मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया के मध्यक्रम के बल्लेबाज एडम वोग्स ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला किया है और उनके अनुसार मेहमान श्रीलंका के खिलाफ कैनबरा में होने वाला अभ्यास मैच किसी अंतरराष्ट्रीय टीम के खिलाफ उनका आखिरी मैच होगा. वोग्स कल श्रीलंकाई टीम के खिलाफ प्रधानमंत्री एकादश की टीम की अगुवाई करेंगे. उन्होंने […]
मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया के मध्यक्रम के बल्लेबाज एडम वोग्स ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला किया है और उनके अनुसार मेहमान श्रीलंका के खिलाफ कैनबरा में होने वाला अभ्यास मैच किसी अंतरराष्ट्रीय टीम के खिलाफ उनका आखिरी मैच होगा. वोग्स कल श्रीलंकाई टीम के खिलाफ प्रधानमंत्री एकादश की टीम की अगुवाई करेंगे.
उन्होंने इस मैच की पूर्व संध्या पर संन्यास लेने के संकेत दिये. ईएसपीएनक्रिकइन्फो के अनुसार वोग्स ने कहा, ‘‘यह मेरे करियर का अंत होगा. मेरा ध्यान निश्चित तौर पर इस मैच में खेलने पर लगा है. ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम के साथ मेरे पिछले दो साल शानदार रहे और मैंने इसके प्रत्येक क्षण का लुत्फ उठाया. इसे मैं एक अंतरराष्ट्रीय टीम के खिलाफ खेलने के आखिरी मौके के रुप में देख रहा हूं और मैं निश्चित तौर पर इसे खेलने को लेकर उत्साहित हूं. ”
वोग्स अभी 37 वर्ष के हैं और उन्होंने दो साल पहले जून 2015 में वेस्टइंडीज के खिलाफ डोमिनिका में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था. उन्होंने नाबाद 130 रन बनाये और इस तरह से अपने पदार्पण मैच में शतक जड़ने वाले सबसे अधिक उम्र के खिलाड़ी बने. इंग्लैंड दौरे में हालांकि वह रन बनाने के लिये जूझते रहे लेकिन इसके बाद उन्होंने न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया.
वोग्स ने न्यूजीलैंड के खिलाफ नाबाद 269 रन बनाये और फिर वेस्टइंडीज के खिलाफ भी दोहरा शतक जड़ा. उनके नाम पर टेस्ट मैचों में बिना आउट हुए सर्वाधिक 634 रन बनाने का रिकार्ड है. वोग्स ने अपना आखिरी टेस्ट मैच नवंबर 2016 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होबार्ट में खेला था.
वोग्स ने इस तरह से 20 टेस्ट मैचों में पांच शतकों की मदद से 1485 रन बनाये और उनका औसत 61.87 रहा. बीस या इससे अधिक टेस्ट मैच खेलने वाले बल्लेबाजों में वह औसत के मामले में डान ब्रैडमैन के बाद दूसरे स्थान पर हैं. यहां तक कि 15 टेस्ट के बाद उनका औसत 95.50 था लेकिन श्रीलंका दौरे और उसके बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के कारण यह गिरकर 61.87 पर पहुंच गया.
दायें हाथ के इस बल्लेबाज ने हालांकि सीमित ओवरों की क्रिकेट में 2007 में पदार्पण कर लिया था. उन्होंने अपने करियर में 31 वनडे मैचों में 45.78 की औसत से 870 रन और सात टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 46.33 की औसत से 139 रन बनाये.