ब्रेडा (नीदरलैंड) : भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने शनिवार को यहां चैम्पियंस ट्राफी के अंतिम लीग मैच में मेजबान नीदरलैंड से 1-1 से ड्रॉ खेलने के बावजूद फाइनल में प्रवेश किया जहां उसका सामना दुनिया की नंबर एक टीम ऑस्ट्रेलिया से होगा.
भारत इस तरह लगातार दूसरी बार चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में प्रवेश किया. पहले तीन क्वार्टर गोल रहित रहे, फारवर्ड मंदीप सिंह ने हरमनप्रीत की ड्रैग फ्लिक पर रिबाउंड से 47वें मिनट में गोल कर भारत को 1-0 से आगे कर दिया. लेकिन आठ मिनट बाद मेजबानों ने थिएरी ब्रिंकमान की बदौलत बराबरी हासिल की जिन्होंने करीबी रेंज के शाट को नेट में पहुंचाया.
ऑस्ट्रेलिया को ओलंपिक चैम्पियन अर्जेंटीना से 2-3 से हार मिली थी लेकिन वह तालिका में शीर्ष पर रहा. भारत को रविवार को होने वाले फाइनल में पहुंचने के लिये केवल एक ड्रॉ की जरूरत थी और वह इससे दूसरे स्थान पर रहा. टूर्नामेंट के नियमों के अनुसार शीर्ष दो टीमें फाइनल के लिये क्वालीफाई करती हैं.
भारत के पास शुरू में बढ़त बनाने का मौका था लेकिन एस वी सुनील गेंद पर नियंत्रण नहीं बना सके और यह बाहर चली गयी. भारत ने नीदरलैंड के डिफेंस पर दबाव बनो रखा और तीसरे मिनट में पेनल्टी कार्नर हासिल किया लेकिन हरमनप्रीत की ताकतवर फ्लिक को नीदरलैंड के गोलकीपर सैम वान डर वेन ने बचा लिया.
भारत केा 13वें मिनट में भी एक पेनल्टी कार्नर मिला लेकिन उन्होंने यह मौका गंवा दिया. दूसरे क्वार्टर में दोनों टीमों के बीच करीबी मुकाबला देखने को मिला जिसमें नीदरलैंड ने लगातार दो पेनल्टी कार्नर हासिल किये जिसमें भारतीय गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने दूसरे का शानदार बचाव किया. भारतीय रक्षात्मक पंक्ति ने किसी भी तरह की खतरनाक स्थिति को नहीं आने दिया और दोनों टीमें 0-0 से बराबरी रहीं.
दूसरे हाफ के दो मिनट बाद नीदरलैंड के पास बढ़त बनाने का मौका था लेकिन श्रीजेश ने इसका अच्छा बचाव किया. भारत ने 47वें मिनट में मंदीप के पेनल्टी कार्नर से रिबाउंड गोल पर बढ़त बनायी, इससे पहले हरमनप्रीत के प्रयास को हालैंड की रक्षात्मक पंक्ति ने रोक दिया था.
हालांकि हूटर से पांच मिनट पहले ब्रिंकमान के गोल से बराबरी हासिल की. नीदरलैंड को फाइनल में पहुंचने के लिये एक जीत की दरकार थी, उसने लगातार तीन पेनल्टी कार्नर हासिल किये लेकिर भारतीय डिफेंस ने उन्हें जरा भी मौका नहीं दिया. भारत कल फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से खेलेगा जो 2016 चैम्पियंस ट्रॉफी फाइनल का दोहराव होगा जिसमें कूकाबूरा ने शूटआउट में जीत दर्ज की थी.