ग्लास्गो : ओलिंपिक पदक विजेता सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त की अगुआई में भारतीय पहलवान मंगलवार से यहां कॉमनवेल्थ गेम्स की कुश्ती स्पर्धाओं में अपना दबदबा बनाने के इरादे से उतरेंगे.हालांकि, ग्रीको रोमन वर्ग को हटाये जाने से निश्चित तौर पर देश की पदकों की संख्या पर असर पड़ेगा. नयी दिल्ली में 2010 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में ग्रीको रोमन पहलवानों ने सात पदक (चार स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य) जीते थे. भारत ने कुश्ती में कुल 19 पदक जीते थे.
इस बार भी भारत का फ्रीस्टाइल दल काफी मजबूत लग रहा है. पिछले साल दिसंबर में फिला ने कुछ वजन वर्ग हटा दिया, जबकि कुछ में बदलाव किया, जिससे सुशील और योगेश्वर इस बार नये वजन वर्गों में उतरेंगे. सुशील ने अपने ओलिंपिक पदक 66 किग्रा फ्रीस्टाइल में जीते थे, लेकिन इस बार वह 74 किग्रा वजन वर्ग में चुनौती पेश करेंगे, जबकि योगेश्वर को 60 किग्रा की जगह 65 किग्रा वजन वर्ग में उतरना होगा.
अन्य भारतीयों में 57 किग्रा में अमित कुमार, 61 किग्रा में बजरंग पूनिया, 86 किग्रा में पवन कुमार और 97 किग्रा में सत्यव्रत कादियान चुनौती पेश करेंगे. वजन वर्गों में बदलाव का इन सभी पर कोई असर नहीं पड़ा है. भारतीय पहलवानों ने पिछले साल जोहानिसबर्ग में हुई कुश्ती चैंपियनशिप में 14 पदक और टीम खिताब जीता था. भारत ने तह सात स्वर्ण पर कब्जा जमाया था.