्रीय महासंघ के रुप में बॉक्सिंग इंडिया के आवेदन को खारिज कर दिया. आईओए के अध्यक्ष एन रामचंद्रन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) ने बॉक्सिंग इंडिया को आईओए की इच्छा के विरुद्ध उस पर ‘थोपा’ है. रामचंद्रन ने यहां आईओए की वार्षिक आम बैठक के बाद संवाददाता […]

चेन्नई : भारतीय ओलंपिक संघ ने राष्ट्रीय महासंघ के रुप में बॉक्सिंग इंडिया के आवेदन को खारिज कर दिया. आईओए के अध्यक्ष एन रामचंद्रन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) ने बॉक्सिंग इंडिया को आईओए की इच्छा के विरुद्ध उस पर ‘थोपा’ है.

रामचंद्रन ने यहां आईओए की वार्षिक आम बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आईओए अब भी पूर्ववर्ती भारतीय एमेच्योर मुक्केबाजी महासंघ (आईएबीएफ) को मान्यता देता है जिसकी मान्यता को एआईबीए ने इसी साल रद्द कर दिया था. आईओए के आज के फैसले से अजीब स्थिति पैदा हो गई है जिसमें मुक्केबाजी की एक इकाई को अंतरराष्ट्रीय महासंघ स्वीकृति देता है जबकि दूसरी इकाई को देश का ओलंपिक संघ मान्यता देता है.

रामचंद्रन ने कहा, कार्यकारी परिषद की बैठक में मुक्केबाजी के मुद्दे पर लंबी चर्चा की गई और इस पर सर्वसम्मति से फैसला किया गया कि भारत में मुक्केबाजी की संस्था और आईओए से मान्यता प्राप्त संस्था आईएबीएफ होगी. एआईबीए ने बॉक्सिंग इंडिया और उसके चुनाव को मान्यता दी है. उनके चुनाव के लिए सरकार या आईओए ने कोई पर्यवेक्षक नहीं भेजा था. हमारे पास पहले ही आईएबीएफ के रुप में मान्यता प्राप्त संस्था है.
रामचंद्रन ने कहा, विवाद थे और इसे देखते हुए आईओए ने तदर्थ समिति का गठन किया लेकिन एआईबीए ने इसके बाद बाक्सिंग इंडिया को मान्यता दे दी. इसे थोपा गया था और उन्होंने (एआईबीए) कहा कि बाक्सिंग इंडिया अपने चुनाव कराएगा. आईओए ने यह मुद्दा एआईबीए अध्यक्ष के समक्ष उठाया. हमने कहा कि चुनाव आईओए के तत्वावधान में एआईबीए के पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में होने चाहिए. एआईबीए ने इन सुझावों को स्वीकार नहीं किया और बाक्सिंग इंडिया ने अपने चुनाव एआईबीए की निगरानी में कराए. आईओए प्रमुख ने साथ ही राष्ट्रीय खेल महासंघ से जुडे मामले में एकतरफा फैसला करने के लिए एआईबीए को लताड भी लगाई.
उन्होंने कहा, भारत में जब किसी राष्ट्रीय खेल महासंघ का चुनाव होता है तो आईओए को शामिल किया जाना चाहिए. जब दो समूहों में विवाद हो तो ऐसा जरुर होना चाहिए. आईओए को नजरअंदाज करना और एकतरफा फैसला करना किसी खेल के लिए अच्छा नहीं है. आज यह मुक्केबाजी के साथ हुआ और कल किसी अन्य खेल के साथ हो सकता है. किसी भी हालात में आईओए की स्वायत्ता के साथ समझौता नहीं किया जा सकता.
रामचंद्रन ने कहा, अंतरराष्ट्रीय महासंघ आईओए को यह नहीं वह सकता कि वह ‘एक्स’ को नहीं चाहता और उसकी जगह ‘वाई’ को लाया जाए. आप राष्ट्रीय ओलंपिक समिति को बाध्य नहीं कर सकते. वे दिन लद गए हैं.

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